स्वास्थ्य के लिए बहुत गुणकारी है शतावरी, जानिए इसके स्वास्थ्यवर्धक फायदे
शतावरी को वैज्ञानिक भाषा मे एस्पेरागस रेसमोसुस कहा जाता है। शतावरी एक आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है, जो भावनात्मक और शारीरिक तनाव से राहत दिलाने में मदद कर सकती है। यह बहुत सारे एंटी-ऑक्सिडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुणों समेत कई आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो इसे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक बनाते हैं। आइए हम आपको कई अध्ययन और शोध पर आधारित शतावरी के इस्तेमाल से मिलने वाले स्वास्थ्य लाभों के बारे में बताते हैं।
सर्दी और खांसी से राहत दिलाने में सक्षम
सर्दी और खांसी होने पर घरेलू नुस्खे के रूप में शतावरी का इस्तेमाल किया जा सकता है। नेशनल सेंटर फॉर बायोटेक्नोलॉजी इंफॉर्मेशन (NCBI) की वेबसाइट पर प्रकाशित शोध के मुताबिक, शतावरी में विटामिन-C की अधिक मात्रा मौजूद होती है। विटामिन-C रोग निरोधक के रूप में कार्य करके सर्दी और खांसी जैसी समस्याओं से छुटकारा दिला सकता है। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण भी मौजूद होते हैं, जो गले की खराश और ब्रोंकाइटिस के इलाज में मदद करता है।
रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने में भी मददगार
आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होने के कारण शतावरी को इम्युनिटी बूस्टर माना जाता है। यह फाइबर, प्रोटीन, विटामिन-C, विटामिन-K, विटामिन-E, फोलेट और कार्ब्स से युक्त होती है। 2004 में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, जिन जानवरों का शतावरी की जड़ के अर्क से इलाज किया गया था, उनमें एंटी-बॉडी बढ़ी थी। इलाज किए गए जानवरों ने बेहतर प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया का प्रदर्शन किया और सामान्य जानवरों की तुलना में तेजी से ठीक हुए।
किडनी स्टोन के उपचार में असरदार
किडनी स्टोन एक कष्टदायक स्थिति है। ऐसे में इसके इलाज के लिए शतावरी का इस्तेमाल करना लाभदायक साबित हो सकता है। 2005 में चूहों पर किए गए एक अध्ययन से पता चला कि शतावरी की जड़ के अर्क में मौजूद ऑक्सालेट स्टोन के निर्माण को रोकने में मदद करता है। इसके अतिरिक्त, यह मूत्र में मैग्नीशियम के स्तर को भी बढ़ाता है। मैग्नीशियम किडनी स्टोन के जोखिम कम करने में काफी मदद कर सकता है।
डिप्रेशन से दिलाए राहत
डिप्रेशन आज एक आम बीमारी बन चुकी है और वर्तमान में दुनिया भर के कई लोग इससे पीड़ित हैं। उनमें से अधिकांश लोग एंटी-डिप्रेशन की दवा लेने से डरते हैं। हालांकि, शतावरी का इस्तेमाल ऐसी स्थितियों से निपटने में भी मदद कर सकता है। साल 2009 के एक अध्ययन से पता चला है कि यह जड़ी बूटी मस्तिष्क में न्यूरोट्रांसमीटर को प्रभावित करती है, जिससे संज्ञानात्मक गतिविधि में सुधार होता है और डिप्रेशन धीरे-धीरे कम होने लगता है।
मधुमेह के जोखिम कम करने में है सहायक
NCBI की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध के मुताबिक, शतावरी में एंटी-डायबिटीक प्रभाव मौजूद होता है, जो ब्लड शुगर को कम करने में मदद कर सकता है। इसके अलावा शतावरी में मौजूद एंटी-हाइपरग्लिसेमिक गुण भी मधुमेह की समस्या से बचाव करने और ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में सहायक हो सकता है। हालांकि, अगर आप मधुमेह की दवाई खा रहे हैं तो डॉक्टर की सलाह के बाद ही डाइट में शतावरी को शामिल करें।