स्तनपान कराने वाली महिलाओं के लिए लाभदायक हैं ये योगासन, जानिए अभ्यास का तरीका
डिलीवरी के बाद एक महिला कई शारीरिक और मानसिक बदलावों का सामना करती है। अगर वह अपने शिशु को स्तनपान कराती है तो इन स्वास्थ्य बदलावों का असर शिशु के स्वास्थ्य पर पड़ सकता है। ऐसे में रोजाना योगाभ्यास स्तनपान कराने वाली महिलाओं को मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ रख सकता है। आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं जो स्तनपान कराने वाली महिलाओं के स्वास्थ्य के लिए लाभदायक हैं।
मकरासन
सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को मोड़कर कोहनियों की नोक को जमीन पर टिकाएं। अब अपने सिर को थोड़ा आगे झुकाकर अपनी ठुड्डी को अपनी दोनों हाथों की हथेलियों पर रखें। इसके बाद सांस भरते हुए अपने दाएं पैर को मोड़ें और फिर सांस को छोड़ते हुए इसे सीधा कर लें। इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी इसी तरह दोहराएं। फिर कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।
चक्रासन
इस योगासन का अभ्यास करने के लिए सबसे पहले योगा मैट पर पैर फैलाते हुए पीठ के बल लेट जाएं। अब धीरे-धीरे अपने घुटनों को मोड़ें और एड़ियों को नितंबों से सटाएं। फिर अपनी कोहनियां मोड़कर हथेलियों को सिर के ऊपर से जमीन पर रखें। इसके बाद सामान्य तरीके से सांस लेते हुए धीरे-धीरे सिर को उठाने के साथ-साथ पीठ को मोड़ने की कोशिश करें। कुछ देर इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य हो जाएं।
उत्थित हस्त पदांगुष्ठासन
सबसे पहले योगा मैट पर सीधे खड़े हो जाएं। फिर सांस अंदर लें और दाएं पैर को ऊपर उठाकर घुटने को पेट के पास लाएं। अब अपना बायां हाथ कमर पर रखें और दाएं हाथ से दाएं पैर का अंगूठा पकड़ लें। इसके बाद सांस को छोड़ें और अपने दाएं पैर को बाहर की ओर घुमाकर फैलाएं। इस दौरान सिर को बायीं ओर घुमाएं और कुछ देर इसी मुद्रा में बने रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
बद्धकोणासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर अपने दोनों पैरों को आगे की ओर फैलाकर बैठ जाएं। अब पैरों को घुटने से मोड़कर अपने दोनों तलवों को आपस में मिला लें। इसके बाद दोनों हाथों से तलवों को पकड़ लें और अपने दोनों घुटनों को आराम-आराम से तितली के पंखों की तरह ऊपर-नीचे करें। इस दौरान सामान्य गति से सांस लेते रहें। कुछ सेकंड बाद धीरे-धीरे आसन को छोड़ दें।