नाभि खिसकने की समस्या से राहत दिलाने में सक्षम हैं ये योगासन, ऐसे करें अभ्यास
नाभि खिसकना एक कष्टदायक समस्या है। इसके पीड़ितों को पेट दर्द, दस्त, घबराहट और शरीर में कमजोरी होना बेहद आम है। आमतौर पर यह समस्या ऊंची जगह से कूदने, तेज दौड़ने और कोई भारी सामान उठाने जैसे कारणों से होती है। अगर यह लंबे समय तक रहती है तो इसके कारण कई गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। आप चाहें तो इससे कुछ योगासनों के अभ्यास से छुटकारा पा सकते हैं। आइए ऐसे ही योगासनों के अभ्यास का तरीका जानते हैं।
उत्तानपादासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सावधान मुद्रा में लेट जाएं और फिर अपनी दोनों आंखों को बंद कर लें। अब सांस भरते हुए अपनी दोनों टांगों को एक साथ ऊपर की तरफ उठाएं और 30 डिग्री के कोण तक ले जाकर रोक दें। कुछ देर इसी स्थिति में रहने के बाद धीरे-धीरे अपनी आंखें खोलें और फिर सांस छोड़ते हुए आसन को छोड़कर कुछ मिनट विश्राम करें। इसके बाद फिर से इस प्रक्रिया को दोहराएं।
मंडूकासन
सबसे पहले योगा मैट पर वज्रासन की अवस्था में बैठ जाएं और फिर अपने दोनों हाथों से मुठ्ठी बनाकर इन्हें अपनी नाभि के पास रख लें। अब सांस छोड़ते हुए आगे की ओर इस तरह से झुकें कि नाभि पर मुठ्ठी का ज्यादा से ज्यादा दबाव पड़े। इस दौरान सिर और गर्दन ऊपर उठाए रखें। धीरे-धीरे सांस लेते और छोड़ते हुए यथासंभव इस स्थिति को बनाए रखें। इसके बाद धीरे-धीरे आसन छोड़ दें और विश्राम करें।
नौकासन
इसके लिए सबसे पहले योगा मैट पर श्वासन की मुद्रा में बिल्कुल सीधे लेट जाएं। अब अपने दोनों पैरों के पंजों को आपस में जोड़ते हुए उन्हें सांस भरते हुए 45 डिग्री तक उठा लें। इसके बाद अपने दोनों हाथों को कंधे की सीध में उठाते हुए घुटनों की तरफ एकदम सीधा रखें। इसी अवस्था में अपने सिर और पीठ को भी उठाएं और नाव का आकार ले लें। इसके बाद सांस छोड़ते हुए धीरे-धीरे योगासन को छोड़ें।
मकरासन
सबसे पहले योगा मैट पर पेट के बल लेट जाएं और अपने दोनों हाथों को मोड़कर कोहनियों की नोक को जमीन पर टिकएं। अब अपने सिर को थोड़ा आगे झुकाकर अपनी ठुड्डी को अपनी दोनों हाथों की हथेलियों पर रखें। इसके बाद सांस भरते हुए अपने दाएं पैर को मोड़ें और फिर सांस को छोड़ते हुए इसे सीधा कर लें। इस प्रक्रिया को दूसरे पैर से भी इसी तरह दोहराएं। फिर कुछ मिनट बाद धीरे-धीरे सामान्य अवस्था में आ जाएं।