आनंद बालासन: स्वास्थ्य पर सकारात्मक प्रभाव डालता है यह योगासन, जानिए इससे जुड़ी महत्वपूर्ण बातें
क्या है खबर?
आनंद बालासन को अंग्रेजी में हैप्पी बेबी पोज कहा जाता है। इस योगासन के अभ्यास के दौरान व्यक्ति जैसे एक बच्चा अपने हाथों से अपने पैरों को पकड़ कर खुशी से लेटा रहता है, वैसी अवस्था में रहता है।
इस योगासन का अभ्यास करना जितना सरल है, इससे मिलने वाले फायदे उतने ही अधिक हैं।
चलिए आज इस योगासन के अभ्यास का तरीका और इससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातों के बारे में जानते हैं।
अभ्यास
आनंद बालासन कैसे किया जाता है?
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल लेट जाएं और गहरी सांस लें। अब सांस को छोड़ते हुए घुटनों को पेट के पास लाएं।
फिर अपने पैरों के तलवे को हाथों से पकड़कर उन्हें धीरे-धीरे ऊपर उठाएं और सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
ध्यान रखें कि इस दौरान घुटने छाती के किनारे से सटे हो और दोनों घुटने के मध्य में थोड़ी दूरी हो।
कुछ देर इसी अवस्था में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
सावधानियां
अभ्यास के दौरान जरूर बरतें ये सावधानियां
अगर आपको रीढ़ की हड्डी या फिर सिर से संबंधित कोई समस्या है तो आपको इस योगासन का अभ्यास करने से बचना चाहिए।
अगर आपको पेट से संबंधित कोई समस्या है या पेट की कोई सर्जरी हुई है तो भी इस योगासन का अभ्यास न करें।
अगर इस योगाभ्यास के दौरान कमर में किसी भी तरह की तकलीफ महसूस होती है तो इसका अभ्यास तुरंत छोड़ दें।
गर्भवती महिलाओं को भी इस योगासन का अभ्यास नहीं करना चाहिए।
फायदे
आनंद बालासन के नियमित अभ्यास से मिलने वाले फायदे
आनंद बालासन के नियमित अभ्यास से पीठ के निचले हिस्से को आराम मिलता है।
इस योगासन से रीढ़ की हड्डी, कूल्हों, कंधों, हैम्स्ट्रिंग, पैरों और हाथों में मजबूती आती है।
यह योगासन पाचन क्रिया की कार्यक्षमता पर सकारात्मक असर डालता है।
नियमित रूप से इस आसन का अभ्यास हृदय को स्वस्थ रखने में भी अहम भूमिका निभाता है।
इसके अलावा इससे न सिर्फ मेटाबॉलिज्म को सक्रिय रखने में मदद मिलती है, बल्कि इससे दिमाग भी शांत रहता है।
विशेष टिप्स
आनंद बालासन के अभ्यास से जुड़ी विशेष टिप्स
आनंद बालासन के अभ्यास के दौरान शरीर को एकदम सीधा रखें और किसी भी तरह का मूवमेंट न करें। ऐसा करने से इस योगासन का शरीर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
इस आसन को करते समय शरीर में अधिक तनाव पैदा न करें और शांत दिमाग से आनंद बालासन का अभ्यास करें।
इस योगासन का अभ्यास हमेशा खाली पेट करें और इस दौरान आपके कपड़े भी ढीले-ढाले होने चाहिए।