मानसून के दौरान रोजाना करें इन 5 योगासनों का अभ्यास, रहेगें स्वस्थ
क्या है खबर?
मानसून का मौसम बैक्टीरिया और मच्छरों को पनपने के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है, जिस कारण इस दौरान कई संक्रमण और बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए उनसे सुरक्षित रहने के लिए इम्यूनिटी का मजबूत होना महत्वपूर्ण है।
आइए आज हम आपको कुछ ऐसे योगासनों के अभ्यास का तरीका बताते हैं, जिनकी ध्यान और सांस लेने की तकनीक शरीर के बेहतर ऑक्सीजनेशन के माध्यम से मेटाबॉलिज्म और इम्यूनिटी को बढ़ावा दे सकती हैं।
#1
चक्रवकासन
इसके लिए पहले घुटनों के बल खड़े होएं और आगे की तरफ झुकते हुए दोनों हथेलियों को जमीन पर रखें।
इसके बाद पीठ को सीधा रखते हुए गहरी सांस लें, फिर सांस छोड़ते हुए पीठ को ऊपर की तरफ खींचे और नीचे देखें।
ऐसे ही फिर सांस लेते हुए पीठ को नीचे की तरफ खींचे और सामने देखें। ऐसा 2-3 मिनट तक लगातार करने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
#2
वीरभद्रासन
सबसे पहले जमीन पर पैरों को 3-4 फीट की दूरी तक फैलाकर खड़े हो जाएं और हाथों को कंधे की सीध में फैलाएं, फिर दाएं पैर को 90 डिग्री घुमाएं और शरीर को दाईं तरफ घुमाकर गहरी सांस लेते हुए दाएं घुटने को मोड़ें।
थोड़ी देर इसी अवस्था में रहें और फिर धीरे-धीरे वापस प्रारंभिक अवस्था में आ जाएं। इसके बाद इस प्रक्रिया को विपरीत दिशा से दोहराएं।
यहां जानिए वीरभद्रासन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।
#3
अधोमुख श्वानासन
सबसे पहले जमीन पर वज्रासन की मुद्रा में बैठ जाएं। इसके बाद सामने की तरफ झुकते हुए दोनों हाथों को जमीन पर रखें और कमर को ऊपर उठाएं। इस दौरान घुटनों को सीधा करके सामान्य रूप से सांस लेते रहें।
इस आसन में शरीर का पूरा भार हाथों और पैरों पर रखें और शरीर का आकार 'V' जैसे नजर आना चाहिए।
यहां जानिए अधोमुख श्वानासन से जुड़ी अन्य जरूरी बातें।
#4
भुजंगासन
सबसे पहले जमीन पर दोनों हाथों को कंधों के बराबर रखकर पेट के बल लेट जाएं।
अब शरीर का वजन दोनों हथेलियों पर डालते हुए सिर को उठाकर पीठ की तरफ खींचें। इस दौरान सिर को पीछे की तरफ खीचें और सीने को तानें।
कुछ मिनट इसी मुद्रा में रहने के बाद धीरे-धीरे सामान्य हो जाएं।
यहां जानिए भुजंगासन से जुड़ी सावधानियां और फायदे।
#5
सेतुबंधासन
सबसे पहले योगा मैट पर पीठ के बल सीधे लेटें।
अब पैरों को घुटनों से मोड़ें और अपने दोनों हाथों को एड़ियों के करीब लाने की कोशिश करें।
इसके बाद अपने कूल्हे और पैरों को धीरे-धीरे ऊपर की ओर उठाएं। कुछ सेकंड इसी मुद्रा में रहने के बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं।
यहां जानिए सेतुबंधासन से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण बातें।