कई समस्याओं का प्राकृतिक इलाज कर सकते हैं कान से जुड़े ये 5 एक्यूप्रेशर बिंदु
एक्यूप्रेशर एक चिकित्सक विधि है, जिससे शरीर के विभिन्न हिस्सों के महत्वपूर्ण बिंदुओं पर दबाव डालकर विभिन्न समस्याओं का प्राकृतिक इलाज किया जा सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि एक्यूप्रेशर बिंदु पर हल्का ही दबाव डालना होता है। आइए आज हम आपको कान और इसके पास मौजूद एक्यूप्रेशर बिंदुओं के बारे में बताते हैं, जो सामान्य सिरदर्द से लेकर असहनीय दांतों के दर्द को दूर करने में मदद कर सकते हैं।
ईयर एपेक्स
यह एक्यूप्रेशर बिंदु कान के शीर्ष पर होता है और इसे एर्जियन के नाम से भी जाना जाता है। ईयर एपेक्स पर हल्का-सा दबाव डालने से माइग्रेन से राहत मिल सकती और तनाव के कारण होने वाला सिरदर्द भी दूर हो सकता है। इसके अतिरिक्त इस बिंदु पर दबाव डालने से कान का दर्द भी कम हो सकता है। यहां जानिए वजन कम करने में सहायक एक्यूप्रेशर बिंदु।
वांगू GB12
वांगू GB12 बिंदु कान के नीचे होता है, जिस पर हल्के हाथ से दवाब डालते हुए मसाज करें। 3 मिनट तक लगातार हल्की मसाज करने से यह बिंदु जागृत हो जाता है, जिससे हाई ब्लड प्रेशर को कम करने में मदद मिल सकती है। इसके अतिरिक्त इस एक्यूप्रेशर बिंदु पर हल्का-सा दबाव डालने से सिरदर्द, अनिद्रा, गर्दन की अकड़न और सांस लेने में दिक्त होने जैसी समस्याओं का भी इलाज हो सकता है।
विंड स्क्रीन
यह बिंदु ईयरलोब के ठीक पीछे होता है और माइग्रेन के दर्द को कम करने में मदद कर सकता है। विंड स्क्रीन बिंदु सिरदर्द और कान के दर्द से भी राहत दिला सकता है और आपको बेहतर नींद दिलाने में भी मदद कर सकता है। जबड़े के दर्द, सिरदर्द, चेहरे की ऐंठन और दांतों के दर्द से राहत पाने के लिए कम से कम 3 से 5 मिनट तक दोनों कानों के विंड स्क्रीन बिंदु पर हल्का दबाव डालें।
ईयर गेट
ईयर गेट बिंदु ईयरलोब की शुरुआत में होता है और इसे सैन जिओ 21 या SJ 21 के नाम से भी जाना जाता है। इस बिंदु पर हल्का दबाव डालने से सिरदर्द कम हो सकता है और दिमाग को भी आराम मिल सकता है। इसके अतिरिक्त इस एक्यूप्रेशर बिंदु पर दबाव डालने से कान का दर्द, माइग्रेन, टिनिटस और दांत का दर्द भी ठीक हो सकता है। यहां जानिए एक्यूप्रेशर और एक्यूपंक्चर में अंतर।
डैथ
डैथ एक्यूप्रेशर बिंदु कान के केंद्र के ठीक ऊपर होता है। इस बिंदु पर दबाव डालने से तनाव के कारण होने वाला सिरदर्द और तनाव उत्पन्न करने वाले कोर्टिसोल हर्मोंन के स्तर को कम करने में मदद मिल सकती है। अमेरिकन माइग्रेन फाउंडेशन के अनुसार, कुछ लोग माइग्रेन के दर्द और इससे जुड़े लक्षणों जैसे ब्रेन फॉग और गर्दन में दर्द से राहत पाने के लिए डैथ बिंदु पर पियर्सिंग करवाते हैं।