इंटरमिटेंट फास्टिंग करते हैं? भूल से भी न करें ये 5 गलतियां
क्या है खबर?
इंटरमिटेंट फास्टिंग वजन घटाने के लिए उपवास का इस्तेमाल करने का एक तरीका है।
इस डाइट में खाने का एक अलग पैटर्न होता है। इसका पालन करने वाला व्यक्ति अपनी सुविधानुसार एक निर्धारित समय का चयन करके कुछ समय उपवास रखता है, जबकि बचा समय खाने का होता है।
हालांकि, इससे फायदे तभी मिल सकते हैं, जब आप इसके दौरान कुछ गलतियां करने से बचें।
आइए जानते हैं कि इंटमिटेंट फास्टिंग के दौरान कौन-सी सामान्य गलतियों से बचना चाहिए।
#1
एकदम से डाइट को बदलना
अगर आप यह सोचते हैं कि एकदम से डाइट को बदलकर इंटरमिटेंट फास्टिंग का पालन करने से तेजी से वजन घटने लगेगा तो वास्तव में ऐसा करना गलत है।
एकदम से डाइट को बदलने पर कई तरह की शारीरिक समस्याएं हो सकती हैं।
बेहतर यही होगा कि आप शुरुआत में उपवास के समय को कम रखें। आप 12 घंटे का उपवास रखें और 12 घंटे खाएं, फिर 1-2 महीने में धीरे-धीरे खाने के समय को कम करें।
#2
पानी के सेवन पर ध्यान न देना
अमूमन लोग किसी भी डाइट का पालन करते समय खाद्य पदार्थों पर अच्छे से ध्यान देते हैं, लेकिन पानी के सेवन को महत्व देना जरूरी नहीं समझते हैं। ऐसा करना गलत है।
पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन न करने से इंटरमिटेंट फास्टिंग का प्रभाव कम हो सकता है, इसलिए रोजाना भरपूर मात्रा में पानी का सेवन करें।
पानी पीने से शरीर के जहरीले पदार्थों को बाहर निकालने के साथ-साथ खुद को हाइड्रेट रखने में भी मदद मिलती है।
#3
कम कैलोरी का सेवन करना
वजन नियंत्रित करने के लिए इंटरमिटेंट फास्टिंग को चुनने का मतलब यह नहीं है कि आप अपनी डाइट में कैलोरी युक्त चीजों को ही शामिल न करें।
ऐसा करना गलत है क्योंकि शरीर में एक संतुलित मात्रा में कैलोरी का होना जरूरी है और इसकी कमी से शरीर को थकान और कमजोरी जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
हालांकि, जरूरत से ज्यादा कैलोरी युक्त चीजों का सेवन करने से बचें।
#4
दूसरों का देखा-देखी इंटरमिटेंट फास्टिंग करना
हर किसी का शरीर उपवास के प्रति एक जैसी प्रतिक्रिया नहीं देता है। यह कुछ के लिए काम करता है, लेकिन जरूरी नहीं आपको भी सूट करें।
इंटरमिटेंट फास्टिंग के 10 प्रकार हैं, जिसमें से सबसे चर्चित 2 प्रकार 16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग और हर दूसरे दिन उपवास रखना हैं।
16/8 इंटरमिटेंट फास्टिंग में 16 घंटे तक उपवास रखना और 8 घंटे का समय खाने का होता है, जबकि दूसरे प्रकार में हर दूसरे दिन उपवास रखा जाता है।
#5
उपवास खत्म होने पर भी ढंग से न खाना
लोग अक्सर इंटरमिटेंट फास्टिंग में उपवास को खत्म करने के बाद भी बहुत कम खाते हैं, जिससे स्वास्थ्य पर बुरा असर पड़ सकता है।
इंटरमिटेंट फास्टिंग खाने के समय को प्रतिबंधित करने का तरीका है और इसका पूरा उद्देश्य खाने को सही तरह से पचाने के लिए पर्याप्त समय देना है।
इसलिए आप चाहें इंटरमिटेंट फास्टिंग का कोई भी प्रकार अपनाएं, उपवास खत्म होने पर सीमित मात्रा में खाना जरूर खाएं।