
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को बचाने के लिए केंद्र सरकार ने हाथ खड़े किए
क्या है खबर?
यमन में भारतीय नर्स निमिषा प्रिया को फांसी से बचाने के लिए सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। इस दौरान केंद्र सरकार ने न्यायमूर्ति विक्रम नाथ और संदीप मेहता की कोर्ट को सूचित किया कि वह निमिषा की फांसी रोकने या उसकी रिहाई के लिए कुछ नहीं कर सकती। कोर्ट में केंद्र का पक्ष रख रहे अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणी ने कहा कि मामले में भारत एक सीमा तक जा सकता है और सरकार वहां तक पहुंच चुकी है।
जवाब
केंद्र ने कहा, सरकार कुछ ज्यादा नहीं कर सकती
निमिषा की फांसी से 16 दिन पहले सरकारी हस्तक्षेप की मांग करने वाली याचिका पर वेंकटरमणी ने कहा कि केंद्र सरकार ज्यादा कुछ नहीं कर सकती। उन्होंने कहा, "यमन की संवेदनशीलता को देखते हुए, इसे कूटनीतिक तौर पर मान्यता नहीं दी जा सकती और ब्लड-मनी एक निजी समझौता है। यमन दुनिया के किसी भी अन्य हिस्से जैसा नहीं है। हम सार्वजनिक रूप से बात करके स्थिति को जटिल नहीं बनाना चाहते थे। हम निजी स्तर पर कोशिश कर रहे हैं।"
बातचीत
सरकार कुछ शेख के संपर्क में भी है- अटॉर्नी जनरल
वेंकटरमणी ने कोर्ट को बताया, "यह जानने का कोई तरीका नहीं कि असल में क्या हो रहा है। यह ऐसा मामला नहीं है, जहां सरकार से कुछ और करने के लिए कहा जा सके। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है।" उन्होंने कहा कि यमन में हूती विद्रोहियों का शासन है और हमारा कोई दूतावास भी नहीं है, लेकिन फिर भी सरकार कुछ शेखों के संपर्क में है। बताया जा रहा है कि मृतक का परिवार ब्लड-मनी स्वीकार नहीं कर रहा है।
पत्र
केरल के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री मोदी को लिखा था पत्र
केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने भी रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर निमिषा प्रिया की जान बचाने के लिए तुरंत हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है। उन्होंने लिखा, "इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि यह सहानुभूति का पात्र मामला है, मैं प्रधानमंत्री से अपील करता हूं कि वे मामले को उठाएं और निमिषा प्रिया के जीवन को बचाने के लिए संबंधित अधिकारियों के साथ हस्तक्षेप करें।" उन्होंने सरकार को मार्च में भी पत्र लिखा था।
घटना
क्या है मामला?
निमिषा (38) केरल की निवासी हैं। नर्स की पढ़ाई के बाद निमिषा 2011 में यमन चली गई थीं। उन्होंने यमनी कानून के मुताबिक, 2015 में यमन नागरिक तलाल अब्दो मेहदी की साझेदारी में सना में क्लीनिक खोला था। बाद में मेहदी निमिषा को आर्थिक, शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न देने लगा और पासपोर्ट जब्त कर लिया। इससे तंग आकर निमिषा ने उसे 2016 में बेहोशी का ओवरडोज इंजेक्शन दे दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। निमिषा 2017 से जेल में हैं।