
तमिलनाडु में 300 एकड़ का पूरा गांव वक्फ बोर्ड की जद में, सुप्रीम कोर्ट पहुंचा मामला
क्या है खबर?
तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली में एक ऐसा गांव है, जो पूरी तौर पर वक्फ की संपत्ति बताई जा रही है। इसको लेकर मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है।
लाइव लॉ के मुताबिक, थिरुचेंदुरई गांव के निवासी श्रीमन चंद्रशेखर ने याचिका दायर कर बताया कि तमिलनाडु वक्फ बोर्ड ने पूरे गांव को अपनी संपत्ति बताया है और इस पर दावा किया है।
याचिकाकर्ता ने वक्फ विधेयक 2025 को चुनौती देने वाली याचिकाओं में विधेयक का समर्थन कर हस्तक्षेप आवेदन दायर किया है।
मामला
क्या है मामला?
आवेदक चंद्रशेखर ने बताया कि थिरुचेंदुरई गांव 300 एकड़ की जमीन पर बसा है, जिसमें एक प्रसिद्ध चंद्रशेखर स्वामी मंदिर भी है।
उन्होंने बताया कि वक्फ बोर्ड ने मंदिर समेत पूरे गांव पर दावा किया है, जबकि मंदिर ही 1,500 साल पुरानी है और इस्लाम धर्म 1,400 साल पुराना है।
उन्होंने बताया कि उनका गांव वक्फ बोर्ड में है, इसका खुलासा सितंबर 2022 में तब हुआ, जब गांव का किसान बेटी की शादी के लिए अपनी जमीन बेचने गया था।
दावा
उप-पंजीयक अधिकारी ने मांगा NOC
चंद्रशेखर ने बताया कि जब किसान उप-पंजीयक कार्यालय पहुंचा तो उप-पंजीयक अधिकारी ने उसे जमीन बेचने के लिए वक्फ बोर्ड से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) लाने को कहा।
याचिकाकर्ता ने बताया कि उनके पिता 1936 से इस गांव में रह रहे हैं, लेकिन अब पता चल रहा है कि गांव के 5 मंदिर भी वक्फ बोर्ड के दायरे में हैं।
यही नहीं, उप-पंजीयक कार्यालय ने वक्फ बोर्ड के दावे वाली भूमि की बिक्री की अनुमति भी दे दी है।
जानकारी
कल होगी सुनवाई
अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर गुरुवार को भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) बीआर गवई की अगुवाई वाली पीठ सुनवाई करेगी। चंद्रशेखर ने जमीयत नेता अरशद मदनी द्वारा अधिनियम को चुनौती देने वाली याचिका में हस्तक्षेप आवेदन दायर कर अधिनियम का समर्थन किया है।