अरनमुला शीशों में मिलती है केरल की शिल्पकला की झलक, जानिए इन्हें बनाने का तरीका
क्या है खबर?
शीशे आम तौर पर चांदी और एल्यूमीनियम से बनाए जाते हैं और उन्हें मशीनों की मदद से तैयार किया जाता है।
हालांकि, केरल के कुशल कारीगर अपने हाथों से एक खास तरह के शीशे को रूप देते हैं, जिसे अरनमुला कहा जाता है।
अरनमुला शीशा केरल के अरनमुला गांव में बनाया जाने वाला एक पारंपरिक हस्तनिर्मित धातु दर्पण है, जिसका इतिहास 500 साल पुराना है।
इन शीशों में केरल की शानदार शिल्पकला की झलक मिलती है।
अरनमुला शीशा
क्या होता है अरनमुला शीशा?
अरनमुला शीशा धातु से बनने वाला पारंपरिक दर्पण है, जिसे अरनमुला कन्नड़ी कहा जाता है।
इसे तांबे और टिन के अद्वितीय मिश्रित धातु से तैयार किया जाता है, जो अपने स्पष्ट प्रतिबिंब के लिए जाना जाता है।
माना जाता है कि कारीगरों के एक समूह ने इनका निर्माण शुरू किया था, जिन्हें त्रावणकोर के राजा किसी खास कारण से अरनमुला लेकर आए थे।
यह जटिल प्रक्रिया से बनता है, जिसमें पारंपरिक कौशल और तकनीक की जरूरत पड़ती है।
तरीका
कैसे बनाया जाता है यह शीशा?
अरनमुला कन्नड़ी की मिश्रित धातु बनाने के लिए तांबे और टिन के मिश्रण का इस्तेमाल होता है। धातु को भट्टी में पिघलाया जाता है और गोलाकार बनाने के लिए एक सांचे में डाला जाता है।
बेस तैयार होने के बाद उसे नारियल के छिलकों सहित कई तरह के पदार्थों से पॉलिश किया जाता है, जब तक वह पूरी तरह चिकना न हो जाए।
कारीगर अरुवा नामक उपकरण का इस्तेमाल करके शीशे के पीछे डिजाइन उकेरते हैं।
इतिहास
क्या है अरनमुला कन्नड़ी का इतिहास?
5 पीढ़ियों पहले शंकरन कोइल से कुछ कारीगर अरनमुला आए थे। उन्हें पंडालम के राजा ने अरनमुला पार्थसारथी मंदिर के निर्माण के लिए बुलाया था।
इन कारीगरों ने अपने काम को पूरा करने के अलावा, तांबे आधारित मिश्र धातुओं को ढालकर आभूषण भी बनाए थे। इस दौरान उन्हें तांबे-टिन की धातु की विशेषता समझ आई।
इसके बाद ही उन्होंने अरनमुला कन्नड़ी का निर्माण किया था। यह दर्पण सोने जैसा चमकता है और घर की सजावट के काम आता है।
देखभाल
अरनमुला कन्नड़ी की इस तरह करें देखभाल
अरनमुला दर्पणों को नए जैसा बनाए रखने के लिए विशेष देखभाल की जरूरत होती है। ये शीशे नाजुक होते हैं, इसीलिए उन्हें छूना नहीं चाहिए।
दर्पण को नमी भरी जहगों पर नहीं रखना चाहिए, वर्ना उसके फ्रेम और सतह को नुकसान पहुंच सकता है। इसे किसी मुलायम और साफ कपड़े की मदद से साफ करना चाहिए।
अगर दर्पण की चमक फीकी पड़ जाए तो आप उसे नींबू के रस और नमक के मिश्रण से चमका सकते हैं।