#NewsBytesExplainer: क्या है ASEAN, जिसके सम्मेलन में हिस्सा लेने गए मोदी और ये क्यों महत्वपूर्ण ?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एसोसिएशन ऑफ साउथ ईस्ट एशियन नेशन्स (ASEAN) के 20वें शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंचे हैं। इस सम्मेलन के लिए इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने उन्हें विशेष रूप से आमंत्रित किया है। प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि भारत और ASEAN के बीच सहयोग लगातार बढ़ रहा है। आइए जानते हैं कि यह ASEAN क्या है और ये भारत के लिए महत्वपूर्ण क्यों है।
ASEAN क्या है?
ASEAN दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों का एक क्षेत्रीय संगठन है। इसका गठन 8 अगस्त, 1967 में हुआ था और इसका उद्देश्य एशिया-पैसिफिक क्षेत्र के सदस्य देशों के बीच आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक स्थिरता को बढ़ाना है। इसका मुख्यालय इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता में स्थित है। इसके 10 सदस्य देशों में इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस, सिंगापुर, थाइलैंड, ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया शामिल हैं। ASEAN देशों का संयुक्त सकल घरेलू उत्पाद (GDP) 3.2 लाख करोड़ डॉलर से ज्यादा है।
भारत और ASEAN के बीच कैसे हैं रिश्ते?
भारत ASEAN का सदस्य नहीं है, लेकिन भारतीय विदेशी नीति में संगठन का एक विशेष महत्व है। ASEAN को ध्यान में रखते हुए भारत ने 'एक्ट ईस्ट नीति' बनाई है। भारत ASEAN देशों के क्षेत्रीय संवाद में 25 सालों से भागीदार है। भारत ने 2010 में ASEAN के साथ एक मुक्त व्यापार समझौते पर भी हस्ताक्षर किया था। भारत के सदस्य देशों के साथ व्यक्तिगत संबंध भी हैं, जिनके कारण भारत इस संगठन में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखता है।
क्या है भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति'?
2014 में प्रधानमंत्री मोदी ने 90 के दशक के चल आ रही भारत की 'लुक ईस्ट नीति' को 'एक्ट ईस्ट नीति में बदल दिया था। इस नीति का उद्देश्य इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के देशों के साथ व्यवहारिक दृष्टिकोण से आर्थिक सहयोग और सांस्कृतिक और नीतिगत संबंधों को बढ़ावा देना है। इसके अलावा उत्तर-पूर्वी भारत के आर्थिक विकास में सुधार करना और उसे दक्षिण-पूर्वी एशिया के प्रवेश द्वार के रूप में स्थापित करना भी इस नीति का अहम हिस्सा है।
ASEAN भारत के लिए क्यों महत्वपूर्ण?
ASEAN भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति' और इंडो-पैसिफिक क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण है। चीन इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में अपनी आक्रामक नीतियों के चलते ASEAN देशों को आतंकित करने की कोशिश करता है। भारत भी चीन से परेशान है, ऐसे में वो और ASEAN मिलकर इंडो-पैसिफिक में चीन को रोकने और आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की कोशिश में हैं। भारत और ASEAN देश आतंकवाद, हिंसक उग्रवाद और अंतरराष्ट्रीय अपराधों के मुकाबला करने के लिए भी एक-दूसरे का समर्थन करते हैं।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन में क्या कहा?
प्रधानमंत्री मोदी ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, "ASEAN भारत की 'एक्ट ईस्ट नीति' का केंद्रीय स्तंभ है। भारत की इंडो-पैसिफिक पहल में भी ASEAN का प्रमुख स्थान है। वैश्विक अनिश्चितताओं के माहौल में भी हर क्षेत्र में हमारे आपसी सहयोग में लगातार प्रगति हो रही है। उन्होंने कहा, "वैश्विक विकास में ASEAN की अहम भूमिका है। 21वीं सदी एशिया की सदी है। मुझे विश्वास है कि सम्मेलन में भारत-ASEAN के भावी भविष्य के लिए नए संकल्प लिए जाएंगे।"
न्यूजबाइट्स प्लस
इंडोनेशिया ASEAN के वर्तमान अध्यक्ष के रूप में 20वें शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है। साल 1967 में ASEAN की स्थापना इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर और थाईलैंड के विदेश मंत्रियों ने बैंकॉक में मिलकर की थी। ASEAN को एशिया-पैसिफिक क्षेत्र में सबसे प्रभावशाली संगठन माना जाता है। भारत, चीन, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया सहित कई अन्य देश इसके संवाद भागीदार हैं। संगठन अपना स्थापना दिवस 8 अगस्त को मनाता है।