#NewsBytesExplainer: कौन हैं तमिलनाडु के मंत्री सेंथिल बालाजी और उन्हें किस मामले में गिरफ्तार किया गया?
क्या है खबर?
प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने लंबी पूछताछ के बाद तमिलनाडु के ऊर्जा मंत्री वी सेंथिल बालाजी को मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़े एक मामले में गिरफ्तार कर लिया।
इस कार्रवाई के दौरान बालाजी को बेचैनी और सीने में दर्द की शिकायत होने पर चेन्नई के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां डॉक्टरों ने उन्हें बाईपास सर्जरी कराने की सलाह दी है।
आइए जानते हैं कि मंत्री बालाजी कौन हैं और उनके खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का ये मामला क्या है।
जानकारी
किसान परिवार में जन्मे थे बालाजी
सेंथिल बालाजी का जन्म 21 अक्टूबर, 1975 को करूर में एक गरीब किसान परिवार में हुआ था। उन्होंने करूर के ही सरकारी RTS कॉलेज से पढ़ाई की है। वह छात्र जीवन में ही एक कार्यकर्ता के रूप में AIADMK से जुड़ गए थे।
कौन
1997 में हुई बालाजी के राजनीतिक करियर की शुरुआत
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (DMK) की तमिलनाडु सरकार में ऊर्जा मंत्री 47 वर्षीय बालाजी ने 1997 में निकाय सदस्य के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी।
उन्होंने साल 2006 में पहली बार तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (AIADMK) के टिकट पर चुनाव लड़ा और करूर निर्वाचन क्षेत्र से जीत दर्ज की।
वह तमिलनाडु में 2011 से 2015 तक जे जयललिता के नेतृत्व वाली सरकार में परिवहन मंत्री भी रहे थे।
DMK
2018 में AIADMK का छोड़ साथ DMK में हुए शामिल
2016 में जयललिता की मौत के बाद बालाजी ने AIADMK में चली वर्चस्व की लड़ाई के बीच पार्टी का साथ छोड़ दिया और दिसंबर, 2018 में DMK में शामिल हो गए। 2021 के तमिलनाडु विधानसभा चुनाव में बालाजी ने जीत दर्ज की।
उन्हें एमके स्टालिन की सरकार के मंत्रिमंडल में शामिल किया गया और ऊर्जा और आबकारी जैसे अहम विभाग सौंपे गए।
बालाजी को पश्चिमी तमिलनाडु के प्रभावी नेताओं में से एक माना जाता है।
मामला
मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा मामला क्या है?
ये मामला साल 2011 से 2015 के बीच का है, जब राज्य में जयललिता के नेतृत्व वाली AIADMK की सरकार थी। उस वक्त बालाजी सरकार में परिवहन मंत्री थे।
आरोप है कि राज्य परिवहन विभाग में नियुक्ति के इच्छुक उम्मीदवारों से बालाजी ने नौकरी देने के बदले रिश्वत ली थी।
मामले में मेट्रो ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (MTC) के एक कर्मचारी ने 2018 में मद्रास हाई कोर्ट में उनके खिलाफ एक याचिका दायर की थी।
आरोप
बालाजी पर क्या आरोप हैं?
याचिकाकर्ता ने कोर्ट में अपनी शिकायत में कहा कि बालाजी ने MTC में विभिन्न स्तरों पर नौकरी दिलवाने के झूठे वादे किए थे और इसके बदले में बालाजी और अन्य ने करीब 4.25 करोड़ रुपये की रिश्वत ली थी।
याचिकाकर्ता ने कहा कि रिश्वत देने बावजूद भी कई उम्मीदवारों को MTC में नौकरी नहीं मिली।
इसके बाद बालाजी के खिलाफ 3 FIR दर्ज की गईं और बाद में उनके खिलाफ चार्जशीट भी दायर की गई।
सुप्रीम कोर्ट
मामले में अब तक क्या-क्या हुआ?
जुलाई, 2021 में ED ने बालाजी और अन्य के खिलाफ धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत मामला दर्ज किया था और अपनी जांच शुरू कर दी।
इसी साल मई में सुप्रीम कोर्ट ने मद्रास हाई कोर्ट के 2022 के उस आदेश को रद्द कर दिया था, जिसमें हाई कोर्ट ने कथित रिश्वत मामले में बालाजी और अन्य के खिलाफ कार्यवाही को रद्द कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट ने ED को जांच जारी रखने की अनुमति दी थी।
सियासत
बालाजी की गिरफ्तारी पर किसने क्या कहा?
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और DMK अध्यक्ष स्टालिन ने ED द्वारा उनके मंत्री बालाजी की गिरफ्तारी को असंवैधानिक बताया है। उन्होंने जांच एजेंसी पर बालाजी को मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का आरोप लगाते हुए केंद्र की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है।
दूसरी तरफ प्रदेश भाजपा अध्यक्ष के अन्नामलाई ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने बालाजी के खिलाफ PMLA के तहत आरोपपत्र दायर करने के निर्देश दिए थे और उन्हें गिरफ्तारी के बाद अपने पद से इस्तीफा देना चाहिए।
न्यायिक
कोर्ट ने ED को 28 जून तक सौंपी न्यायिक हिरासत
एक स्थानीय कोर्ट ने 28 जून तक बालाजी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
इस बीच बालाजी की गिरफ्तारी को लेकर उनकी पत्नी एस मेघाला ने मद्रास हाई कोर्ट में एक बंदी प्रत्यक्षीकरण याचिका दायर की है।
याचिका में कहा गया है कि ED के अधिकारियों ने गिरफ्तारी से पहले दिशा-निर्देशों का पालन नहीं किया और गिरफ्तारी की सूचना परिवार को नहीं दी। हाई कोर्ट इस याचिका पर सुनवाई के लिए तैयार हो गया है।