
महिला पहलवानों ने जांच समिति पर उठाए सवाल, कहा- बृजभूषण को बचाने की कोशिश
क्या है खबर?
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में बताया है कि महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) के अध्यक्ष और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगाए आरोपों की जांच के लिए गठित समिति की मंशा पर सवाल उठाए थे।
महिला पहलवानों ने दावा किया कि उनके प्रति जांच समिति का रवैया पक्षपातपूर्ण रहा और समिति ने आरोपी को बचाने की कोशिश की।
WFI अध्यक्ष बृजभूषण सिंह और सचिव विनोद तोमर को आज कोर्ट में पेश होना है।
समिति
महिला पहलवानों ने जांच समिति पर लगाए पक्षपात के आरोप
दिल्ली पुलिस को शिकायकर्ता महिला पहलवानों ने अपने अलग-अलग बयानों में बताया कि मामले में जांच समिति का रवैया पक्षपाती रहा है। पुलिस ने 1,599 पन्नों की चार्जशीट में 44 गवाहों के बयानों के अलावा महिला पहलवानों के बयान भी दर्ज किये हैं।
इस मामले की जांच के लिए भारतीय मुक्केबाज मैरी कॉम के नेतृत्व में सरकार 6 सदस्यीय जांच समिति गठित की गई थी, जिसने अपनी रिपोर्ट भी सौंप दी थी, लेकिन इसे सार्वजनिक नहीं किया गया था।
क्या कहा
पहलवानों ने बयानों से छेड़छाड़ का जताया अंदेशा
पुलिस को दिए बयान में एक पहलवान शिकायतकर्ता ने कहा, "जांच समिति के सामने जब मैं बयान दे रही थी तो वीडियो रिकॉर्डिंग बार-बार बंद और चालू की जा रही थी और मेरे अनुरोध के बावजूद समिति ने मुझे मेरी वीडियो रिकॉर्डिंग की एक प्रति नहीं दी।"
उन्होंने कहा, "मुझे डर है कि मेरा बयान पूरी तरह से दर्ज नहीं किया गया होगा और हो सकता है कि आरोपियों को बचाने के लिए भी बयानों से छेड़छाड़ की गई है।"
समिति
मुझे जानबूझकर बनाया जांच समिति का हिस्सा- शिकायतकर्ता
एक अन्य शिकायतकर्ता ने कहा कि उन्हें उनकी सहमति के बिना इस मामले में WFI की यौन उत्पीड़न समिति का हिस्सा बनाया गया था, जबकि सभी राष्ट्रीय खेल महासंघों के पास आंतरिक शिकायत समिति होनी चाहिए।
उन्होंने कहा, "मुझसे इस बाबत समिति ने कोई औपचारिक पत्राचार नहीं किया था और न ही WFI की यौन उत्पीड़न समिति का हिस्सा बनने के लिए मेरी मंजूरी ली गई और ऐसा जानबूझकर किया गया था।"
आरोप
"बयानों की रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं करवाई"
शिकायकर्ता पहलवान ने कहा कि आरोपियों और अन्य अज्ञात व्यक्तियों ने जानबूझकर अपने ऊपर लगे आरोपों को दबाने के लिए उन्हें जांच समिति का हिस्सा बनाया।
उन्होंने कहा, "अब आरोप लगाए जा रहे हैं कि समिति का हिस्सा होने के बावजूद मैं खुद पीड़ित होने का गलत आरोप लगा रही हूं। मेरे मांगने पर समिति ने मुझे बयानों की रिकॉर्डिंग उपलब्ध नहीं करवाई है। मुझे यकीन है कि बयानों के साथ छेड़छाड़ की गई।"
चार्जशीट
पुलिस को फॉरेंसिक रिपोर्ट का इंतजार
दिल्ली पुलिस ने अपनी चार्जशीट में कहा कि मामले में इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल सबूतों को जब्त करके फॉरेंसिक जांच के लिए लैब में भेजा गया है, जिसकी रिपोर्ट अभी प्राप्त नहीं हुई है।
पुलिस की चार्जशीट के अनुसार, बृजभूषण को भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 506 (आपराधिक धमकी), 354 (महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाना), 354A (यौन उत्पीड़न) और 354D (पीछा करना) के तहत आरोपी बनाया गया है और उन्हें सजा देने की मांग की गई है।