#NewsBytesExplainer: फिल्म की रिलीज में क्या होती है डिस्ट्रीब्यूटर की भूमिका, कैसे करते हैं कमाई?
भारतीय फिल्म उद्योग में हर साल सैकड़ों फिल्में बनाई जाती हैं। कुछ फिल्म बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा देती हैं तो कुछ के चलते निर्माताओं और वितरकों को काफी नुकसान झेलने पड़ता है। किसी भी फिल्म को बनाने के बाद सबसे बड़ा काम उसे सही तरीके से रिलीज करने का होता है, जिसकी जिम्मेदारी फिल्म डिस्ट्रीब्यूटर यानी फिल्म वितरक संभालते हैं। आइए जानते हैं कि आखिर फिल्म वितरक कौन होते हैं और कैसे काम करते हैं।
कौन होते हैं फिल्म वितरक?
फिल्म वितरक के बारे में आसान भाषा में कहे तो वे एक तरह से फिल्म निर्माताओं और सिनेमाघरों के बीच बिचौलिए का काम करते हैं। दरअसल, जब एक फिल्म बनकर तैयार होती है तो निर्माता वितरकों के पास उसे लेकर जाते हैं। इसके बाद वितरक का काम फिल्म को सिनेमाघरों और OTT प्लेटफॉर्म तक पहुंचाना होता है। वितरक अक्सर फिल्म की मार्केटिंग के लिए भी जिम्मेदार होते हैं और उसके प्रमोशन के साथ ही विज्ञापन पर पैसे खर्च करते हैं।
इस तरह करते हैं कमाई
फिल्म वितरक किसी भी फिल्म के सैटेलाइट और डिजिटल राइट बेचकर पैसा कमाते हैं। जिस भी चैनल ने फिल्म के सैटेलाइट राइट्स खरीदे होते हैं उस पर पहली बार फिल्म को दिखाया जाता है। इसी तरह डिजिटल राइट खरीदने वाले OTT प्लेटफॉर्म को पहले उस फिल्म दिखाने का अधिकार मिल जाता है। वितरक कई बार नुकसान से बचने के लिए फिल्म की रिलीज से पहले ही सौदा कर लेते हैं, जो कभी-कभी उनके लिए गलत भी साबित हो जाता है।
ऐसे समझिए
कार्तिक आर्यन की फिल्म 'भूल भुलैया 2' को टी-सीरीज ने प्रोड्यूस किया था तो इसकी डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी AA फिल्म थी। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन डिस्ट्रीब्यूटर पहले ही 30 करोड़ रुपये में इसके अधिकार नेटफ्लिक्स को बेच चुके थे। ऐसा डिस्ट्रीब्यूटर ने नुकसान से बचने के लिए किया था क्योंकि अक्सर फिल्में फ्लॉप हो जाती हैं, लेकिन यह ब्लॉकबस्टर साबित हुई। अगर डिस्ट्रीब्यूटर बाद में इसके अधिकार बेचते तो उन्हें और अच्छा मुनाफा मिल सकता था।
एक ही निर्माता और वितरक होने पर बजट को रखा जाता है अलग
अक्सर बड़े फिल्म प्रोडक्शन हाउस, जैसे यशराज फिल्म्स, रिलायंस एंटरटेनमेंट, धर्मा फिल्म्स प्रोडक्शन, फॉक्स स्टार स्टूडियो आदि अपनी फिल्मों के वितरक भी होते हैं। ये न सिर्फ फिल्म का निर्माण करते हैं बल्कि उसे सिनेमाघरों और OTT पर रिलीज करने तक की जिम्मेदारी भी खुद ही संभालते हैं। हालांकि, ऐसे स्थिति में प्रोडक्शन हाउस को बजट का ध्यान रखना होता है इसलिए वे फिल्म की मार्केटिंग और प्रोडक्शन के लिए अलग-अलग बजट बना लेते हैं।
तीन तरीके से सौदा करते हैं निर्माता और वितरक
किसी भी फिल्म के लिए वितरक और निर्माता के बीच तीन तरह से सौदा किया जा सकता है। सबसे पहला तरीका है कि वितरक एक तय रकम निर्माता को देते हैं, चाहे फिल्म हिट हो या फ्लॉप हो। अगर फिल्म हिट होती है तो मुनाफे का कुछ हिस्सा भी निर्माता को दिया जाता है, जिसे रॉयलटी पेमेंट कहा जाता है। ऐसी स्थिति में फिल्म को लेकर होने वाले जोखिम को निर्माता और वितरक आपस में बराबर साझा करते हैं।
ये हैं बाकी के दो तरीके
दूसरे तरीके में निर्माता अपनी फिल्म को पूरी तरह से वितरक को बेच देते हैं। ऐसी स्थिति में फिल्म पैसा कमाएगी तो वितरक को फायदा मिलेगा और अगर फ्लॉप हुई तो भी उसे ही भरपाई करनी होगी। निर्माता जोखिम से पूरी तरह सुरक्षित हो जाता है। तीसरा सबसे सामान्य तरीका है, जिसमें वितरक को फिल्म के मुनाफे में से कुछ कमीशन मिलता है और निर्माता सारा जोखिम उठाता है। इसमें मार्केटिंग और डिस्ट्रीब्यूशन पर भी पैसा निर्माता खर्च करता है।
सिनेमाघरों के साथ किया जाता है सौदा
निर्माता से सौदा पक्का करने के बाद वितरक फिल्म को लेकर देश के अलग-अलग हिस्से में उप-वितरक यानी सब-डिस्ट्रीब्यूटर के पास जाते हैं। दरअसल, देश को अलग-अलग एरिया में बांटा गया है, जिसे डिस्ट्रीब्यूशन सर्किट कहा जाता है। हिंदी फिल्मों के लिए ऐसे 11 सर्किट हैं। उप-वितरक इन सर्किट में मौजूद सिनेमाघरों के पास जाकर फिल्मों की रिलीज के लिए उनके साथ सौदा करते हैं। दोनों के बीच यह सौदा फिल्म को दी जाने वाली स्क्रीन पर निर्भर करता है।
इस तरह होती है सिनेमाघरों में साझेदारी
सिंगल स्क्रीन सिनेमाघरों में उप-वितरक और सिनेमाघर के बीच 75 और 25 प्रतिशत की साझेदारी होती है। फिल्म को होने वाले मुनाफे का 75 प्रतिशत उप-वितरक को मिलता है। इसमें अंतर भी हो सकता है। उप-वितरक का हिस्सा वितरक और निर्माता के पास भी जाता है। मल्टीप्लेस में दोनों के बीच हर हफ्ते साझेदारी बदलती है। पहले हफ्ते में यह अक्सर 50-50 प्रतिशत होती है। बाद में वितरक का हिस्सा कम होता जाता है। ऐसे में पहला हफ्ता महत्वपूर्ण है।
न्यूजबाइट्स प्लस
अक्षय कुमार की फिल्म 'सम्राट पृथ्वीराज' के निर्माता और वितरक यशराज फिल्म्स थे। 300 करोड़ बनी फिल्म ने पहले हफ्ते में 55 करोड़ रुपये कमाने में सफल रही थी, वहीं इसका कुल कारोबार 90 करोड़ रुपये था। इसलिए पहला हफ्ता ज्यादा मायने रखता है।