प्रधानमंत्री मोदी ने ASEAN-भारत शिखर सम्मेलन में पेश की 12-सूत्रीय सहयोग योजना, चीन पर साधा निशाना
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दक्षिण पूर्व एशियाई देशों के संगठन (ASEAN) और भारत के बीच शिखर सम्मेलन में शामिल होने इंडोनेशिया की राजधानी जकार्ता पहुंचे। यहां उनका जोरदार स्वागत किया गया।
इस दौरान प्रधानमंत्री ने कहा कि ASEAN भारत की एक्ट-ईस्ट नीति का केंद्रीय स्तंभ है और इसका भारत की हिंद-प्रशांत नीति में भी महत्वपूर्ण स्थान है।
उन्होंने भारत और ASEAN के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए 12-सूत्रीय योजना का प्रस्ताव रखा।
योजना
क्या है प्रधानमंत्री की 12-सूत्रीय सहयोग योजना?
प्रधानमंत्री की 12-सूत्रीय सहयोग योजना में कनेक्टिविटी से लेकर डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे (DPI) और आतंकवाद तक के क्षेत्र शामिल हैं।
इसमें मल्टी-मॉडल कनेक्टिविटी और एक आर्थिक गलियारा स्थापित करने का भी प्रस्ताव पेश किया गया है, जो भारत, दक्षिण पूर्व एशिया, पश्चिम एशिया और यूरोप को जोड़ने का काम करेगा।
इसके अलावा पारंपरिक चिकित्सा, पर्यावरण के लिए जीवन शैली मिशन (LiFE) और आपदा प्रतिरोधी बुनियादी ढांचे के लिए गठबंधन (CDRI) भी योजना का हिस्सा हैं।
चीन
प्रधानमंत्री ने बातों-बातों में चीन पर भी साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत ASEAN के केंद्रीय पक्ष का पूर्ण समर्थन करता है।
उन्होंने कहा, "भारत ASEAN के केंद्रीय पक्ष और हिंद-प्रशांत क्षेत्र पर उसके दृष्टिकोण का समर्थन करता है। समय की मांग एक ऐसे हिंद-प्रशात क्षेत्र की है, जहां अंतरराष्ट्रीय कानून सभी देशों पर समान रूप से लागू होते हों।"
प्रधानमंत्री के इस बयान को को चीन की उस टिप्पणी का जवाब माना जा रहा है, जिसमें उसने ASEAN में 'नए शीत युद्ध' के खिलाफ चेतावनी दी थी।
एशिया
प्रधानमंत्री बोले- 21वीं सदी एशिया की है
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी एशिया की सदी है, यह हम सभी की सदी है।
उन्होंने कहा, "वैश्विक अनिश्चितता के माहौल के बावजूद 'हमारे आपसी सहयोग' में लगातार बढ़ोत्तरी हुई है। मुझे विश्वास है कि आज हमारी बातचीत से भारत और ASEAN क्षेत्र के भावी भविष्य को और सुदृढ़ बनाने के लिए नए संकल्प लिए जाएंगे। हमारा इतिहास, भूगोल, साझा मूल्य, शांति, समृद्धि और बहुध्रुवीय दुनिया में हमारा साझा विश्वास हमें एकजुट करता है।"
तिमोर लेस्ते
तिमोर-लेस्ते में खुलेगा भारतीय दूतावास
ASEAN भारत शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री मोदी ने दक्षिण पूर्व एशियाई देश तिमोर लेस्ते में भारतीय दूतावास खोलने की घोषणा की। इस निर्णय का तिमोर लेस्ते और ASEAN के सदस्य देशों ने गर्मजोशी से स्वागत किया।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि यह फैसला दर्शाता है कि भारत ASEAN को कितना महत्व देता है।
बता दें कि तिमोर लेस्ते साल 2022 में ASEAN में एक पर्यवेक्षक देश के रूप में शामिल हुआ था।
asean
न्यूजबाइट्स प्लस
ASEAN की स्थापना 8 अगस्त, 1967 को थाईलैंड, इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलिपींस और सिंगापुर ने की थी। वर्तमान में इसमें ब्रुनेई, वियतनाम, लाओस, म्यांमार और कंबोडिया को मिलाकर कुल 10 देश हैं।
भारत इसका सदस्य नहीं है, लेकिन इसकी बैठक में पूर्ण वार्ता का भागीदार है। भारत ASEAN के क्षेत्रीय संगठन BIMSTEC का सदस्य है।
ASEAN का सचिवालय इंडोनेशिया के राजधानी जकार्ता में है। हर साल 8 अगस्त को ASEAN दिवस के रूप में मनाया जाता है।