किन-किन मंत्रालयों, राज्यों और कंपनियों ने किया अग्निवीरों को आरक्षण और प्राथमिकता देने का ऐलान?
'अग्निपथ योजना' के खिलाफ देशभर में प्रदर्शन के बीच केंद्र सरकार विभिन्न रियायतें लेकर युवाओं को इस योजना के लिए राजी करने में लगी हुई है। सरकार ने विभिन्न विभागों में अग्निवीरों के लिए कुछ पद आरक्षित करने का ऐलान किया है। इसके अलावा कुछ उद्योगपति भी आगे आए हैं और अपनी कंपनियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की बात कही है। आइए अब तक हुए ऐसे ऐलानों के बारे में विस्तार से जानते हैं।
सबसे पहले जानें क्या है अग्निपथ योजना
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। उन्हें चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और मेडिकल फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा। बाकी अग्निवीरों को वापस आकर फिर से नौकरी ढूढ़नी होगी।
केंद्रीय पुलिस बलों और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत पद आरक्षित
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) और असम राइफल्स में 10 प्रतिशत नौकरियां अग्निवीरों के लिए आरक्षित करने का ऐलान किया है। CAPF में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), सशस्त्र सीमा बल (SSB), राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (NSG) और विशेष सुरक्षा समूह (SPG) आते हैं। इन बलों में अग्निवीरों को अधिकतम आयु में तीन साल की छूट भी दी जाएगी।
रक्षा विभाग की नौकरियों में भी अग्निवीरों के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी रक्षा विभाग से संबंधित नौकरियों में 10 प्रतिशत नौकरियां अग्निवीरों के लिए आरक्षित करने का ऐलान किया है। ये आरक्षण भारतीय तटरक्षक, रक्षा विभाग के सभी नागरिक पदों और रक्षा क्षेत्र की सभी 16 सरकारी कंपनियों में लागू होगा। ये पूर्व सैनिकों को मिलते आ रहे कोटा से अलग होगा। नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने भी अपनी नौकरियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की बात कही है, हालांकि आरक्षण का ऐलान नहीं किया गया है।
अन्य किन मंत्रालयों ने किया अग्निवीरों को नौकरी देने का ऐलान?
बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्रालय ने नौसेना में काम करके आए अग्निवीरों को अपनी छह सेवाओं में प्राथमिकता देने की घोषणा की है। इसमें मर्चेंट नेवी भी शामिल है। केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने भी ऐलान किया है कि उनके तहत आने वाले दोनों मंत्रालयों की सरकारी कंपनियां भी चार साल सेना की नौकरी करके लौटे अग्निवीरों को भर्ती करने की तैयारी कर रही हैं। पुरी आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय और पेट्रोलियम मंत्रालय संभालते हैं।
किन-किन राज्य सरकारों ने की अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणा?
केंद्र सरकार के अलावा कई राज्य सरकारों ने भी अपनी नौकरियों में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पुलिस और ऐसी ही अन्य सेवाओं में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया है, वहीं हरियाणा सरकार ने सभी तरह की सेवाओं में अग्निवीरों को तरजीह देने की बात कही है। मध्य प्रदेश, असम और कर्नाटक की सरकारों ने भी अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है।
प्राइवेट सेक्टर की तरफ से क्या ऐलान किए गए हैं?
कुछ उद्योगपतियों ने भी अपनी कंपनियों में अग्निवीरों को नौकरियां देने का ऐलान किया है। महिंद्रा समूह के मालिक आनंद महिंद्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि अग्निवीरों को जो अनुशासन और कौशल मिलेगा, वो उन्हें रोजगार के योग्य बनाएगा और उनकी कंपनी ऐसे प्रशिक्षित अग्निवीरों को काम पर रखेगी। रामप्रसाद गोयनका (RPG) समूह के मालिक हर्ष गोयनका ने भी अग्निवीरों को नौकरी देने का ऐलान किया है और अन्य कंपनियों से भी उन्हें प्राथमिकता देने की अपील की है।