किन राज्यों ने की अग्निपथ योजना के अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणा?
सेना में अल्पकालिक भर्ती के लिए केंद्र सरकार द्वारा लाई गई अग्निपथ योजना का कड़ा विरोध हो रहा है। बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और तेलंगाना में तो विरोध ने हिंसात्मक रूप ले लिया है। हालांकि, सरकार युवाओं का भविष्य सुरक्षित होने का दावा कर इसका बचाव कर रही है। इसी तरह कई राज्यों ने योजना में भर्ती होने वाले अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का भी ऐलान किया है। आइये जानते हैं किन-किन राज्यों में ऐसी घोषणा की है।
असम और उत्तर प्रदेश सरकार ने की अग्निवीरों के लिए घोषणा
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने अग्निपथ योजना के अग्निवीरों को असम आरोग्य निधि पहल में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। इस पहल में BPL परिवारों और 10,000 रुपये से कम मासिक आय वाले परिवारों को चिकित्सा उपचार के लिए 1.50 लाख तक की वित्तीय सहायता दी जाती है। इसी तरह उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य पुलिस और अन्य सरकारी विभागों की भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की घोषणा की थी।
मध्य प्रदेश और उत्तराखंड में पुलिस भर्ती तो हरियाणा में सभी भर्तियों में मिलेगी प्राथमिकता
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने योजना की घोषणा के पहले ही दिन अग्निवीरों को राज्य की पुलिस भर्ती में प्राथमिकता देने की घोषणा कर दी थी। इसी तरह हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने चार साल का अनुबंध पूरा करने के बाद अग्निवीरों को राज्य की सभी सरकारी नौकरियों में प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी अग्निवीरों को पुलिस भर्ती में प्राथमिकता देने का वादा किया है।
अरुणाचल प्रदेश और कर्नाटक सरकार ने भी की है घोषणा
अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने शुक्रवार को राज्य पुलिस की नौकरियों और सब्सिडी योजनाओं में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर अरुणाचल के लिए अपना कारोबार शुरू करने वालों को सरकार की सभी क्रेडिट-लिंक्ड सब्सिडी योजनाओं में वरीयता मिलेगी। इसी तरह कर्नाटक के गृह मंत्री अरागा ज्ञानेंद्र ने राज्य में पुलिस सेवाओं की भर्ती में अग्निवीरों को प्राथमिकता देने की योजना बनाई है।
क्या है अग्निपथ योजना?
अग्निपथ योजना तीनों सेनाओं, थल सेना, वायुसेना और नौसेना, के लिए एक अखिल भारतीय योग्यता-आधारित भर्ती प्रक्रिया है। इसमें युवाओं को सेना के नियमित कैडर में सेवा करने का मौका दिया जाएगा। इस योजना के तहत भर्ती होने वाले युवाओं को 'अग्निवीर' कहा जाएगा। इसके तहत युवाओं को चार साल के लिए सेना में सेवा का अवसर मिलेगा। इसके बाद योग्यता, इच्छा और चिकित्सा फिटनेस के आधार पर 25 प्रतिशत अग्निवीरों को सेवा में बरकरार रखा जाएगा।
भर्ती के लिए क्या होगी योग्यता और प्रक्रिया?
योजना के तहत सिपाहियों, वायु सैनिक और नाविकों की भर्ती की जाएगी। इसके लिए 17.5 से 21 साल के बीच की आयु सीमा निर्धारित की गई थी, लेकिन विरोध के बाद सरकार ने इसे दो साल बढ़ाकर 23 साल कर दिया है। लिखित और शारीरिक दक्षता परीक्षा के बाद मैरिट के आधार पर अभ्यर्थियों का चयन किया जाएगा। चयनित अभ्यर्थियों को 10 सप्ताह से छह महीने का प्रशिक्षण दिया जाएगा। भर्ती प्रक्रिया 24 जून से शुरू होगी।
अग्निवीरों को वेतन कितना मिलेगा?
योजना के अनुसार, चयनित अग्निवीरों को पहले साल 30,000 रुपये, दूसरे साल में 33,000 रुपये, तीसरे साल में 36,500 रुपये और चौथे साल में 40,000 रुपये महीना वेतन मिलेगा। चार साल बाद अग्निवीरों को एकमुश्त 11.71 लाख रुपये का सेवा निधि पैकेज भी मिलेगा।
अग्निवीरों को सेवा के बाद क्या मिलेंगे अन्य लाभ
योजना के विरोध के बाद सरकार ने अग्निवीरों को 11.71 लाख के वित्तीय पैकेज के अलावा अपना कारोबार शुरू करने के लिए बैंक ऋण योजनाओं में प्राथमिकता देने, आगे की पढ़ाई करने वालों को कक्षा 12 के समकक्ष प्रमाणपत्र देने और पसंद का ब्रिजिंग कोर्स देने का भी वादा किया है। इसके अलावा रोजगार के अन्य अवसरों के लिए राज्यों में केंद्रीय सुरक्षा बलों, असम राइफल्स और पुलिस भर्ती में भी प्राथमिकता देने की बात कही है।