लॉकडाउन के चौथे चरण में कौन सा राज्य क्या चाहता है?
सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनसे 15 मई तक लॉकडाउन के चौथे चरण पर लिखित में सुझाव देने को कहा था। कई राज्य प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) के पास अपने सुझाव भेज चुके हैं और राज्यों ने कंटेनमेंट जोन से बाहर आर्थिक गतिविधियां शुरू करने से लेकर सार्वजनिक परिवहन चलाने जैसे कई सुझाव दिए हैं। आइए आपको विस्तार से बताते हैं कि किस राज्य ने क्या सुझाव दिए हैं।
दिल्ली सरकार ने दिए मेट्रो और बसें शुरू करने समेत ये सुझाव
देश की राजधानी दिल्ली की आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने रेड जोन को केवल कंटेनमेंट जोन तक सीमित करने और कंटेनमेंट जोन से बाहर आर्थिक गतिविधियों की इजाजत देने का सुझाव दिया है। ऑड-ईवन की व्यवस्था के जरिए बाजारों को खोलने और मॉल्स में एक तिहाई दुकानें खोलने की अनुमति देने का सुझाव भी दिया गया है। इसके अलावा मेट्रो और बस सेवाओं को भी चरणों में शुरू करने को कहा गया है।
केरल ने दिया मेट्रो, ट्रेनें और घरेलू उड़ानें शुरू करने का सुझाव
अपनी कमाई के लिए काफी हद तक पर्यटन पर निर्भर केरल ने मेट्रो, स्थानीय ट्रेनें और घरेलू उड़ानें शुरू करने का सुझाव दिया है। इसके अलावा रेस्टोरेंट्स और होटलों को भी खोलने की बात कही गई है। बता दें कि केरल देश का एकमात्र ऐसा राज्य है जो कोरोना वायरस पर काबू पाने में कामयाब रहा है। अधिकारियों का कहना है कि इस वजह से राज्य के सुझावों को अतिरिक्त बल मिलेगा।
कर्नाटक और तमिलनाडु ने भी दिया लॉकडाउन में बड़ी छूट का सुझाव
कोरोना वायरस पर काबू पाने के लिए अब तक अच्छा कार्य करने वाले कर्नाटक ने केंद्र सरकार से रेस्टोरेंट्स, होटलों और जिम समेत सार्वजनिक स्थलों को वापस खोलने की मंजूरी मांगी है। राज्य ने पिछले हफ्ते ही पब और बार से शराब ले जाने की मंजूरी दी थी। तमिलनाडु ने भी कंटेनमेंट जोन के अलावा बाकी सभी जगहों पर आर्थिक गतिविधियां शुरू करने का सुझाव दिया है। बढ़ते मामलों को देखते हुए उसकी मांगों पर सावधानी से विचार किया जाएगा।
सभी आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहता है गुजरात, महाराष्ट्र अनिच्छुक
कोरोना वायरस से बुरी तरह प्रभावित हुआ गुजरात सभी शहरी क्षेत्रों में सभी आर्थिक गतिविधियां शुरू करना चाहता है। अहमदाबाद, सूरत और वडोदरा में बड़ी संख्या में नए मामलों के बावजूद राज्य की तरफ से ये सिफारिफ की गई है। वहीं कोरोना वायरस से सबसे अधिक प्रभावित राज्य महाराष्ट्र लॉकडाउन में बड़ी ढील के खिलाफ है। राज्य नहीं चाहता कि बड़े स्तर पर अर्थव्यवस्था और ऑफिस खोले जाएं। बता दें कि राज्य में सबसे अधिक कंटेनमेंट जोन हैं।
बिहार, झारखंड और ओडिशा ने दिया सख्त लॉकडाउन जारी रखने का सुझाव
बिहार, झारखंड और ओडिशा ऐसे राज्य रहे जिन्होंने अन्य राज्यों के विपरीत सख्त लॉकडाउन को जारी रखने का सुझाव दिया है। इन तीनों ही राज्यों में पिछले कुछ दिनों में कोरोना वायरस के मामलों में तेजी देखने को मिली है। अन्य राज्यों से प्रवासी मजदूरों की वापसी को इसका एक अहम कारण माना जा रहा है और इन तीनों ही राज्यों को मजदूरों के वापस लौटने पर राज्य में कोरोना वायरस फैलने की आशंका है।
आंध्र प्रदेश की बड़ी छूट की मांग, असम ने लॉकडाउन बढ़ाने को कहा
आंध्र प्रदेश ने कंटेनमेंट जोन से बाहर सभी जगहों पर सभी आर्थिक और सार्वजनिक गतिविधियां शुरू करने का सुझाव दिया है। वहीं असम ने भी लॉकडाउन बढ़ाने की मांग की है, लेकिन अंतिम फैसला केंद्र सरकार पर छोड़ा गया है।
देश में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
भारत में शुक्रवार सुबह आठ बजे तक कोरोना वायरस से संक्रमण के 81,970 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 2,649 मरीजों की मौत हुई है, वहीं 27,920 मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और यहां अब तक कोरोना वायरस के 27,524 मामले सामने आ चुके हैं, जो देश के कुल मामलों के एक तिहाई हैं। राज्य में 1,019 लोगों की मौत हुई है।