लॉकडाउन: मुख्यमंत्रियों की मांग के बाद जोन निर्धारित करने में राज्यों के सुझाव लेेगी केंद्र सरकार
सोमवार को प्रधानमंत्री मोदी के साथ हुई बैठक में कई मुख्यमंत्रियों ने लॉकडाउन के दौरान राज्यों में जोन तय करने की अनुमति मांगी थी। केंद्र सरकार अब इस पर सहमत होती दिख रही है। लॉकडाउन के चौथे चरण के दौरान रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन तय करने में राज्यों के सुझाव लिए जाएंगे और उनकी भी भागीदारी होगी। इस बाबत केंद्र ने राज्यों से उनके सुझाव और विचार मांगे हैं, जिसके आधार पर नई लिस्ट तैयार की जाएगी।
राज्यों ने केंंद्र सरकार से की ये मांगे
बैठक के दौरान कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कहा कि जिलो को जोन में विभाजित करने में उन्हें पूरी आजादी होनी चाहिए। केंद्र सरकार बस बडे नियम तय कर दे। सोमवार को बैठक के दौरान जोन वाइज जिलों की लिस्ट जारी की गई थी, लेकिन कुछ ही मिनटों में यह वापस ले ली गई। अधिकतर राज्यों का कहना है कोरोना वायरस का कोई मामला आने पर पूरे जिले की बजाय छोटे इलाके को रेड जोन घोषित किया जाए।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने सबसे पहले उठाया मुद्दा
सोमवार को हुई बैठक में सबसे पहले पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने यह मामला उठाया। उन्होंने कहा कि जमीन पर कंटेनमेंट अभियान चलाने की जिम्मेदारी राज्यों की होती है इसलिए उन्हें यह निर्धारित करने दिया जाए कि किस इलाके में कितनी छूट दी जानी चाहिए किन गतिविधियों पर पाबंदी रहनी चाहिए। उन्होंने कहा कि इससे राज्य सरकार संक्रमण पर भी रोक लगा पाएगी और प्रदेश में औद्योगिक गतिविधियां भी शुरू हो सकेंगी।
"पूरे जिले की बजाय छोटा इलाका हो रेड जोन"
बैठक में मौजूद एक राज्य के अधिकारी ने कहा, "सभी राज्यों ने नियमों को लचीला करने की मांग की है क्योंकि उन्हें जमीनी हालात का बेहतर अंदाजा है। एक बड़े नगर निगम या नगर पालिका में एक मामला आ जाए तो पूरे जिले को रेड जोन कर दिया जाता है। इससे हमें दुकानें, व्यापार और ऑफिस खोलने में परेशानी होती है। कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों पर गतिविधियां शुरू करने की जिम्मेदारी राज्य की होनी चाहिए।"
प्रधानमंत्री मोदी कर चुके हैं लॉकडाउन के चौथे चरण का ऐलान
मंगलवार रात देश के नाम संबोधन में प्रधानमंत्री मोदी लॉकडाउन के चौथे चरण का ऐलान कर चुके हैं। संबोधन में उन्होंने कहा कि 17 मई के बाद भी देश में लॉकडाउन जारी रहेगा, लेकिन इसका रंग-रूप और नियम नये होंगे। माना जा रहा है कि इस बार ऑरेंज जोन और ग्रीन जोन में पहले के मुकाबले और ज्यादा रियायतें दी जा सकती हैं। 17 मई से पहले इसे लेकर नई गाइडलाइंस जारी कर दी जाएंगी।
लॉकडाउन के कारण 67 प्रतिशत मजदूरों से छीना रोजगार
लॉकडाउन के कारण भले ही कुछ ही हद तक कोरोना वायरस संक्रमण पर रोक लगी है, लेकिन इससे मजदूरों की रोजी-रोटी पर बुरा असर पड़ा है। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी के एक सर्वे में पता चला है कि मौजूदा लॉकडाउन के कारण लगभग 67 प्रतिशत मजदूरों को रोजगार से हाथ धोना पड़ा है। शहरी इलाकों में यह आंकड़ा ज्यादा है। अजीम प्रेमजी यूनिवर्सिटी ने 10 नागरिक संगठनों के साथ मिलकर 4,000 लोगों पर यह सर्वे किया था।
गांवों के मुकाबले शहरी इलाकों में हालात खराब
सर्वे में पता चला कि लॉकडाउन के कारण शहरों में हर 10 मजदूरों में से आठ का रोजगार छिन गया। इसी तरह गांवों में 10 में से छह मजदूरों का काम-धंधा बंद हो गया है।