कोरोना वायरस: राहुल गांधी बोले- लॉकडाउन समाधान नहीं, एकजुट होकर लड़ने का समय
कोरोना वायरस पर वीडियो प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने कि उनकी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ कई बातों को लेकर असहमति है लेकिन ये समय कोरोना वायरस के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने का है। लॉकडाउन को एक 'पॉज बटन' की तरह बताते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए टेस्टिंग को आक्रामक तरीके से बढ़ाए जाने की जरूरत है। उन्होंने राज्य सरकारों को अधिक शक्ति देने की मांग भी की।
राहुल बोले- देश गंभीर स्थिति में, राजनीतिक पार्टियों को एकजुट होने की जरूरत
राहुल गांधी ने कहा कि देश अभी गंभीर स्थिति में है और अघर इस समस्या को हल करना है तो सभी राजनीतिक पार्टियों और लोगों को एक साथ आना होगा। उन्होंने कहा, "लॉकडाउन एक पॉज बटन की तरह है। यह किसी भी तरह से कोरोना वायरस का समाधान नहीं है। जब हम लॉकडाउन से बाहर आते हैं तो वायरस अपना काम फिर से शुरू कर देगा। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हमारे पास लॉकडाउन से बाहर आने की रणनीति हो।"
टेस्टिंग को बताया कोरोना वायरस के खिलाफ असली हथियार
टेस्टिंग को कोरोना के खिलाफ असली हथियार बताते हुए राहुल ने कहा, "टेस्ट करके आप जान सकते हैं कि वायरस कहां घूम रहा है और कैसे उसे अलग करके लड़ा जा सकता है। हम 10 लाख में से 199 लोगों का टेस्ट कर रहे हैं और हर जिले में औसतन 350 हुए हैं।" केंद्र सरकार को आक्रामक रूप से टेस्टिंग बढ़ाने का सुझाव देते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा करने से वायरस कहां जा रहे ये पता लगाया जा सकेगा।
राहुल ने कहा- राज्य और जिला मशीनरी को सशक्त करें प्रधानमंत्री
कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में राज्यों को अधिक ताकत देने की अपील करते हुए राहुल ने कहा, "कोविड वायरस से लड़ने के लिए हमारी मुख्य ताकत राज्य और जिला स्तर पर है। वायनाड में सफलता जिला स्तर की मशीनरी के कारण मिली है। इसलिए मेरा सुझाव है कि कोविड के खिलाफ लड़ाई टॉप-डाउन न होकर बॉटम-अप हो। प्रधानमंत्री राज्य और जिला स्तर की मशीनरी को सशक्त बनाएं... इस आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए देश को एकजुट होना चाहिए।"
"मुख्यमंत्रियों को अधिक शक्ति दे केंद्र सरकार"
राहुल ने आगे कहा, "भारत एकमात्र ऐसा देश है जो प्रवासी आबादी के साथ लॉकडाउन को लागू करने की कोशिश कर रहा है। किसी भी अन्य देश में इस स्तर का पलायन नहीं हुआ है। केरल की प्रतिक्रिया उत्तर प्रदेश से बिल्कुल अलग है। केंद्र सरकार को मुख्यमंत्रियों को अधिक शक्तियां देनी चाहिए।" कोरोना से निपटने के लिए विकेंद्रीकृत व्यवस्था का समर्थन करते हुए राहुल ने कहा कि वह चाहेंगे कि प्रधानमंत्री और राज्यों के बीच अधिक विस्तृत बातचीत हो।
"गोदामों से गरीबों तक नहीं पहुंच रहा अनाज"
राहुल लॉकडाउन के दौरान गरीबों को खाना न मिलने पर भी बोले और कहा, "देश में खाद्य पदार्थों की कोई कमी नहीं है और गोदामों में खूब अनाज है। हमें उसे बांटना चाहिए और गरीबों को मुफ्त राशन देना चाहिए। मुझे दुःख है कि गोदाम में रखा हुआ अनाज लोगों तक नहीं पहुंचा। हमारे MSMEs को मालूम हो जाना चाहिए था कि उनके लिए क्या किया जा रहा है। ये अब एक राष्ट्रीय मुद्दा है, सुरक्षा का मुद्दा है।"
20 प्रतिशत गरीबों को सीधा पैसा देने का सुझाव
राहुल ने सरकार को न्याय योजना की तरह 20 प्रतिशत गरीब लोगों को सीधे पैसे देने का सुझाव दिया। इसके अलावा लॉकडाउन खत्म होने के बाद सामने आने वाली भयंकर बेरोजगारी से निपटने के लिए रोजगार देने वाले पैकेज बनाने का सुझाव भी दिया।
भारत में क्या है कोरोना वायरस की स्थिति?
गुरूवार सुबह आठ बजे तक भारत में कोरोना वायरस से संक्रमण के 12,380 मामले सामने आ चुके हैं। इनमें से 414 लोगों की मौत हुई है, वहीं 1,489 को सफल इलाज के बाद घर भेजा जा चुका है। महाराष्ट्र सबसे अधिक प्रभावित राज्य बना हुआ है और जहां मरीजों की संख्या 3,000 पहुंचने वाली है। अब तक 2,916 लोगों को कोरोना से संक्रमित पाया जा चुका है, वहीं 187 को इसके कारण जान गंवानी पड़ी है।