निमिषा प्रिया की फांसी: किन भारतीयों की विदेशों में माफ हुई मृत्युदंड की सजा?
क्या है खबर?
यमन में कैद केरल निवासी नर्स निमिषा प्रिया को मिली मौत की सजा पर राष्ट्रपति रशद अल-अलीमी ने मुहर लगा दी है।
निमिषा पर यमनी नागरिक तलाल अब्दो महदी की हत्या का आरोप है। भारत सरकार और निमिषा का परिवार सजा रुकवाने का प्रयास कर रहे हैं।
अब निमिषा के लिए महदी के परिवार से माफी के अलावा अन्य कोई रास्ता नहीं बचा है।
इस बीच विदेशों में मृत्युदंड की सजा माफ करवाने वाले भारतीयों के बारे में जानते हैं।
विकल्प
निमिषा के पास क्या है आखिरी विकल्प?
निमिषा को यमन की सुप्रीम ज्यूडिशियल काउंसिल ने बचाव के लिए 'ब्लड मनी' का भी विकल्प दिया है।
इस्लामी कानून के अनुसार, पीड़ित परिवार आर्थिक मुआवजे के बदले आरोपी को माफ कर सकता है। इसे दीया या 'ब्लड मनी' कहा जाता है।
निमिषा की मां तब से यमन में रहकर इसका प्रयास कर रही है, लेकिन वकील अब्दुल्ला अमीर द्वारा मांगी गई 20,000 डॉलर (लगभग 16.6 लाख रुपये) की फीस न चुकाने से बात आगे नहीं बढ़ पाई है।
#1
अब्दुल रहीम को सऊदी अरब में मिली थी माफी
सऊदी अरब में बतौर चालक काम करने वाले केरल के कोझिकोड निवासी अब्दुल रहीम को साल 2006 में उसके नियोक्ता के 15 वर्षीय बेटे की मौत के मामले में मौत की सजा मिली थी।
दरअसल, रहीम नियोक्ता के बेटे को अस्पताल ले जा रहा था। उसी दौरान रास्ते में उसका श्वसन यंत्र टूटने से उसकी मौत हो गई थी।
इस पर परिजनों ने हत्या का आरोप लगाया था, जिसमें उसे रियाद की अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी।
जानकारी
कैसे माफ हुई हरीम की सजा?
साल 2023 में पीड़ित के परिवार ने 'ब्लड मनी' के तहत रहीम माफ करने पर सहमति जताई थी। उसके बाद कोझिकोड के लोगों ने उसकी रिहाई को सुरक्षित करने के लिए चंदे के जरिए 34 करोड़ रुपये जुटाए थे। अब उसकी रिहाई का इंतजार है।
#2
कतर में पूर्व भारतीय नौसेना कर्मचारियों की फांसी भी टली
अगस्त 2022 में जासूसी के एक कथित मामले में कतर में आठ पूर्व भारतीय नौसेना कर्मियों को गिरफ्तार किया गया और 2023 में उन्हें मौत की सजा सुनाई गई।
विदेश मंत्रालय ने कहा था कि इस फैसले से सरकार को गहरा सदमा लगा है।
रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज में काम करने वाले इन लोगों के खिलाफ आरोप अभी भी स्पष्ट नहीं हैं। ऐसे में उन्हें फांसी दिया जाना कानून के खिलाफ है।
रिहाई
पूर्व नौसेना कर्मचारियों की कैसे हुई रिहाई?
मामले में फंसे लोगों के भारतीय नौसेना के पूर्व कर्मचारी होने के कारण भारत सरकार ने उच्च स्तर पर हस्तक्षेप किया।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी आरोपियों के परिजनों ने मिलकर हरसंभव मदद का आश्वासन दिया था।
उसके बाद विदेश मंत्रालय ने इस मामले में अपील दायर की और कतर की अपीलीय अदालत ने उनकी फांसी की सजा को निरस्त कर कारावास में बदल दिया। आखिरकार उन्हें 2024 की शुरुआत में रिहा कर दिया गया।
#3
UAE में माफ हुई बेक्स कृष्णन की फांसी की सजा
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के अबू धाबी में बतौर चालक काम करने वाले त्रिशूर निवासी बेक्स कृष्णन को 2012 में एक छह वर्षीय सूडानी बालक की सड़क दुर्घटना में मौत के मामले में गिरफ्तार किया गया था।
2013 में UAE सुप्रीम कोर्ट ने उसे मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि, 2021 में व्यवसायी एमए यूसुफ अली ने मृतक परिवार को 5 लाख दिरहम (करीब 1 करोड़ रुपये) का भुगतान कर कृष्णन की फांसी की सजा का माफ करा दिया।
#4
कुवैत में अर्जुनन अथिमुथु को भी मिली थी माफी
तमिलनाडु के तंजावुर निवासी अर्जुनन अथिमुथु को 2013 में एक झगड़े में मलप्पुरम के मूल निवासी अब्दुल वाजिद की कथित तौर पर हत्या करने के आरोप में कुवैत की अदालत ने मौत की सजा सुनाई गई थी।
हालांकि, उसे भी ब्लड मनी का विकल्प मिला था। इसके बाद अथिमुथु के परिजनों ने मृतक परिवार को 2017 में 30 लाख रुपये का भुगतान कर माफी हासिल कर ली।
ऐसे में कोर्ट ने उसकी मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया।
अन्य
इस मामले में स्थानीय मदद से टली भारतीयों की फांसी
UAE में 2016 में पंजाब के 10 युवकों को लड़ाई में पाकिस्तानी नागरिक की मौत होने के आरोप में फांसी की सजा सुनाई थी।
उसके बाद दुबई के व्यवसायी एसपीएस ओबेरॉय ने मृतक के परिवार को 6.4 करोड़ रुपये का भुगतान किया था।
इसको लेकर साल 2017 में शारजाह की एक अदालत ने सभी युवकों की मौत की सजा को घटाकर एक से साढ़े तीन साल की जेल कर दिया था। उनके से कई अब रिहा हो चुके हैं।