क्यों खतरनाक है एमपॉक्स वायरस का क्लेड 1B वरिएंट, जिसने भारत में भी दे दी दस्तक?
दुनियाभर में लोगों को संक्रमित करने के बाद एमपॉक्स (मंकीपॉक्स) वायरस के क्लेड 1B वरिएंट ने भारत में दस्तक दे दी है। केरल में एमपॉक्स वायरस के संभावित लक्षण वाले व्यक्ति के सोमवार को क्लेड 1B वरिएंट से संक्रमित होने की पुष्टि हुई है। इस वेरिएंट को विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने सार्वजनिक स्वास्थ्य आपातकाल घोषित कर रखा है। यह भारत में इस वेरिएंट का पहला मामला है। आइए जानते हैं यह वेरिएंट खतरनाक क्यों है।
स्वास्थ्य मंत्रालय ने की क्लेड 1B वरिएंट की पुष्टि
स्वास्थ्य मंत्रालय की प्रवक्ता मनीषा वर्मा ने बताया कि पिछले सप्ताह केरल के मलप्पुरम जिले में सामने आए एमपॉक्स के संभावित मामले में क्लेड 1B वेरिएंट मिला है। केरल के अधिकारियों ने पिछले सप्ताह बताया था कि 38 वर्षीय संक्रमित संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की यात्रा कर लौटा था और लक्षण नजर आने पर जिले के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया था। उसकी स्थिति स्थिर है और उसकी विशेष निगरानी की जा रही है।
मरीज के संपर्कों की भी की जा रही है निगरानी
मलप्पुरम के नोडल अधिकारी डॉ शुबीन सी ने बताया कि मरीज के 29 दोस्तों और परिवार के सदस्यों के साथ-साथ उड़ान में सवार 37 यात्रियों की घर पर निगरानी की जा रही है। हालांकि, किसी में भी एमपॉक्स के कोई लक्षण नहीं दिखे हैं।
क्या है एमपॉक्स वायरस?
एमपॉक्स वायरस पॉक्सविरिडे फैमिली से है, जिसमें ऑर्थोपॉक्स, वेरियोला, काउपॉक्स, वैक्सीनिया और अन्य वायरस शामिल हैं। वर्तमान वायरस ऑर्थोपॉक्स प्रजाति का है और इसके 2 वेरिएंट हैं, जो प्रकृति में अलग-अलग हैं। इनमें क्लेड 1B (उत्पत्ति- मध्य अफ्रीकी कांगो बेसिन) और क्लेड 2 (उत्पत्ति- पश्चिम अफ्रीका) हैं। ये दोनों विरिएंट रोग की गंभीरता और प्रभावित आबादी पर अपने प्रभाव को प्रभावित भी करते हैं। इसका पहला मामला 1958 में कांगो में दर्ज किया गया था।
क्या हैं एमपॉक्स वायरस के दोनों वेरिएंट के लक्षण?
ऑर्थोपॉक्स प्रजाति के एमपॉक्स वायरस के कारण त्वचा पर लाल चकत्ते, उसके बाद मवाद से भरे छाले, तेज बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, पीठ दर्द, ऊर्जा की कमी, लिम्फ नोड्स में सूजन और गले में खराश जैसे लक्षण उत्पन्न होते हैं। ये छाले हाथों की हथेलियों, पैरों के तलवों, चेहरे, मुंह, गले, कमर और जननांग क्षेत्रों या गुदा पर हो सकते हैं। शुरुआती चरण में ये अपने आप ठीक हो जाते हैं, लेकिन गंभीर मामलों में स्थिति खराब होती है।
कैसे फैलता है एमपॉक्स वायरस का संक्रमण?
WHO के अनुसार, किसी संक्रमित जानवर या इंसान के संपर्क में आने पर कोई भी व्यक्ति इस वायरस से संक्रमित हो सकता है। संक्रमित व्यक्ति की छींक या खांसी के दौरान निकलने वाली बड़ी श्वसन बूंदों या उसके स्पर्श से भी यह फैलता है। यह वायरस छिली हुई त्वचा, सांस और मुंह के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। यह यौन संबंधों के जरिए भी फैलता है। साल 2022 में यह वायरस ज्यादातर यौन संपर्क के माध्यम से फैला था।
क्यों घातक है क्लेड 1B वेरिएंट?
क्लेड 1B वेरिएंट में अधिक गंभीर लक्षण और जटिलताएं होती हैं। इससे संक्रमित मरीजों में गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करने का जोखिम होता है, जिसमें 10 प्रतिशत तक की उच्च मृत्यु दर भी शामिल है। एक रिपोर्ट के अनुसार, क्लेड 1B मुख्य रूप से मनुष्यों के बीच संपर्क से फैल रहा है, जिसमें यौन संबंध भी शामिल हैं। अकेले कांगो में इस साल एमपॉक्स के 18,000 संदिग्ध मामले सामने आए हैं और 600 लोगों की मौत हुई हैं।
मृत्यु दर में हो सकता है इजाफा
नेचर में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, क्लेड 1B वेरिएंट के जरिए बिगड़ने वाली स्वास्थ्य स्थितियां मृत्यु दर को प्रभावित कर सकती है। उदाहरण के लिए, HIV से पीड़ित व्यक्ति (कई अफ्रीकी देशों में आबादी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा) में एमपॉक्स से मृत्यु दर सामान्य आबादी की तुलना में दोगुनी है, खासकर तब जब उनका HIV का उपचार ही शुरू न हुआ हो। इसी तरह कुपोषण से पीड़ित लोग भी इस वायरस की चपेट में आकर जान गंवा सकते हैं।