लॉकडाउन में दिहाड़ी मजदूरों की मदद के लिए क्या कदम उठा रहे राज्य?
कोरोना वायरस (COVID-19) महामारी के कारण देश में जारी 21 दिनों के लॉकडाउन के बीच उत्तर प्रदेश, गुजरात और आंध्र प्रदेश आदि राज्य असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के लिए आगे आए हैं। यहां दिहाड़ी मजदूरों से लेकर रेहड़ी-पटरी लगाने वाले लोगों को मुफ्त में राशन और बैंक खातों में पैसे भेजे जा रहे हैं। अधिकतर राज्यों में मजदूरों को फ्री राशन के साथ-साथ 1,000-1,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जा रही है। आइये, ऐसे ही कदमों पर नजर डालते हैं।
देश में इतनी है असंगठित क्षेत्र के मजदूरों की संख्या
भारत में असंगठित क्षेत्र में लगभग 39.14 करोड़ कर्मचारी हैं, जो देश के कुल कर्मचारियों का लगभग 82.7 प्रतिशत है। देश की अर्थव्यवस्था में इनका योगदान काफी महत्वपूर्ण है।
उत्तर प्रदेश में मजदूरों को हर महीने 1,000 रुपये की मदद
उत्तर प्रदेश में दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालकों और रेहड़ी-पटरी आदि लगाने वालों को 1,000 रुपये हर महीने दिये जा रहे हैं। श्रमिक भरण-पोषण योजना के तहत दी जा रही इस मदद का लगभग 35 लाख लोगों को फायदा होगा। इस योजना के तहत लाभार्थियों के खाते में पैसा भेजा जाएगा। राज्य में रजिस्टर्ड 20.37 लाख में से 6 लाख के पास बैंक अकाउंट नहीं हैं। अधिकारियों को ऐसे लोगों की मदद करने के आदेश दिए गए हैं।
उत्तर प्रदेश योजना पर खर्च करेगा 235 करोड़ रुपये
साथ ही शहरी विकास विभाग को दो सप्ताह में 15,000 स्ट्रीट वेंडर और रिक्शा चालकों का डाटाबेस तैयार करने को कहा गया है। इन्हें भी इस योजना में शामिल किया जाएगा। 31 मार्च तक इस योजना पर 235 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
आंध्र प्रदेश में क्या हो रहा है?
आंध्र प्रदेश में लॉकडाउन के दौरान गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले, दिहाड़ी मजदूरों, ऑटो रिक्शा और टैक्सी चालकों, बुनकर, मोची, निर्माण श्रमिक और असंगठिक क्षेत्र के दूसरों मजदूरों को हर महीने 1,000 रुपये दिए जाएंगे। मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने कहा कि इस पैकेज के लिए 1,500 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। यहां लाभार्थियों को दाल, चावल, तेल और नमक के राशन के साथ 4 अप्रैल तक आर्थिक मदद मिल जाएगी।
गुजरात दे रहा मुफ्त राशन
गुजरात में दिहाड़ी मजदूरों को अनाज सहित राशन मुफ्त में मिलेगा। राज्य के 60 लाख परिवारों को 1 अप्रैल से यह मदद मिलनी शुरू हो जाएगी। इसके तहत हर व्यक्ति को 3.5 किलो अनाज, 1.5 किलो चावल के साथ-साथ एक-एक किलो चीनी, दाल और नमक दिया जाएगा। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत राशन बांटा जाएगा। इस राशन को डिपो पर भेजने की शुरुआत हो गई है। भीड़ इकट्ठी न हो इसलिए कई चरणों में राशन वितरण का काम किया जाएगा।
तेलंगाना में हर परिवार को 1,500 रुपये की आर्थिक मदद
राज्य में सफेद राशन कार्ड धारक, BPL परिवार और असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को हर महीने 1,500 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके साथ उन्हें अप्रैल महीने में 6 किलो की जगह 12 किलो चावल मिलेंगे। राज्य में इसके लिए 2,417 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। इसमें से 1,103 करोड़ 3.36 लाख टन चावल और 1,314 करोड़ रुपये आर्थिक सहायता के लिए होंगे। 30 मार्च तक लाभार्थियों के खाते में यह मदद भेज दी जाएगी।
राजस्थान ने किया 2,000 करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान
राजस्थान में लॉकडाउन के दौरान मजदूरों की सहायता के लिए 2,000 करोड़ रुपये का पैकेज का ऐलान किया गया है। यहां सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना के तहत कवर नहीं किए गए लगभग 25 लाख निर्माण कार्य मजदूरों और रेहड़ी-पटरी वालों को 1,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके दायरे में BPL, राज्य BPL और अंत्योदय योजना के लाभार्थी भी आएंगे। जिला प्रशासन ऐसे लोगों की पहचान करेगा। आर्थिक मदद इनके खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
उत्तराखंड में दिए जाएंगे हर महीने 1,000 रुपये
उत्तराखंड में दिहाड़ी मजदूरों, सब्जी और फल विक्रेताओं और दुकानदारों आदि को 1,000 रुपये हर महीने दिए जाएंगे। इसके लिए मुख्यमंत्री राहत कोष से 30 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है। जिलाधिकारियों और स्थानीय अधिकारियों को हर जिले में सर्वे कर ऐसे लोगों की पहचान का काम सौंपा गया है। इन लोगों को बैंक खाते के जरिये या नकद यह आर्थिक सहायता दी जाएगी ताकि वो लॉकडाउन के दौरान अपना घर चला सके।
केरल में बनेंगी सामुदायिक रसोई
केरल सरकार ने ऐलान किया है कि राज्य में सामुदायिक रसोईयां बनाई जाएंगी ताकि 21 दिनों के लॉकडाउन के दौरान किसी को भूखा न सोना पड़े। स्थानीय निकाय इन रसोईयों का संचालन करेंगे। लोग फोन कर यहां से खाना मंगा सकेंगे। साथ ही होम क्वारंटीन में रखे लोगों को भी यहां से खाना भेजा जाएगा। सरकार ने स्थानीय निकायों से केरल में फंसे मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा है।