गुजरात: स्कूल ने छात्राओं से लिखवाए नागरिकता कानून पर प्रधानमंत्री मोदी के लिए बधाई संदेश, विवाद
गुजरात के अहमदाबाद के एक प्राइवेट स्कूल ने अपनी छात्राओं को प्रधानमंत्री मोदी को बधाई वाले पोस्टकार्ड भेजने के लिए कहा। स्कूल ने पांचवी से आठवीं कक्षा की छात्राओं को नागरिकता संशोधन कानून पारित कराने पर बधाई देने के लिए ये पोस्टकार्ड लिखने को कहा था। हालांकि, अभिभावकों द्वारा विरोध जताने पर स्कूल ने माफी मांग ली और पोस्टकार्ड भेजने का विचार छोड़ दिया। आइये, इस पूरे वाकये के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करते हैं।
क्या है पूरा मामला?
यह मामला अहमदाबाद के कांकरिया इलाके में स्थित लिटल स्टार स्कूल का है। यह केवल लड़कियों का स्कूल है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, गुरुवार को एक अध्यापक ने ब्लैकबोर्ड पर एक बधाई संदेश लिखा और छात्राओं को इसे पोस्टकार्ड पर कॉपी करने को कहा। छात्राओं को इस पर अपना रिहाइशी पता लिखकर 'प्रधानमंत्री कार्यालय, साउथ ब्लॉक सेक्रेटेरिएट बिल्डिंग, रायसीना हिल्स, नई दिल्ली' के पते पर भेजने को कहा गया था।
पोस्टकार्ड में क्या लिखवाया गया था?
स्कूल ने छात्राओं से कार्ड पर लिखवाया, 'बधाई हो। मैं भारत की नागरिक होने के नाते आदरणीय प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को नागरिकता संशोधन कानून के लिए बधाई देती हूं। मैं और मेरा परिवार इस कानून के समर्थन में है।'
क्या बोले छात्राओं के अभिभावक?
इंडियन एक्सप्रेस से बात करते हुए एक छात्रा के अभिभावक ने बताया, "मेरी बेटी 10वीं कक्षा में पढ़ती है। वह इंटरनल एग्जाम के लिए तैयारी कर रही है। मुझे मंगलवार शाम को पता चला कि उसके अध्यापकों ने उसकी पूरी कक्षा को नागरिकता कानून के समर्थन में प्रधानमंत्री को बधाई संदेश भेजने को कहा है। मेरी बेटी को इसकी समझ नहीं है। उसे इसमें भाग लेने के लिए मजबूर किया जा रहा है। यह हमें मंजूर नहीं है।"
इन वजहों से उठ रहे सवाल
रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्कूल ने कहा था कि जो छात्राएं ये पोस्टकार्ड जमा नहीं करेंगी, उन्हें परीक्षाओं में नंबर नहीं दिए जाएंगे। साथ ही अभिभावकों की मर्जी के बिना पोस्टकार्ड पर रिहाइशी पता लिखवाने पर भी सवाल उठ रहे हैं।
स्कूल प्रशासन ने माफी मांग सुलझाया मामला
मंगलवार का यह मामला बुधवार तक तूल पकड़ गया। बुधवार को दर्जनों अभिभावक स्कूल के मालिक और ट्रस्टी जिनेश पारसराम के पास पहुंचे और अपना विरोध दर्ज कराया। स्कूल प्रशासन ने इसे 'गलतफहमी' बताते हुए अभिभावकों से माफी मांगी और पोस्टकार्ड उन्हें लौटा दिये। अभिभावकों स्कूल मालिक के कार्यालय में इन पोस्टकार्ड को फाड़कर अपना विरोध जताया। जिनेश ने कहा कि कुछ अध्यापकों ने उनकी जानकारी के बगैर यह काम किया था। अब मामला सुलझा लिया गया है।
क्या है नागरिकता संशोधन कानून?
संसद ने शीतकालीन सत्र में नागरिकता संशोधन कानून को हरी झंडी दिखाई थी। इसके तहत पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हिंदू, सिख, क्रिश्चियन, पारसी, जैन और बौद्ध समुदायों के लोगों को आसानी से भारत की नागरिकता मिल सकती है। वहीं मुस्लिमों को इस कानून से बाहर रखा गया है। इसे लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। प्रदर्शनों के दौरान हुई हिंसा में अलग-अलग राज्यों में 20 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।