
'क्वाड' के बाद 'स्क्वाड' समूह में शामिल हो सकता है भारत, ये क्या है?
क्या है खबर?
भारत अब तक क्वाड समूह के जरिए हिंद-प्रशांत क्षेत्र में अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है, लेकिन भारत जल्द ही एक नए प्रमुख बहुपक्षीय गठबंधन का हिस्सा बन सकता है। इसे 'स्क्वाड' नाम दिया जा रहा है।
यह नया गठबंधन दक्षिण चीन सागर पर केंद्रित है। इस अनौपचारिक समूह के सदस्य फिलीपींस ने इच्छा जताई है कि भारत और दक्षिण कोरिया भी समूह का हिस्सा बने।
आइए स्क्वाड के बारे में जानते हैं।
स्क्वाड
क्या है स्क्वाड समूह?
'स्क्वाड' में ऑस्ट्रेलिया, जापान, अमेरिका और फिलीपींस शामिल हैं। इसका उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करना है।
ब्लूमबर्ग के अनुसार, समूह को नाम पेंटागन के अधिकारियों द्वारा दिया गया था।
ऑब्जर्वर रिसर्च फाउंडेशन के अनुसार, स्क्वाड की पहली बैठक 3 जून, 2023 को आयोजित की गई थी। वहीं, समूह का पहला संयुक्त समुद्री अभ्यास अप्रैल, 2024 में हुआ था।
इस समूह ने एक साल से ज्यादा समय तक दक्षिण चीन सागर में नौसैनिक अभ्यास किया है।
उद्देश्य
क्या है समूह का उद्देश्य?
समूह का मुख्य उद्देश्य दक्षिण चीन सागर में चीन की गतिविधियों को नियंत्रित करना है।
फिलीपींस ने 'स्क्वाड' को दक्षिण चीन सागर पर चीन की आक्रामक गतिविधियों का जवाबी समूह बताया है।
फिलीपींस के सशस्त्र बल प्रमुख जनरल रोमियो ब्राउनर ने समूह को सैन्य पहलुओं, खुफिया जानकारी साझा करने, संयुक्त अभ्यास और संचालन पर एक अनौपचारिक सहयोग वाला गठबंधन बताया है।
बता दें कि दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन का जापान और फिलीपींस से विवाद चल रहा है।
फिलीपींस
भारत को समूह का सदस्य क्यों बनाना चाहता है फिलीपींस?
ब्रॉउनर ने कहा, "हम भारत के साथ समानता देखते हैं, क्योंकि हमारा साझा दुश्मन है। मुझे यह कहने में कोई डर नहीं है कि चीन हमारा साझा दुश्मन है। इसलिए यह महत्वपूर्ण है कि हम साथ मिलकर काम करें, शायद खुफिया जानकारी का आदान-प्रदान करें। फिलीपींस की पहले से ही भारतीय सेना के साथ साझेदारी है। जब मैं भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान से मिलूंगा तो भारत को 'स्क्वाड' में शामिल होने का प्रस्ताव दूंगा।"
विवाद
दक्षिण चीन सागर को लेकर क्या है विवाद?
दक्षिण चीन सागर प्रशांत महासागर में स्थित 35 लाख वर्ग किलोमीटर का इलाका है जिसमें कई छोटे-छोटे द्वीप समूह हैं।
चीन ऐतिहासिक 'नाइन डैश लाइन' के जरिए दक्षिण चीन सागर के 90 प्रतिशत इलाके को अपना बताता है। इसके अलावा ब्रुनेई, मलेशिया, फिलीपींस, ताइवान और वियतनाम भी इलाके के हिस्सों पर अपना दावा करते हैं और उनका चीन के साथ विवाद है।
चीन यहां विवादित क्षेत्र में आए दिन युद्धाभ्यास करता रहता है।
चीन
स्क्वाड को लेकर चीन का क्या कहना है?
चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में छपे एक लेख में स्क्वाड को 'मिले-जुले हितों का ढीला-ढाला गुट' बताया गया है, जिसका काम केवल दक्षिण चीन सागर में अस्थिरता को बढ़ावा देना है।
लेख में लिखा है, "समूह की कथित एकता एक दिखावा मात्र है, जो एक अवसरवादा पर आधारित है और पहले से ही तनावपूर्ण स्थिति को और भड़काने का काम करती है। दक्षिण चीन सागर में शांति और स्थिरता बातचीत और सहयोग पर निर्भर करती है।"