
भारत सरकार ने टैरिफ पर ट्रंप के दावे को गलत बताया, कहा- कटौती पर बातचीत नहीं
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के उस दावे का खंडन किया है, जिसमें उन्होंने कहा कि भारत टैरिफ कम करने को लेकर प्रतिबद्ध है।
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, विदेश मामलों पर संसद की स्थायी समिति के सामने पेश हुए वाणिज्य सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि भारत ने टैरिफ कम करने को लेकर कोई प्रतिबद्धता नहीं जताई।
उन्होंने बताया कि टैरिफ मुद्दा सुलझाने के लिए सितंबर तक का समय मांगा है।
खंडन
वाणिज्य सचिव ने समिति से क्या कहा?
वाणिज्य सचिव ने संसदीय समिति के सामने कहा कि भारत-अमेरिका पारस्परिक रूप से द्विपक्षीय लाभकारी व्यापार समझौते पर काम कर रहे हैं, जो टैरिफ समायोजन की जगह दीर्घकालिक व्यापार सहयोग पर ध्यान केंद्रित कर रहा है।
उन्होंने टैरिफ को लेकर कहा कि भारत वाशिंगटन से व्यापार समझौतों पर जो बातचीत कर रहा है, वह कनाडा, चीन और मेक्सिको से काफी अलग है।
उन्होंने कहा कि भारत फिलहाल पारस्परिक टैरिफ से बच सकता है।
दावा
ट्रंप ने क्या किया था दावा?
ट्रंप लगातार भारत को टैरिफ मामलों पर निशाना बना रहे हैं और कह रहे हैं कि भारत उनके कई आयात पर 100 प्रतिशत टैरिफ लगाता है।
उन्होंने चेतावनी दी कि अगर भारत समेत उच्च टैरिफ वाले देश अमेरिकी आयात पर शुल्क कम नहीं करता तो अमेरिका 2 अप्रैल से पारस्परिक टैरिफ लगाएगा।
इस बीच ट्रंप ने दावा किया कि भारत टैरिफ कम करने को लेकर तैयार है और उसने प्रतिबद्धता जताई है।
दावे के बाद भारत में खलबली मच गई।
जानकारी
शशि थरूर की अध्यक्षता वाली समिति ने सरकार को तलब किया था
कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व वाली विदेश मामलों की स्थायी समिति में असदुद्दीन ओवैसी, दीपेंद्र हुड्डा, सागरिका घोष जैसे विपक्षी सांसद शामिल हैं जिन्होंने वाणिज्य सचिव और विदेश सचिव विक्रम मिस्री को समिति के समक्ष उपस्थित होकर घटनाक्रम पर जानकारी देने को कहा था।