
पाकिस्तान में बलूच लिबरेशन आर्मी क्या है, जिसने ट्रेन अगवा कर सैंकड़ों यात्रियों को बंधक बनाया?
क्या है खबर?
आतंक का पनाहगार पाकिस्तान अब खुद आतंकवाद की चक्की में पिस रहा है।
देश अशांत बलूचिस्तान में सक्रिय उग्रवादी संगठन बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) ने मंगलवार को क्वेटा से खैबर पख्तूनख्वा के पेशावर के रास्ते में एक यात्री ट्रेन (जाफर एक्सप्रेस) का अपहरण कर करीब 182 यात्रियों को बंधक बना लिया।
इस दौरान उसके लड़ाकों ने 16 सैन्यकर्मियों को भी मौत के घाट उतार दिया। आइए BLA की संरचना और उसके मकसद के बारे में जानते हैं।
अपहरण
BLA ने कैस किया ट्रेन का अपहरण?
रिपोर्ट के अनुसार, जाफर एक्सप्रेस ट्रेन सुबह 9 बजे पेशावर के लिए रवाना हुई थी।
दोपहर में ट्रेन के बोलान इलाके में सुरंग नंबर 8 में पहुंचते ही ट्रेक पर जोरदार धमाका हुआ। इससे लोको पायलट ने ट्रेन रोक दी।
इसके बाद BLA के लड़ाकों ने इंजन पर गोलीबारी कर चालक को जख्मी कर दिया। उन्होंने ट्रेन में सवार 20 सैन्यकर्मियों को मौत के घाट उतार दिया और 100 सैन्यकर्मियों समेत 182 यात्रियों को बंधक बना लिया।
चेतावनी
BLA ने क्या दी है चेतावनी?
BLA की ओर से जारी बयान में कहा गया है, "बंधकों में पाकिस्तानी सेना, पुलिस, आतंकवाद निरोधक बल (ATF) और इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) के सक्रिय कर्मी शामिल हैं, जो छुट्टियों पर पंजाब जा रहे थे।"
BLA ने कहा, "उसने महिलाओं, बच्चों और बलूच यात्रियों को रिहा कर दिया है। अगर, सरकार उनके खिलाफ कोई भी सैन्य कार्रवाई करती है तो वह बंधक बनाए गए सभी यात्रियों को मौत के घाट उतार देंगे।"
जानकारी
पाकिस्तान सरकार ने क्या उठाया कदम?
इस हमले के बाद बलूचिस्तान के अस्पतालों में आपातकाल घोषित किया गया है। पाकिस्तानी सेना ने इलाके को घेर लिया है और बंधकों को सुरक्षित बचाने के लिए ऑपरेशन चलाया जा रहा है। हालांकि, BLA की धमकी के कारण सेना सीधी कार्रवाई नहीं कर रही।
सवाल
क्या है BLA संगठन?
बलूच लिबरेशन आर्मी (BLA) की स्थापना 1970 में मानी जाती है। उस समय बलूचिस्तान के लोग अपनी राजनीतिक और सांस्कृतिक पहचान बचाने के लिए संघर्ष कर रहे थे।
1970 के दशक में पाकिस्तान में चले बड़े सैन्य अभियान में कई बलूच नेताओं का संगठनों का उत्पीड़न हुआ था। उसके बाद कई बलूच संगठनों ने सशस्त्र विद्रोह का रास्ता चुना था।
हालांकि, असल तौर पर BLA संगठन साल 2000 में तेजी से उभरकर सामने आया था।
स्थापना
किसने की थी BLA की स्थापना?
रिपोर्ट्स के अनुसार, BLA की स्थापना प्रमुख बलूच नेता मीर हबत खान मारी और उनके पुत्र नवाब खैर बख्श मारी ने की थी।
नवाब ने बलूच लोगों के अधिकारों और उनकी स्वतंत्रता की लड़ाई में अहम भूमिका निभाई थी। उनकी मृत्यु के बाद उनके परिवार और अन्य नेताओं ने लड़ाई को जारी रखा।
हालांकि, इसका कोई आधिकारिक प्रमाण नहीं है। वर्तमान में इसकी अगुवाई बशीर जेब कर रहे हैं और अपने उद्देश्य को आगे बढ़ा रहे हैं।
मांग
क्या है BLA की मांग?
BBC की रिपोर्ट के अनुसार, बलूचिस्तान के लोगों का मानना है कि भारत-पाकिस्तान बंटवारे के समय उन्हें जबरन पाकिस्तान में शामिल कर लिया गया, जबकि वो खुद एक आजद मुल्क के तौर पर देखना चाहते थे। ऐसा नहीं हो सका इसलिए इस प्रांत के लोगों का पाकिस्तान की सरकार और वहां की सेना के साथ संघर्ष चलता रहा और वो आज भी बरकरार है।
BLA आज भी खुद को स्वतंत्र राज्य बनाने की मांग को लेकर संघर्ष कर रहा है।
संरचना
कैसी है BLA की संरचना?
BLA की आंतरिक संरचना के बारे में बहुत कुछ गुप्त है, लेकिन ऐसा माना जाता है कि यह समूह सेल-आधारित प्रणाली में काम करता है, जिसमें विभिन्न कमांडर बलूचिस्तान के विभिन्न हिस्सों में संचालन की देखरेख करते हैं।
इसके लड़ाकों की संख्या हजारों में बताई जाती है और इस संगठन के पास सभी अत्याधुनिक हथियार मौजूद है।
BLA से जुड़े प्रमुख लोगों में असलम बलूच जैसे कमांडर शामिल हैं, जो 2018 में एक आत्मघाती हमले में मारे गए थे।
हमले
BLA ने किन प्रमुख हमलों की जिम्मेदारी ली?
BLA ने नवंबर, 2024 को क्वेटा रेलवे स्टेशन पर हमले की जिम्मेदारी ली थी, जिसमें 32 लोगों की मौत होने के साथ 55 घायल हुए थे।
अप्रैल 2024 में संगठन ने नोशकी के पास 23 पंजाबी यात्रियों की गोली मारकर हत्या कर दी थी।
3 अगस्त, 2023 को BLA की मजीद ब्रिगेड ने ग्वादर में हमला कर 4 चीनी इंजीनियर सहित 13 लोगों को मार गिराया था।
2022 में संगठन ने 78 हमले कर 80 लोगों की हत्या की थी।
अंतरराष्ट्रीय
इन देशों ने BLA को घोषित कर रखा है आतंकी संगठन
BLA को पाकिस्तान के साथ अमेरिका और ब्रिटेन ने आतंकी संगठन घोषित कर रखा है।
अमेरिकी विदेश विभाग ने 2019 में नागरिकों और सुरक्षा कर्मियों के खिलाफ इसके हमलों का हवाला देते हुए इसे विदेशी आतंकवादी संगठनों (FTO) की सूची में शामिल किया था।
इस संगठन का चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) को लेकर चीन से भी विवाद है। यही कारण है कि इसने पाकिस्तान में चलने वाली चीन की कई परियोजनाओं पर भी हमले किए हैं।