अमेरिका की समिति ने की भारत को NATO प्लस समूह में शमिल करने की सिफारिश
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे से पहले एक अमेरिकी संसद की समिति ने भारत को NATO प्लस समूह में शामिल करने की सिफारिश की है। समिति ने कहा कि समूह में भारत के जुड़ने से इन देशों के बीच सहज खुफिया जानकारी साझा करने में सुविधा होगी और नवीनतम सैन्य तकनीक भारत तक आसानी से पहुंच पाएगी। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के आमंत्रण पर 22 जून को अमेरिका जाएंगे।
भारत के शामिल होने से NATO प्लस होगा मजबूत- समिति
समिति ने कहा, "अमेरिका के लिए चीन की कम्युनिस्ट पार्टी (CCP) के साथ रणनीतिक प्रतिस्पर्धा जीतने और ताइवान की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए भारत समेत अपने सहयोगियों और सुरक्षा भागीदारों के साथ संबंधों को मजबूत करना महत्वपूर्ण है।" समिति ने आगे कहा, "NATO प्लस सुरक्षा व्यवस्था में भारत को शामिल करने से वैश्विक सुरक्षा को मजबूत करने और भारत-प्रशांत क्षेत्र में CCP की आक्रामकता को रोकने के लिए अमेरिका और भारत की करीबी साझेदारी बढ़ेगी।"
समिति ने और क्या कहा?
अमेरिका और चीन के बीच सामरिक प्रतिस्पर्धा पर चयन समिति ने अपनी सिफारिशों में आगे कहा, "यदि चीन ताइवान पर हमला करता है तो उस स्थिति में आर्थिक प्रतिबंध तभी प्रभावी होंगे यदि G7, NATO, NATO प्लस और क्वाड समूह के सदस्य एक साथ शामिल होंगे।" गौरतलब है कि रिपब्लिकन पार्टी के नेतृत्व में बनाई गई इस समिति को आमतौर पर चीन समिति के रूप में भी जाना जाता है।
NATO क्या है?
नॉर्थ अटलांटिक ट्रीटी के जरिये 4 अप्रैल, 1949 को एक सैन्य गठबंधन NATO की शुरुआत हुई थी। दूसरे विश्वयुद्ध के बाद सोवियत संघ के विस्तार को रोकने के लिए इसका गठन किया गया था। बेल्जियम, कनाडा, डेनमार्क, फ्रांस, आइसलैंड, इटली, लग्जमबर्ग, नीदरलैंड, नॉर्वे, पुर्तगाल, इंग्लैंड और अमेरिका को इसके संस्थापक सदस्यों में गिना जाता है। NATO में फिलहाल ग्रीस, तुर्की, जर्मनी, स्पेन समेत कुल 31 देश शामिल हैं। आखिरी सदस्य के रूप में फिनलैंड अप्रैल में NATO में शामिल हुआ।
NATO प्लस समूह में कौन से देश हैं शामिल?
NATO प्लस समूह वैश्विक रक्षा सहयोग को बढ़ावा देने के लिए NATO और 5 गठबंधन देशों को एक साथ लाता है। इसमें NATO के 31 सदस्य देशों के अलावा ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, जापान, इजरायल और दक्षिण कोरिया भी शमिल हैं।
22 जून को अमेरिका के दौरे पर जाएंगे प्रधानमंत्री मोदी
बता दें कि प्रधानामंत्री मोदी 22 जून को अमेरिका के दौरे पर जाएंगे, जहां उनके सम्मान में व्हाइट हाउस में राजकीय भोज का आयोजन किया जाएगा। इस दौरान अमेरिकी प्रतिनिधि सभा और सीनेट सत्र चल रहा होगा और संभावना है कि नरेंद्र मोदी अमेरिकी संसद के संयुक्त सत्र को भी संबोधित कर सकते हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने फरवरी में आमंत्रित किया था, जिसे प्रधानामंत्री मोदी ने मई में आधिकारिक तौर पर स्वीकार कर लिया था।