जो बाइडन AI कंपनियों के CEO से मिले, इस्तेमाल किया ChatGPT
आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) के संभावित खतरों की चर्चा के बीच अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने माइक्रोसॉफ्ट और अल्फाबेट की गूगल सहित टॉप AI कंपनियों के CEO से मुलाकात की। बाइडन ने कंपनियों के CEO को स्पष्ट किया कि उन्हें यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके प्रोडक्ट्स इस्तेमाल के लिए उपलब्ध कराए जाने से पहले ही पूरी तरह से सुरक्षित हों। एक रिपोर्ट के मुताबिक, इस दौरान बाइडन ने जनरेटिव AI टूल ChatGPT को भी इस्तेमाल किया।
AI के मौजूदा और संभावित खतरों पर हुई चर्चा
व्हाइट हाउस के अधिकारियों के मुताबिक, बाइडन ने कंपनियों के CEO से कहा कि समाज, व्यक्तियों और राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए AI से होने वाले मौजूदा और संभावित जोखिमों को कम करना चाहिए। व्हाइट हाउस ने कहा कि बैठक में कंपनियों को उनके आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सिस्टम के बारे में नीति निर्माताओं के साथ अधिक पारदर्शी होने की बात कही गई। गुरुवार को हुई बैठक में उपराष्ट्रपति कमला हैरिस के साथ सुंदर पिचई, सत्या नडेला और सैम ऑल्टमैन आदि मौजूद रहे।
ChatGPT का इस्तेमाल कर प्रभावित हुए बाइडन
Axios की रिपोर्ट के मुताबिक, ChatGPT के इस्तेमाल से बाइडन प्रभावित हुए। व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव करीने जीन-पियरे ने कहा कि बाइडन को AI चैटबॉट के बारे में अच्छे से जानकारी दी गई और वो जानते हैं कि AI चैटबॉट कैसे काम करते हैं।
AI से सुरक्षा, गोपनीयता की चिंता- हैरिस
हैरिस ने एक बयान में कहा कि टेक्नोलॉजी जीवन को बेहतर बनाती है, लेकिन ये सुरक्षा, गोपनीयता और नागरिक अधिकारों को लेकर चिंता भी पैदा कर सकती है। उन्होंने कंपनियों के प्रमुखों से कहा कि उनके पास अपने AI प्रोडक्ट्स की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए "कानूनी जिम्मेदारी" है और प्रशासन AI को लेकर नए नियमों के साथ आगे बढ़ने और इसके लिए नए कानूनी समर्थन देने के लिए खुला है।
टेक कंपनियों के लिए नियमों को लेकर अमेरिका के रुख में नरमी
यूरोपीय सरकारों ने डीपफेक और फर्जी सूचनाओं को लेकर टेक कंपनियों के लिए कड़े नियम और कानून बनाए हैं। हालांकि, कड़े टेक नियमों को लेकर अमेरिका के रुख में थोड़ी नरमी आई है। अमेरिकी प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हम इसे एक दौड़ के रूप में नहीं देखते। प्रशासन इस मुद्दे पर US-EU ट्रेड एंड टेक्नोलॉजी काउंसिल के साथ काफी करीब से मिलकर काम कर रहा है।"
AI प्रोडक्ट्स लॉन्च करने को लेकर बढ़ी प्रतिस्पर्धा
बीते साल ChatGPT की लॉन्चिंग के बाद से जनरेटिव AI चर्चा का विषय बना हुआ है। टेक कंपनियों के बीच AI प्रोडक्ट को लॉन्च करने की प्रतिस्पर्धा बढ़ गई है। कंपनियां AI आधारित तरह-तरह के टूल बना रही हैं और उनकी टेस्टिंग कर रही हैं। जनरेटिव AI की क्षमता को देखते हुए इससे विभिन्न क्षेत्रों में नौकरियों के जाने, प्राइवेसी से जुड़े खतरों को लेकर चिंता जताई जा रही है।