#NewsBytesExplainer: पहली बार भारत दौरे पर आए अबू धाबी क्राउन प्रिंस, कितनी अहम है यात्रा?
संयुक्त अरब अमीरात (UAE) के राष्ट्रपति और अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान 2 दिवसीय आधिकारिक भारत यात्रा पर आए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत आने का न्योता दिया था। ये पहली बार है जब शेख खालिद बतौर प्रिंस भारत की यात्रा कर रहे हैं। भारत और UAE के रिश्तों को देखते हुए इस यात्रा को काफी अहम माना जा रहा है। आइए जानते हैं दौरा कितना अहम है।
सबसे पहले जानिए कैसा रहेगा दौरा?
शेख खालिद आज (8 सितंबर) की शाम भारत पहुंच चुके हैं। वे 9 और 10 सितंबर को भारत में रहेंगे। इस दौरान उनकी प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात होगी। वे राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मिलेंगे। अबू धाबी के प्रिंस राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी जाएंगे। दिल्ली के बाद वे एक कारोबारी बैठक में भाग लेने मुंबई जाएंगे। इसमें दोनों देशों के व्यापारिक नेता भाग लेंगे। उनके साथ मंत्री और दूसरे प्रतिनिधि भी आए हैं।
किन मुद्दों पर होगी चर्चा?
जानकारी के मुताबिक, प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस के बीच विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को लेकर बातचीत होगी। इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच इजरायल-हमास युद्ध से उत्पन्न हालात को लेकर भी बातचीत होगी। मुंबई में व्यापारिक बैठक में दोनों देशों के बीच व्यापार और निवेश संबंधों को और बढ़ाने के अवसरों पर चर्चा होगी। इसी तरह तकनीक, बुनियादी ढांचे और अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में सहयोग के नए रास्ते भी खोजे जाएंगे।
आर्थिक भागीदारी समझौते की हो सकती है समीक्षा
रॉयटर्स के अनुसार, दोनों देश 2022 में हुए व्यापक आर्थिक भागीदारी समझौते की समीक्षा भी कर सकते हैं। दरअसल, UAE से कीमती धातुओं के आयात में तेज बढ़ोतरी पर भारत ने चिंता जताई है। इसके बाद दोनों देश व्यापार समझौते की समीक्षा कर सकते हैं। हालांकि, इस संबंध में भारत के व्यापार मंत्रालय और UAE के अर्थव्यवस्था मंत्रालय ने किसी भी तरह की टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है।
कितना अहम है दौरा?
यह पहली बार है, जब भारत आधिकारिक तौर पर UAE के राजघराने और सरकार की अगली पीढ़ी के साथ बातचीत कर रहा है। जानकारों का कहना है कि ये संकेत देता है कि भारत UAE के साथ अपने संबंधों को कितना महत्व देता है। विदेश मंत्रालय ने कहा है कि क्राउन प्रिंस की यात्रा से भारत-UAE द्विपक्षीय संबंध और मजबूत होंगे तथा नए और उभरते क्षेत्रों में साझेदारी के रास्ते खुलेंगे।
भारत के लिए क्या हैं मायने?
क्राउन प्रिंस की भूमिका संभालने के बाद से शेख खालिद ने अबू धाबी की अर्थव्यवस्था में विविधता लाने और प्रौद्योगिकी और नवाचार जैसे प्रमुख क्षेत्रों में भागीदारी बढ़ाने के लिए उदार रवैया अपनाया है। ऐसे में यात्रा से भविष्य के भारत-UAE संबंधों के लिए मजबूत नींव का निर्माण करने और नए क्षेत्रों में सहयोग की संभावनाएं तलाशे जाने की उम्मीद है। इस यात्रा से अक्षय ऊर्जा, प्रौद्योगिकी और नवाचार के मोर्चों पर भारत के लिए नए अवसर खुल सकते हैं।
कैसे हैं दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध?
भारत UAE के सबसे बड़े व्यापारिक साझेदारों में से एक है। दोनों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2022-23 में लगभग 7 लाख करोड़ रुपये था। भारत और UAE के बीच पेट्रोलियम उत्पाद, रत्न, आभूषण, खाद्य पदार्थ, वस्त्र, रसायन और इंजीनियरिंग सामान का आयात-निर्यात किया जाता है। भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) के मामले में UAE शीर्ष 4 निवेशकों में से एक है। अप्रैल, 2000 से सितंबर, 2023 तक UAE ने भारत में एक लाख करोड़ रुपये का निवेश किया है।
UAE में काम करते हैं 35 लाख भारतीय
UAE में भारतीय लोग सबसे बड़े प्रवासी समुदाय के रूप में कार्यरत हैं। आंकड़ों के मुताबिक, UAE में करीब 35 लाख भारतीय रहते हैं। ये UAE की कुल आबादी का करीब 38 प्रतिशत है। इन लोगों की ओर से भेजी जाने वाली रकम भारत की विदेशी आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत है। 2021 में भारतीयों ने UAE से भारत में 1.63 लाख करोड़ रुपये भेजे थे। UAE भारत को कच्चे तेल का 5वां सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है।