
बजट में इनकम टैक्स से जुड़ी इन 6 राहतों की हो सकती है घोषणा
क्या है खबर?
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई को वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए बजट पेश करेंगी। इस बजट से देश के 9.30 करोड़ से अधिक करदाताओं को काफी उम्मीदें हैं, क्योंकि 1 फरवरी को पेश हुए अंतरिम बजट में इनकम टैक्स की मौजूदा स्थिति में कोई बदलाव नहीं हुआ था।
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक, अटकलें हैं कि इनकम टैक्स से जुड़े 7 पैमानों पर बड़ी राहत की घोषणा हो सकती है।
आइए इनके बारे में जानते हैं।
स्टैंडर्ड डिडक्शन
60,000 रुपये हो सकता है स्टैंडर्ड डिडक्शन
स्टैंडर्ड डिडक्शन की सुविधा पहली बार 2018 में 40,000 रुपये के साथ शुरू की गई थी। 2019 में इसे बढ़ाकर 50,000 रुपये कर दिया गया था, लेकिन तब से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।
मिंट से बात करते हुए एक्यूब वेंचर्स के निदेशक आशीष अग्रवाल ने कहा, "स्टैंडर्ड डिडक्शन 50,000 रुपये से बढ़ाकर 60,000 रुपये या संभवतः 70,000 रुपये किया जा सकता है। इसका लाभ वेतनभोगी कर्मचारियों को मिलेगा, क्योंकि इससे करयोग्य आय कम हो जाएगी।"
धारा 80C
बढ़ेगी धारा 80C की छूट?
धारा 80C के तहत वेतनभोगी कर्मचारियों को एक वित्तीय वर्ष में कर योग्य आय को 1.5 लाख रुपये तक कम करने की छूट मिलती है। 2014 से इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है।
क्लियरटैक्स के संस्थापक अर्चित गुप्ता ने कहा, "धारा 80C की सीमा को संशोधित करना चाहिए। इससे करदाताओं को मुद्रास्फीति को प्रबंधित करने में मदद मिलेगी और टैक्स सेवर एफडी और PPF जैसे आवश्यक वित्तीय साधनों में बचत और निवेश को बढ़ावा मिलेगा।"
टैक्स छूट सीमा
बढ़ सकती है इनकम टैक्स छूट सीमा
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार मूल इनकम टैक्स सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये कर सकती है। फिलहाल ये 3 लाख रुपये है। यानी सालाना 5 लाख रुपये से कम आय पर कोई टैक्स नहीं लहेगा।
मिंट से गुप्ता सचदेवा एंड कंपनी के गौरव गुंजन ने कहा, "अगर इनकम टैक्स सीमा को बढ़ाकर 5 लाख रुपये किया जाता है, तो 8.5 लाख रुपये तक की वार्षिक आय वाले लोगों को संभवत: कोई इनकम टैक्स नहीं देना होगा।"
NPS
NPS में भी हो सकते हैं बदलाव
जानकारों को उम्मीद है कि बजट में राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) में भी कुछ बदलाव हो सकते हैं। इनमें धारा 80CCD 1B के तहत अतिरिक्त आयकर कटौती सीमा को बढ़ाना और परिपक्वता पर कर-मुक्त निकासी सीमा को बढ़ाने जैसी घोषणाएं संभव है, ताकि NPS को भी EPF जैसी दूसरी सेवानिवृत्ति बचत योजनाओं के अनुरूप बनाया जा सके।
टैक्स2विन के सह-संस्थापक अभिषेक सोनी ने कहा कि NPS में अंशदान सीमा में वृद्धि और निकासी लचीलेपन में सुधार होना चाहिए।
टैक्स दर
टैक्स की दरों में भी बदलाव की उम्मीद
डेलॉयट इंडिया की पार्टनर दिव्या बावेजा ने मिंट से कहा, "बजट 2023 में किए गए बदलावों के बावजूद, टैक्स की दर उम्मीदों के अनुरूप नहीं है। नई टैक्स व्यवस्था में सरकार द्वारा शीर्ष टैक्स दर को 30 से घटाकर 25 प्रतिशत करने पर विचार किए जाने की संभावना है। ऐसी भी अटकलें हैं कि सरकार पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत उच्चतम टैक्स दर की सीमा को 10 लाख रुपये से बढ़ाकर 20 लाख रुपये कर सकती है।"
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम
मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए कटौती सीमा में हो सकती है वृद्धि
अर्चित गुप्ता ने कहा कि मेडिकल इंश्योरेंस प्रीमियम के लिए कटौती सीमा को व्यक्तियों के लिए 25,000 रुपये और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 50,000 रुपये से बढ़ाया जा सकता है।
उन्होंने कहा, "आगामी बजट में व्यक्तियों के लिए इस सीमा को 50,000 और वरिष्ठ नागरिकों के लिए 75,000 रुपये किया जा सकता है। इन लाभों को नई टैक्स व्यवस्था में विस्तारित करने से समान स्वास्थ्य सेवा पहुंच को बढ़ावा मिलेगा और स्वास्थ्य बीमा को अधिक अपनाने को प्रोत्साहन मिलेगा।
रिकॉर्ड
रिकॉर्ड लगातार 7वीं बार बजट पेश करेंगी वित्त मंत्री
23 जुलाई को वित्तमंत्री सीतारमण लगातार 7वीं बार बजट पेश करेंगी। ऐसा करने वाली वे देश की पहली वित्त मंत्री बन जाएंगी।
अब तक सबसे ज्यादा 6 बार बजट पेश करने का रिकॉर्ड सीतारमण के अलावा पूर्व प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के नाम हैं।
सीतारमण के नाम पर इतिहास में सबसे लंबा बजट भाषण पढ़ने का भी रिकॉर्ड है। 2020 का बजट पेश करते हुए सीतारमण ने 2 घंटे 40 मिनट तक भाषण दिया था।