2 सप्ताह पहले सामने आए ओमिक्रॉन के बारे में हमें अभी तक क्या-क्या पता है?
क्या है खबर?
भारत में कोरोना वायरस के 32 म्यूटेंट वाले ओमिक्रॉन वेरिएंट का पहला मामला सामने आए दो सप्ताह का समय बीच चुका है। इस अवधि में देश में इसके कुल 38 मामले सामने आ चुके हैं।
हालांकि, अब तक सामने आए मामलों में कोई गंभीर लक्षण देखने को नहीं मिले है, लेकिन फिर भी सरकार इसको लेकर सतर्कता बरत रही है।
ऐसे में यहां जानते हैं कि इन दो सप्ताह में हमने ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में क्या-क्या जाना है।
चेतावनी
WHO ने ओमिक्रॉन को लेकर क्या दी है चेतावनी?
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा है कि 9 दिसंबर तक छह WHO क्षेत्रों के 63 देशों में ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं और यह संक्रमण की प्रसार की गति में डेल्टा वेरिएंट को पीछे छोड़ सकता है।
इसी तरह प्रारंभिक आंकड़ों के आधार पर यह वेरिएंट कोरोना वैक्सीनों की प्रभावकारिता को भी कम कर सकता है। हालांकि, राहत बात है कि यह डेल्टा की तुलना में ज्यादा घातक नहीं रहेगा।
प्रसार
क्या बहुत तेजी से हो रहा है ओमिक्रॉन के संक्रमण का प्रसार?
WHO के अनुसार, डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन अधिक तेजी से फैलता है। यह डेल्टा से कम प्रभावित रहे दक्षिण अफ्रीका के साथ उससे अधिक प्रभावित रहे यूनाइटेड किंगडम (UK) जैसे देशों में भी तेजी से फैल रहा है। दक्षिण अफ्रीका में संक्रमण की दर ने पिछली तीन लहरों को पीछे छोड़ दिया है।
इसी तरह जापान में एक अध्ययन में सामने आया है कि डेल्टा की तुलना में ओमिक्रॉन की संक्रमण दर 4.2 गुना अधिक है।
जानकारी
ब्रिटेन में क्रिसमस पर आ सकते हैं 60,000 नए मामले
महामारी विज्ञानी जॉन एडमंड्स ने कहा है कि ओमिक्रॉन वेरिएंट का प्रकोप दक्षिण अफ्रीका की तुलना में इंग्लैंड में अधिक तेजी से फैल सकता है। ब्रिटेन में क्रिसमस के दिन संभवतः 60,000 से अधिक नए मामले सामने आ सकते हैं।
लक्षण
क्या ओमिक्रॉन से संक्रमितों में दिखते हैं गंभीर लक्षण?
अभी तक चिकित्सकों ने ओमिक्रॉन संक्रमितों में थकान और सिरदर्द के लक्षण चिन्हित किए हैं। इसके उलट डेल्टा वेरिएंट में संक्रमितों को श्वसन संबंधी समस्याएं अधिक हो रही थी।
दक्षिण अफ्रीका के तीन सबसे अस्पताल संचालकों का कहना है कि ओमिक्रॉन के मामले अन्य लहरों की तुलना में कम गंभीर हैं और ऑक्सीजन या वेंटिलेटर पर बहुत कम लोग हैं और मौतों में मामूली वृद्धि हुई है। हालांकि, उन्होंने इस पर और अध्ययन की आवश्यकता जताई है।
वैक्सीन
क्या ओमिक्रॉन के खिलाफ कारगर है कोरोना वैक्सीन?
अमेरिकी फार्मा कंपनी फाइजर के अध्ययन में सामने आया है कि ओमिक्रॉन वैक्सीन से बचने में सक्षम है, लेकिन यह वैक्सीन से बनने वाली एंटीबॉडी से पूरी तरह नहीं बच सकता है।
इसी तरह WHO ने प्रारंभिक अध्ययन और ओमाइक्रोन स्पाइक प्रोटीन की बदली हुई एंटीजेनिक प्रोफाइल को देखते हुए इसे वैक्सीन की प्रभाविकता को कम करने वाला बताया है। दक्षिण अफ्रीका में वैक्सीन ले चुके लोगों को भी इस वेरिएंट से संक्रमित पाया गया है।
बच्चे
क्या बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक है ओमिक्रॉन?
दक्षिण अफ्रीका में इस समय पांच साल के कम उम्र के बच्चों के अस्पतालों में भर्ती होने की संख्या में इजाफा हुआ है। हालांकि, अधिकतर बच्चों को कुछ ही समय के लिए अस्पताल में रखने की जरूरत पड़ रही है।
इसी तरह दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा है कि इस ओमिक्रॉन से संक्रमितों में श्वसन संबंधी समस्याएं देखने को नहीं मिल रही है, लेकिन बच्चों के संक्रमण की बढ़ती दर पर शोध किया जा रहा है।
भारत
भारत में क्या है ओमिक्रॉन के संक्रमण की स्थिति?
बता दें कि भारत में 2 दिसंबर को कर्नाटक में ओमिकॉन वेरिएंट के पहले दो मामले सामने आए थे, उसके बाद से देश में इसके संक्रमितों की संख्या लगातार बढ़ते हुए 38 पर पहुंच गई है। अब तक आठ राज्यों में इसके 38 मामले सामने आ चुके हैं।
इनमें महाराष्ट्र में सबसे अधिक 18, राजस्थान में नौ, कर्नाटक में तीन, गुजरात और राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में दो-दो तथा केरल, आंध्र प्रदेश और चंडीगढ़ में एक-एक मामला सामने आ चुका है।