
कोविशील्ड: विशेषज्ञ समिति ने नहीं दी बूस्टर खुराक की मंजूरी, ट्रायल करने को कहा
क्या है खबर?
ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (DCGI) की विशेषज्ञों की समिति (SEC) ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) को कोविशील्ड वैक्सीन की बूस्टर खुराक लगाने की मंजूरी देने से इनकार कर दिया है।
समिति ने कंपनी को अनुमति से पहले भारत में बूस्टर खुराक का ट्रायल करने को कहा है। SEC ने SII के साथ-साथ कोविड वैक्सीन बना रही एक अन्य कंपनी बायोलॉजिकल ई को भी बूस्टर खुराक के ट्रायल का डाटा जमा करने को कहा है।
आवेदन
SII ने मांगी थी दूसरी खुराक के छह महीने बाद बूस्टर खुराक लगाने की अनुमति
SII ने SEC को सौंपे गए अपने आवेदन में दूसरी खुराक के छह महीने बाद तीसरी यानि बूस्टर खुराक लगाने की अनुमति मांगी थी। उसने यूनाइटेड किंगडम (UK) में हुए पहले और दूसरे चरण के ट्रायल के आधार पर ये मंजूरी मांगी थी।
हालांकि 10 दिसंबर की अपनी बैठक में SEC ने उसे ये मंजूरी देने से इनकार कर दिया। समिति ने कहा कि कंपनी ने UK में मात्र 75 लोेगों पर हुई स्टडी का डाटा दिया।
आपत्तियां
भारत में बूस्टर खुराक की जरूरत पर भी समिति ने उठाए सवाल
SEC ने SII के भारत में बूस्टर खुराक का कोई ट्रायल न करने पर भी सवाल खड़े किए। इसके अलावा उसने कंपनी के भारत में बूस्टर खुराक की जरूरत से संबंधित कोई डाटा पेश न करने पर भी आपत्ति जताई।
SEC ने कंपनी को ये सभी डाटा और बूस्टर खुराक की जरूरत का सबूत पेश करने को कहा है और इसके बाद ही उसके प्रस्ताव पर कोई विचार किया जाएगा।
नीति
भारत में बूस्टर खुराक पर अभी तक नहीं बनी है कोई नीति
SEC के इस फैसले के बीच वैक्सीनेशन पर राष्ट्रीय तकनीकी सलाहकार समूह ने कहा है कि उन्होंने अभी देश में बूस्टर खुराक लगाने पर कोई नीति नहीं बनाई है। सूत्रों ने कहा कि अगर बूस्टर खुराक लगाई भी जाती है तो ये उन्हें लगाई जाएगी जिनकी इम्युनिटी कमजोर है।
इस बात पर भी चर्चा की जा रही है कि किस वैक्सीन को बूस्टर खुराक के लिए प्रयोग किया जाए, लेकिन किसी भी चीज पर फैसला नहीं हुआ है।
जरूरत
ओमिक्रॉन वेरिएंट को रोकने में अहम साबित हो सकती है बूस्टर खुराक
बता दें कि कोरोना वायरस के नए ओमिक्रॉन वेरिएंट के प्रसार के कारण बूस्टर खुराक को बेहद अहम माना जा रहा है।
ये वेरिएंट दो खुराकों से पैदा होने वाली इम्युनिटी को काफी हद तक मात देने में कामयाब रहता है, हालांकि शुरूआती सबूतों में बूस्टर खुराक के इसके खिलाफ पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करने के सबूत मिले हैं।
इस विषय पर अभी स्टडी चल रही हैं और सीमित डाटा के कारण कुछ पक्का नहीं कहा जा सकता।
ओमिक्रॉन के मामले
भारत में ओमिक्रॉन के कितने मामले?
भारत में अभी तक ओमिक्रॉन वेरिएंट से संक्रमण के 38 मामले सामने आ चुके हैं।
रविवार को चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश, केरल, महाराष्ट्र और केरल में इसके मामले पकड़ में आए। इससे पहले गुजरात, राजस्थान और दिल्ली में भी ओमिक्रॉन के मामले सामने आ चुके हैं।
बेंगलुरू के एक डॉक्टर को छोड़कर संक्रमित पाए गए सभी लोग हालिया समय में विदेश यात्रा से लौटे थे। बेंगलुरू के डॉक्टर का अंतरराष्ट्रीय यात्रा का कोई रिकॉर्ड नहीं है।