LAC विवाद के समाधान के लिए भारत और चीन के बीच हुई 14वें दौर की वार्ता
लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर जारी तनाव के बीच भारत और चीन के सैन्य कमांडरों के बीच गुरुवार को 14वें दौर की वार्ता हुई। इसमें परामर्श और समन्वय के लिए कार्य तंत्र (WMCC) के तहत लंबित सीमा मुद्दों पर चर्चा की गई। WMCC का नेतृत्व वरिष्ठ राजनयिक नवीन श्रीवास्तव करते हैं और इसमें सेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस और गृह और रक्षा मंत्रालय के कर्मी शामिल हैं। बता दें कि पिछली बैठक अनिर्णायक रही थी।
हॉट स्प्रिंग में आमने-सामने हैं सेनाएं
भारत और चीन की सेनाएं पैंगोग त्सो झील के उत्तर और दक्षिण किनारे और गोगरा पोस्ट से पीछे हट चुकी है, लेकिन हॉट स्प्रिंग में आमने-सामने है। चीनी सेना पिछले साल मई में अतिक्रमण के बाद से ही यहां डटी हुई है। चीन भारतीय सेना को देप्सांग के मैदानी इलाकों में पेट्रोलिंग से भी रोक रहा है। इसमें पेट्रोलिंग प्वाइंट दौलत बेग ओल्डी के पास स्थित हैं, जहां पहले भारतीय सेना पेट्रोलिंग करती थी।
भारत-चीन के बीच हुई वार्ता के क्या है मायने?
दोनों देशों के सैन्य कमांडरों के बीच यह वार्ता बेहद महत्वपूर्ण रही है। इसमें लद्दाख के हॉट स्प्रिंग्स और देपसांग क्षेत्रों के विवाद के मुद्दे शामिल थे। भारत और चीन के बीच पिछले साल हुई गलवान घाटी हिंसा के बाद से ही गतिरोध बना हुआ है। उस घटना में दोनों पक्षों के कई सैनिक हताहत हुए थे। उसके बाद से दोनों देशों के बीच बढ़े तनाव कम करने के लिए अब तक 14 दौर की बातचीत हो चुकी है।
दोनों देशों के बीच विफल रही थी 13वें दौर की वार्ता
भारत और चीन के बीच पिछले महीने 13वें दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता हुई थी। हालांकि, उसमें शांति के प्रयासों की ओर कोई खास निर्णय नहीं निकला था। दोनों पक्षों ने विफलता के लिए एक-दूसरे को जिम्मेदार ठहराया था। भारत ने कहा था कि उसने रचनात्मक सुझाव दिए हैं, लेकिन चीन उनसे सहमत नहीं है। दूसरी ओर, चीन ने भारत पर स्थिति को गलत तरीके से समझने और अनुचित मांग उठाने का आरोप लगाया था।
अगस्त में गोगरा क्षेत्र से सैनिकों को हटाने पर राजी हुए थे दोनों देश
मई 2020 में पैंगोंग झील क्षेत्र में भारतीय और चीनी सेनाओं के बीच झड़पें हुई थीं। उसके बाद से ही दोनों पक्षों ने LAC पर सैनिकों की तैनाती बढ़ाना शुरू कर दिया था। वर्तमान में वहां पर दोनों देशों के 50,000 से 60,000 सैनिक तैनात हैं। चर्चा के बाद, दोनों पक्षों ने फरवरी में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण तट से और अगस्त में गोगरा क्षेत्र से अपने-अपने सैनिकों को वापस बुला लिया था।
चीन ने भारतीय क्षेत्र में बसाया गांव
इस बीच, नई सैटेलाइट तस्वीरों में चीन के अरुणाचल प्रदेश में एक और गांव बसाने का खुलासा हुआ है। NDTV द्वारा प्राप्त की गई इन तस्वीरों में लगभग 60 चीनी इमारतों का एन्क्लेव देखा जा सकता है। ये एन्क्लेव 2019 में ली गई तस्वीरों में यहां नहीं था, लेकिन सितंबर, 2021 की तस्वीरों में इसे यहां देखा जा सकता है। सेना ने इस एन्क्लेव के LAC के उत्तर में यानि चीन की तरफ होने का दावा किया है।