
भारत पर हमले के दौरान तुर्की ने पाकिस्तान भेजे थे सैनिक, 2 मारे गए- रिपोर्ट
क्या है खबर?
'ऑपरेशन सिंदूर' से बौखलाए पाकिस्तान ने भारत पर मिसाइल और ड्रोन से हमला किया था। भारत ने इनमें से सभी को मार गिराया था।
तब खबर आई थी कि पाकिस्तान ने तुर्की में बने ड्रोन से भारत पर हमला किया था। रक्षा मंत्रालय ने भी इनकी पुष्टि की थी।
अब खबर है कि तुर्की ने 350 से ज्यादा ड्रोन के अलावा पाकिस्तान की मदद के लिए अपने सैनिक भी भेजे थे।
रिपोर्ट
तुर्की के 2 सैनिक मारे गए- रिपोर्ट
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान तुर्की के 2 सैनिक भी मारे गए हैं।
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि तुर्की ने भारत के साथ पाकिस्तान के संघर्ष के दौरान इस्लामाबाद को 350 से अधिक ड्रोन की आपूर्ति भी की थी।
सूत्रों ने बताया कि 'ऑपरेशन सिंदूर' के बाद तुर्की के सलाहकारों ने पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को भारत पर ड्रोन हमलों के समन्वय में मदद की थी।
सेना
सेना ने तुर्की के ड्रोन इस्तेमाल होने की कही थी बात
'ऑपरेशन सिंदूर' पर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा था, "ड्रोन के मलबे की फोरेंसिक जांच की जा रही है। प्रारंभिक रिपोर्टों से पता चलता है कि वे तुर्की के असीसगार्ड सोंगर ड्रोन हैं। भारतीय सशस्त्र बलों ने गतिज और गैर-गतिज साधनों का उपयोग करके इनमें से कई ड्रोनों को मार गिराया। इस तरह के बड़े पैमाने पर हवाई घुसपैठ का संभावित उद्देश्य वायु रक्षा प्रणालियों का परीक्षण करना और खुफिया जानकारी एकत्र करना था।"
ड्रोन
पाकिस्तान ने कौन-कौनसे ड्रोन इस्तेमाल किए थे?
कथित तौर पर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ बायरकटर TB2 और YIHA ड्रोन का इस्तेमाल किया था। माना जाता है कि इन ड्रोन का इस्तेमाल लक्ष्य निर्धारित करने और संभावित रूप से कामिकेज हमलों के लिए किया गया था।
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि तुर्की में बने सोंगर ड्रोन भी इस्तेमाल हुए थे। हालांकि, आधिकारिक तौर पर न पाकिस्तान और न तुर्की ने इसे स्वीकार किया है।
ताकत
कितने ताकतवर हैं तुर्की के ड्रोन?
सोंगर तुर्की की पहली स्वदेशी रूप से विकसित सशस्त्र ड्रोन प्रणाली है। इसका निर्माण राजधानी अंकारा स्थित रक्षा कंपनी असीसगार्ड द्वारा किया गया है।
ये एक क्वॉडकॉप्टर ड्रोन है, जिसे ऑटोमैटिक या दूर बैठे रिमोट से संचालित किया जा सकता है। इसके कई अलग-अलग वैरिएंट हैं, जिनमें मशीन गन से लेकर ग्रेनेड तक अटैच किए जा सकते हैं।
इसे 10 किलोमीटर दूर से संचालित किया जा सकता है और ये 2,800 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।