अतीक अहमद पर तुर्की निर्मित पिस्टल से हुआ हमला, बड़ा नाम कमाना चाहते थे हमलावर
अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ अहमद पर हमले के लिए इस्तेमाल की गई पिस्टल की जानकारी सामने आई है। बताया जा रहा है कि दोनों की हत्या तुर्की में बनी जिगाना पिस्टल से की गई है। यह पिस्टल भारत में प्रतिबंधित है। वहीं, हमलावरों ने पूछताछ में खुलासा किया है कि उन्होंने प्रसिद्ध होने के मकसद से हमला किया था। तीनों का नाम इससे पहले कई अपराधों में सामने आया है और बड़ा कांड कर प्रसिद्ध होना चाहते थे।
तुर्की निर्मित पिस्टल से हुई अतीक-अशरफ की हत्या
अतीक और अशरफ की हत्या तुर्की में निर्मित जिगाना पिस्टल से की गई है। इसका इस्तेमाल चित्रकूट जेल शूटआउट और पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में भी हुआ था। इसके बाद पुलिस आरोपियों के चित्रकूट जेल शूटआउट के लिंक की भी जांच कर रही है। इसे तुर्की की टिसास ट्रैबजेन आर्म्स इंडस्ट्री कॉर्प बनाती है और इसकी कीमत 4-5 लाख रुपये है। फुल मैगजीन लोड करने पर एक बार में 15 राउंड फायर कर सकती है।
नाम कमाने के उद्देश्य से किया हमला
पूछताछ के दौरान तीनों आरोपियों ने खुलासा किया है कि उन्होंने अपराध की दुनिया में नाम कमाने के लिए हमले की योजना बनाई थी। इसके लिए वे 2 दिन से प्रयागराज में ही थे। हमलावरों ने खुलासा किया कि जब से उन्हें अतीक और अशरफ रिमांड की सूचना मिली, उन्होंने पत्रकारों के रूप में हत्या की योजना बनाई। शनिवार रात को जब अतीक-अशरफ को मेडिकल के लिए ले जाया जा रहा था तो हमलावरों को मौका मिल गया।
हमलावरों के खिलाफ कई केस दर्ज
हमलावरों की पहचान लवलेश तिवारी निवासी बांदा, अरुण मौर्य निवासी हमीरपुर और सनी सिंह निवासी कासगंज जिले के रूप में हुई है। तीनों हमलावरों के खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलग-अलग थानों में मामले दर्ज हैं। अरुण पिछले कई सालों से अपने परिवार से दूर है। उस पर एक हत्या के मामले में शामिल होने का आरोप है। सन्नी के खिलाफ 14-15 मामले दर्ज हैं और लवलेश के खिलाफ 4 मामले दर्ज हैं।
न्यायिक समिति करेगी मामले की जांच
अतीक-अशरफ की हत्या की जांच के लिए तीन सदस्यीय न्यायिक जांच समिति का गठन किया गया है। समिति 2 महीने में जांच कर सरकार को रिपोर्ट देगी। समिति की अध्यक्षता इलाहाबाद हाई कोर्ट के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति अरविंद कुमार त्रिपाठी करेंगे। समिति में सेवानिवृत्त IPS अधिकारी सुबेश कुमार सिंह और सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश बृजेश कुमार सोनी शामिल हैं। गृह विभाग द्वारा कमीशन ऑफ इनक्वायरी एक्ट 1952 के तहत इस समिति का गठन किया गया है।
हमलावरों के खिलाफ इन धाराओं में केस दर्ज
हमलावरों के खिलाफ धारा 302, 307 और आर्म्स एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है। बता दें कि अतीक और अशरफ की प्रयागराज में शनिवार देर रात हत्या कर दी गई थी। घटना उस समय हुई, जब दोनों को मेडिकल के लिए प्रयागराज के कॉल्विन अस्पताल ले जाया जा रहा था। इस दौरान मीडियाकर्मी के रूप में आए तीन हमलावरों ने अतीक और अशरफ पर हमला कर दिया, जिसमें दोनों की मौत हो गई।