
पाकिस्तान ने भारत पर हमले के लिए किया तुर्की के ड्रोन का इस्तेमाल, ये कितने खतरनाक?
क्या है खबर?
8 मई को पाकिस्तान ने भारत के सीमावर्ती राज्यों में ड्रोन और मिसाइलों से हमला किया था। भारत ने इस पूरे हमले को नाकाम करते हुए सभी ड्रोन को मार गिराया था।
अब विदेश मंत्रालय ने जानकारी दी है कि पाकिस्तान ने हमले के लिए जिन ड्रोन का इस्तेमाल किया था, वे तुर्की के थे। माना जा रहा है कि ये तुर्की के सोंगर ड्रोन थे।
आइए इनके बारे में जानते हैं।
ड्रोन
कैसा है सोंगर ड्रोन?
सोंगर तुर्की की पहली स्वदेशी रूप से विकसित सशस्त्र ड्रोन प्रणाली है। इसका निर्माण राजधानी अंकारा स्थित रक्षा कंपनी असीसगार्ड द्वारा किया गया है।
2019 में इसे तुर्की की सेना में शामिल किया गया था।
ये एक क्वॉडकॉप्टर ड्रोन है, जिसे ऑटोमैटिक या दूर बैठे रिमोट से संचालित किया जा सकता है।
इसके कई अलग-अलग वैरिएंट हैं, जिनमें मशीन गन से लेकर ग्रेनेड तक अटैच किए जा सकते हैं।
खासियत
क्या है ड्रोन की खासियत?
25 किलोग्राम वजनी इस ड्रोन की मशीन गन में 200 राउंड गोला-बारूद होता है। यह एक बार में 15 राउंड फायर कर सकता है।
इसे 10 किलोमीटर दूर से संचालित किया जा सकता है और ये 2,800 मीटर की ऊंचाई तक उड़ान भर सकता है।
इसमें इंफ्रारेड कैमरे समेत कई आधुनिक सेंसर लगे हैं और ये अपने साथ 45 किलोग्राम वजन लेकर उड़ सकता है।
सटीकता
200 मीटर दूर से 15 सेंटीमीटर के लक्ष्य पर साध सकता है निशाना
ड्रोन बनाने वाली कंपनी एसिसगार्ड का दावा है कि ये 200 मीटर की दूरी से 15 सेंटीमीटर क्षेत्र पर निशाना लगा सकता है।
कंपनी का कहना है कि ड्रोन जल्द ही 400 मीटर से अधिक दूरी से लक्ष्य को भेदने में सक्षम हो जाएगा।
कंपनी के मुताबिक, एक रिमोट से एक साथ 3 सोगर ड्रोन को उड़ाया जा सकता है और ये तीनों एक साथ लक्ष्य पर निशाना साध सकते हैं।
बयान
भारत बोला- पाकिस्तान ने 300-400 ड्रोन दागे
विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में हमले की जानकारी देते हुए कर्नल सोफिया कुरैशी ने कहा, "8-9 मई की रात पाकिस्तान की सेना ने सैन्य बुनियादी ढांचे को निशाना बनाने के इरादे से भारतीय क्षेत्र में कई बार हमला किया। अंतरराष्ट्रीय सीमा पर 36 स्थानों पर 300 से 400 ड्रोन के जरिए घुसपैठ का प्रयास किया गया। इनका मकसद खुफिया और वायु रक्षा प्रणालियों की जानकारी लेना था। भारतीय सेनाओं ने इन्हें नष्ट कर दिया।"