कोरोना वायरस: देश में 1.16 पर पहुंची ट्रांमसिशन रेट, दिल्ली और मुंबई में 1 से नीचे
देश में कोरोना वायरस के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच ट्रांसमिशन रेट इस सप्ताह घटकर 1.16 पहुंच गई है। यह पिछले सप्ताह 1.17 थी। ट्रांसमिशन रेट को रिप्रोडक्शन नंबर, R वैल्यू या सिर्फ R से भी जाना जाता है। इसके सहारे यह अंदाजा लगाया जा सकता है कि कोई महामारी जनसंख्या को कैसे अपना निशाना बना रही है। यह किसी भी संक्रामक बीमारी के प्रसार को देखने का महत्वपूर्ण मानक होती है।
मार्च में 1.83 थी ट्रांसमिशन रेट
मार्च में भारत में ट्रांसमिशन रेट 1.83 थी। यानी एक संक्रमित व्यक्ति 1.83 अन्य लोगों तक वायरस पहुंचा रहा था। 6-11 अप्रैल के बीच यह कम होकर 1.55 हो गई। इसके बाद इसमें फिर कमी आई और यह 1.49 और जून की शुरुआत में 1.2 हो गई। जून में यह रेट लगातार कम होती रही और 26 जून को यह 1.11 पर पहुंच गई, लेकिन जुलाई आते ही यह 2-5 जुलाई के बीच बढ़कर 1.19 पर पहुंच गई।
ट्रांसमिशन रेट को 1 से कम करने का प्रयास
चेन्नई स्थित इंस्टीट्यूट ऑफ मैथमेटिकल साइसेंस (IMSc) के अनुसार, 13 जुलाई के आसपास यह घटकर 1.11 पर पहुंची थी, लेकिन एक सप्ताह बाद इसमें फिर इजाफा देखा गया और यह 1.17 पर पहुंच गई थी। अब इसमें कुछ कमी आई है और यह 1.16 पर आ गई है। यानी अब देश में 100 संक्रमित लोग 116 अन्य लोगों तक संक्रमण पहुंचा रहे हैं। इस रेट को 1 से कम करने का प्रयास है ताकि कर्व फ्लैट हो सके।
प्रकोप को रोकने में अहम है ट्रांसमिशन रेट
जब ट्रांसमिशन रेट 1 से कम हो जाती है, तब किसी महामारी के अंत की शुरुआत मानी जा सकती है। गौरतलब है कि भारत में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ता जा रहा है और 19 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं।
दिल्ली, मुंबई और चेन्नई में 1 से कम हुई ट्रांसमिशन रेट
IMSc के सीताभ्रा सिन्हा ने द प्रिंट से बात करते हुए कहा कि देश के महानगरों में संक्रमण की रफ्तार धीमी होती दिख रही है। दिल्ली में संक्रमण की रफ्तार पिछले सप्ताह के 0.68 से कम होकर 0.66 हो गई है। पिछले दो सप्ताह से दिल्ली में यह 1 से कम है। इसी तरह मुंबई और चेन्नई में भी संक्रमण की रफ्तार पर कुछ लगाम लगी है। यहां ट्रांसमिशन रेट क्रमश: 0.81 और 0.86 है।
कोलकाता और बेंगलुरू में भी कम हुई रेट
कोलकाता और बेंगलुरू में भी ट्रांसमिशन रेट में कमी आई है, लेकिन दोनों जगह यह 1 से ज्यादा बनी हुई है। कोलकाता में यह पिछले सप्ताह के 1.30 से कम होकर 1.06 और बेंगलुरू में 1.40 से कम होकर इस सप्ताह 1.15 हुई है।
आंध्र में गिरावट के बावजूद उच्चतम स्तर पर ट्रांसमिशन रेट
बड़े शहरों के अलावा सिन्हा ने सबसे अधिक प्रभावित राज्यों की ट्रांसमिशन रेट का विश्लेषण किया है। उनके अनुसार बड़े राज्यों में तमिलनाडु और आंध्र प्रदेश में संक्रमण की रफ्तार कम हो रही है। आंध्र प्रदेश में यह 22 जुलाई को 1.51 थी, जो इस सप्ताह 1.48 हो गई है। गिरावट के बावजूद यहां ट्रांसमिशन रेट 12 सर्वाधिक प्रभावित राज्यों में उच्चतम स्तर पर बनी हुई है। आंध्र तीसरा सबसे प्रभावित राज्य बना हुआ है।
बिहार, राजस्थान और केरल में हुई कम
22 जुलाई तक बिहार 1.62 के साथ सबसे ज्यादा ट्रांसमिशन रेट वाला राज्य बना हुआ था। यहां इस सप्ताह इसमें कमी आई है और यह घटकर 1.32 हो गई है। केरल और राजस्थान में भी ट्रांसमिशन रेट कम हुई है।
उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में तेज हुई संक्रमण की रफ्तार
इनके विपरित उत्तर प्रदेश और तेलंगाना में ट्रांसमिशन रेट बढ़ी है। उत्तर प्रदेश में 22 जुलाई को यह 1.28 थी, जो इस सप्ताह बढ़कर 1.33 हो गई है। वहीं तेलंगाना में यह 22 जुलाई की 0.99 से बढ़कर इस सप्ताह 1.18 हो गई है। दूसरी तरफ पश्चिम बंगाल, गुजरात और महाराष्ट्र में ट्रांसमिशन रेट में खासा बदलाव नहीं देखा गया है। इन राज्यों में ट्रांसमिशन रेट क्रमश: 1.34, 1.09 और 1.14 पर है।
देश में 19 लाख से अधिक मामले
देश में संक्रमितों की संख्या तेजी से बढ़ते हुए 19 लाख से पार पहुंच गई है। देश में बीते दिन कोरोना वायरस के 52,509 नए मामले सामने आए और 857 मरीजों ने इसकी वजह से दम तोड़ा। ये अब तक एक दिन में हुई सबसे अधिक मौतें हैं। इसी के साथ देश में कुल मामलों की संख्या 19,08,254 हो गई है, वहीं 39,795 लोगों को इस खतरनाक वायरस के संक्रमण के कारण अपनी जान गंवानी पड़ी है।