मणिपुर में घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के तीन जवान शहीद
मणिपुर के चंदेल जिले में घात लगाकर किए गए हमले में असम राइफल्स के तीन जवान शहीद हो गए हैं। यह हमला भारत-म्यांमार सीमा के पास हुआ। शीर्ष अधिकारियों ने इस हमले की पुष्टि की है। बताया जा रहा है कि यह हमला बुधवार शाम लगभग 06:30 बजे हुआ। सुरक्षाबलों को मानना है कि इस हमले के पीछे मणिपुर की पीपल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) का हाथ हो सकता है।
IED धमाके के बाद लगी आग
चाकपिकारोंग के एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि असम राइफल्स की टीम अपने खोंगताल स्थित अपने बेस पर लौट रही थी।तभी एक जोरदार IED धमाका हुआ और भयंकर आग लग गई। जान गंवाने वाले जवानों की पहचान असम निवासी हवलदार प्रणय कालिता, नागालैंड निवासी राइफलमैन मेथा कोन्याक और मणिपुर के रहने वाले राइफलमैन रतन सलाम के रूप में हुई है। मणिपुर में पिछले तीन सालों में हुआ यह सबसे बड़ा हमला है।
हमले के बाद सेना ने शुरू किया सर्च ऑपरेशन
घात लगाकर हमला करने के बाद हमलावर मौके से फरार हो गए। सेना ने घायल जवानों को अस्पताल में भर्ती कराया तथा हमलावरों को पकड़ने के पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन चालू कर दिया। पूरे इलाके को सील कर दिया गया है और तलाशी ली जा रही है। इसके साथ ही सुरक्षा के मद्देनजर भारत-म्यांमार सीमा पर भी चौकसी बढ़ा दी गई है। अधिकारियों ने बताया कि आतंकियों ने IED ब्लास्ट करने के बाद जवानों पर फायरिंग भी की थी।
नवंबर 2019 में भी किया गया था हमला
पिछले साल नवंबर में चंदेल जिले में ही असम राइफल्स के कैंप पर उग्रवादियों ने हमला कर दिया था। उस दौरान उग्रवादियों ने सैन्य कैंप में बम फेंके थे। इसके बाद दोनों ओर से जमकर गोलीबारी हुई थी। सेना के जवानों की मजबूत जवाबी कार्रवाई के कारण उग्रवादी नजदीक की पहाड़ी में भाग गए थे। इस हमले में सेना का कोई भी जवान हताहत नहीं हुआ था। इसी तरह साल 2015 में हुए हमले में 18 जवान शहीद हुए थे।