दिल्ली चुनाव: AI बेस्ड होंगे पोलिंग बूथ, चुनाव आयोग के अलग-अलग प्रयोगों पर एक नजर
क्या है खबर?
दिल्ली में विधानसभा चुनावों के लिए आगामी 8 फरवरी को वोट डाले जाएंगे और 11 फरवरी को नतीजों का ऐलान होगा।
इन चुनावों में पहली बार आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (AI) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा।
चुनाव आयोग के अनुसार, राजधानी दिल्ली में 11 पॉलिंग बूथ ऐसे होंगे, जहां मतदाता AI का इस्तेमाल कर अपना वोट डाल सकेंगे। बता दें, चुनाव आयोग समय-समय पर ऐसे प्रयोग करता रहता है।
आइये, ऐसे कुछ प्रयोगों पर एक नजर डालते हैं।
दिल्ली
विधानसभा चुनावों में AI पॉलिंग बूथ
दिल्ली विधानसभा चुनावों में डिजिटल फोटो वोटर स्लिप पर QR कोड दिया जाएगा। इसे स्कैन कर मतदाता बूथ से जुड़ी जानकारी, वोटर लिस्ट में अपना नाम, वोटिंग प्रतिशत आदि की जानकारी ले सकेगा।
हालांकि, मतदान के दौरान उसे अपना पहचान पत्र साथ रखना होगा।
इस सुुविधा का फायदा उठाने के लिए मतदाताओं को अपना मोबाइल नंबर वोटर हेल्पलाइन मोबाइल ऐप से लिंक करना होगा।
इसी ऐप से डिजिटल फोटो वोटर स्लिप डाउनलोड की जा सकती है।
प्रयोग
अधिकारियों ने बताया प्रयोग
पहली बार वोट डालने जा रहे मतदाता पॉलिंग बूथ पर अपना मोबाइल फोन भी ले जा सकेंगे।
बूथ में पॉलिंग अधिकारी प्रिंटेड कॉपी की जगह ऐप का इस्तेमाल कर मतदाता की जानकारी ले लेंगे। इसके बाद फोन बूथ पर बने लॉकर में जमा करना होगा।
दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी रणबीर सिंह ने कहा कि यह नया प्रयोग है। इसे कामयाब रहने पर आगे भी लागू किया जा सकता है।
जानकारी
हमीरपुर में भी हुआ था यह प्रयोग
पिछले साल उत्तर प्रदेश के हमीरपुर में हुए विधानसभा उपचुनाव में भी QR आधारित वोटर स्लिप के जरिए मतदान हुआ था। यहां के पांच बूथों पर पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर इसे लागू किया गया था।
मॉडल पोलिंग बूथ
नागालैंड में बना था प्लास्टिक फ्री पोलिंग बूथ
लोकसभा चुनावों के दौरान देशभर में कई जगहों पर मॉडल पोलिंग बूथ बनाए गए थे।
इनमें से सबसे ज्यादा चर्चा नागालैंड के जुन्हेबोतो में बने पोलिंग बूथ ने बटोरी थी। यहां मतदाताओं के लिए क्रेच, वेटिंग रूम और पीने की पानी की व्यवस्था की गई थी।
दूसरी खास बात यह थी कि यह बूथ पूरी तरह प्लास्टिक मुक्त था। यानी यहां प्लास्टिक से बनी कोई चीज इस्तेमाल नहीं की गई । पूरे बूथ को शानदार तरीके से सजाया गया था।
पिंक बूथ
कई राज्यों में बने थे पिंक बूथ
मॉडल पोलिंग बूथ के अलावा कई राज्यों में पिंक बूथ भी बनाए गए थे। इनका मकसद चुनावी प्रक्रिया में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना था।
चुनाव आयोग ने मेघालय, सिक्किम, मिजोरम, गोवा, कर्नाटक, दिल्ली, महाराष्ट्र ओडिशा, राजस्थान आदि में ऐसे बूथ बनाए।
इन बूथ का सारा कामकाज महिलाओं के हाथ में था। यहां पर बूथ अधिकारी से लेकर सुरक्षा व्यवस्था की जिम्मेदारी महिलाओं के हाथ में थी। इस सभी बूथ को गुलाबी रंग से रंगा गया था।
बेंगलुरू
बेंगलुरू में बना था दिव्यांगों के लिए विशेष बूथ
लोकसभा चुनावों के दौरान चुनाव आयोग ने बेंगलुरू दक्षिण लोकसभा क्षेत्र में विशेष बूथ बनाया था, जिसके प्रबंधन में दिव्यांगजनों को शामिल किया गया था।
चुनाव आयोग ने इसके लिए ब्रेल लिपी में बने बैलेट, मोबाइल ऐप, दिव्यांगजनों को घर से लाने और ले जाने के लिए विशेष कैब आदि की व्यवस्था की थी।
इसके अलावा यहां तैनात होने बूथ अधिकारियों को साइन लैंग्वेज में ट्रेनिंग दी थी, ताकि सुनने में अक्षम लोगों को किसी प्रकार की समस्या न हो।