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कोरोना वायरस: अगले महीने लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने की तैयारी में रूस

कोरोना वायरस: अगले महीने लोगों के लिए वैक्सीन उपलब्ध कराने की तैयारी में रूस

Jul 30, 2020
03:13 pm

क्या है खबर?

रूस में तैयार की जा रही कोरोना वायरस की संभावित वैक्सीन एक बार फिर सुर्खियों में है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, रूस 12 अगस्त को इस वैक्सीन को रजिस्टर कराने पर विचार कर रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि मॉस्को के गामालेया रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ एपिडिमियोलॉजी और माइक्रोबायोलॉजी द्वारा तैयार की जा रही यह वैक्सीन रजिस्टर होने के तीन से सात दिनों के बाद लोगों के इस्तेमाल के लिए बाजार में उतार दी जाएगी।

वैक्सीन

13 जुलाई को शुरू हुआ था ट्रायल का दूसरा चरण

यह वही वैक्सीन है, जिसके बारे में कहा गया था कि इसने इंसानी ट्रायल को सफलतापूर्वक पार कर लिया है, जबकि असल में जब यह दावा किया जा रहा था, तब इस वैक्सीन के इंसानी ट्रायल का पहला चरण पार हुआ था। 13 जुलाई को वैक्सीन के ट्रायल का दूसरा चरण शुरू हुआ था। आमतौर पर किसी भी वैक्सीन को सफलतापूर्वक इंसानी ट्रायल के तीन चरण पूरा करने से पहले बाजार में उतारने की मंजूरी नहीं मिलती है।

जानकारी

दूसरे चरण के बाद ही वैक्सीन को लॉन्च करने की तैयारी

तीनों चरणों में कई महीनों का समय लग सकता है। ऐसा लग रहा है कि रूस तीसरा चरण समाप्त होने से पहले ही वैक्सीन को बाजार में उतारने की तैयारी में लगा हुआ है। यहां कोरोना वायरस के 8.33 लाख मामले हैं।

वैक्सीन

इस्तेमाल के साथ-साथ चलता रहेगा ट्रायल

रिपोर्ट में कहा गया है कि अगस्त में इस वैक्सीन को 'कंडीशनल रजिस्ट्रेशन' मिल जाएगा। इसका मतलब यह होगा कि तीसरे चरण के ट्रायल के साथ-साथ यह सार्वजनिक स्वास्थ्य के लिए भी इस्तेमाल की जा सकेगी। वैक्सीन का उत्पादन सितंबर में शुरू होने की उम्मीद है। जब तक इसका इंसानी ट्रायल सफलतापूर्वक पूरा नहीं हो जाएगा, तब तक केवल स्वास्थ्यकर्मियों के लिए इसे इस्तेमाल किया जाएगा। हालांकि, विशेषज्ञ जल्दबाजी में वैक्सीन उतारने के फैसले के खिलाफ हैं।

ट्रायल

इंसानी ट्रायल के तीनों चरणों में क्या होता है?

इंसानी ट्रायल के पहले चरण में इंसानों पर वैक्सीन की सुरक्षा को जांचा जाता है। इसमें कम लोग शामिल होते हैं और यह कुछ हफ्तों से लेकर महीनों तक चल सकता है। इससे सफलतापूर्वक पार पाने के बाद दूसरा चरण शुरू होता है। इसमें देखा जाता है कि कोई वैक्सीन किसी बीमारी के प्रति कितनी कारगर है और यह शरीर में उसके प्रति इम्युनिटी पैदा कर पाती है या नहीं। इस चरण में सैकड़ों लोग शामिल होते हैं।

ट्रायल

तीसरा चरण बहुत जरूरी

इंसानी ट्रायल के तीसरे चरण में हजारों लोगों पर वैक्सीन का ट्रायल किया जाता है। इस चरण में वॉलेंटियर के एक समूह को वैक्सीन और दूसरे को डमी वैक्सीन दी जाती है। कुछ समय बाद देखा जाता है कि जिस समूह को वैक्सीन दी गई थी, उसने किसी वायरस या बीमारी के प्रति इम्युनिटी पैदा की या नहीं। यह चरण कई महीनों तक चल सकता है। इसमें सफल होने के बाद वैक्सीन को हरी झंडी मिलती है।

संक्रमण

बढ़ता ही जा रहा है कोरोना का प्रकोप

वैक्सीन के लंबे होते इंतजार के बीच दुनिया में कोरोना वायरस का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। पूरी दुनिया में 1.7 करोड़ लोगों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो चुकी है और इनमें से 6.67 लाख अपनी जान गंवा चुके हैं। सर्वाधिक प्रभावित अमेरिका में अमेरिका में 44.27 लाख लोग संक्रमित हुए हैं और 1.51 लाख लोगों की मौत हुई है। भारत में संक्रमितों की संख्या 16 लाख के नजदीक पहुंच गई हैं और लगभग 35,000 मौतें हो चुकी हैं।