मोदी और जिनपिंग की अनौपचारिक शिखर वार्ता: जानें आज का कार्यक्रम और पहले दिन क्या-क्या हुआ
क्या है खबर?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन आज दोनों नेता वन-टू-वन बैठक कर रहे हैं।
'ताज फिशरमैन्स कॉव रिसॉर्ट एंड स्पा' में हो रही इस बैठक के बाद दोनों नेता प्रतिनिधिमंडल स्तर की वार्ता में हिस्सा लेंगे।
बातचीत खत्म होने के बाद प्रधानमंत्री मोदी जिनपिंग को लंच देंगे जो दोनों नेताओं के बीच आपसी बातचीत का एक और मौका होगा।
इसके बाद करीब 2 बजे जिनपिंग नेपाल रवाना हो जाएंगे।
पहला दिन
पहले दिन किया महाबलिपुरम के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण
इससे पहले शुक्रवार को प्रधानमंत्री मोदी और जिनपिंग ने साथ-साथ चेन्नई के महाबलिपुरम के ऐतिहासिक स्थलों का भ्रमण।
दोनों नेता पंच रथ, अर्जुन तपस्या स्थल और शोर मंदिर गए।
700-728 ईस्वी में बनाए गए शोर मंदिर में जिनपिंग के लिए एक सांस्कृतिक कार्यक्रम का भी आयोजन किया गया, जिसका दोनों नेताओं ने लुत्फ उठाया।
इस बीच प्रधानमंत्री मोदी ने जिनपिंग को नचियारकोइल-ब्रांच अन्नम लैंप और तंजावुर स्टाइल की पेंटिंग गिफ्ट की।
डिनर
तय समय से बहुत अधिक वक्त चली डिनर पर बातचीत
शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री मोदी ने जिनपिंग के लिए डिनर का आयोजन किया जिसमें दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर बात की।
विदेश सचिव विजय गोखले के अनुसार, ये बातचीत तय समय से बहुत अधिक 150 मिनट तक चली।
उन्होंने कहा, "बातचीत बेहद खुली और सौहार्दपूर्ण थी। दोनों नेताओं ने अपने-अपने राष्ट्रीय विजन को लेकर चर्चा की। जिनपिंग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी को बड़ा जनादेश मिला है और वह उनके साथ सभी मसलों पर काम करना चाहते हैं।"
मुद्दे
पहले दिन व्यापार, आपसी संबंध और आतंकवाद पर हुई चर्चा
गोखले ने बताया कि दोनों नेताओं ने व्यापार, आपसी संबंध और आतंकवाद जैसे मुद्दों पर चर्चा की।
उन्होंने कहा, "दोनों नेताओं ने आपसी व्यापार बढ़ाने और मौजूदा व्यापारिक घाटे पर चर्चा की। इसके अलावा उन्होंने कट्टरता पर चिंता जताई और दोनों ये सुनिश्चित करने के लिए साथ काम करेंगे कि कट्टरता और आतंकवाद बहु-सांस्कृतिक, बहु-जातीय और बहु-धार्मिक समाजों को नुकसान न पहुंचाएं।"
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने भी चर्चा को "बेहद फलदायक" बताया।
कश्मीर विवाद
कश्मीर पर नहीं हुई कोई बातचीत
मोदी और जिनपिंग के बीच कश्मीर विवाद को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई, जिसे भारत अपना आंतरिक मामला बताता रहा है।
बता दें कि भारत आने से पहले जिनपिंग ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान के साथ बीजिंग में मुलाकात की थी।
इसमें उन्होंने कहा था कि कश्मीर के हालात पर उनकी नजर है और चीन विवाद में पाकिस्तान के साथ है।
जवाब में भारत ने उसके आंतरिक मामलों में बाहरी देशों की दखलअंदाजी पर सख्त आपत्ति जताई थी।
जानकारी
अलग-अलग बयान जारी करेंगे भारत और चीन
शनिवार को भी मोदी और जिनपिंग क्षेत्रीय, राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय मुद्दों के कई अहम मुद्दों पर चर्चा करेंगे। इसके बाद दोनों देश अलग-अलग बयान जारी करेंगे और कोई साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं होगी। किसी समझौते (MoU) पर भी हस्ताक्षर नहीं होंगे।
सुरक्षा
महाबलिपुरम में कड़ी सुरक्षा
मोदी और जिनपिंग की बैठक के लिए महाबलिपुरम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं।
इलाके में 5,000 पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है जो लगातार गश्त दे रहे हैं।
भारतीय नौसेना और भारतीय तटरक्षक बल ने भी अपने युद्धपोतों को महाबलिपुरम से थोड़ी दूरी पर तैनात किया हुआ है।
इलाके में 800 से अधिक CCTV कैमरे भी लगाए गए हैं।
बता दें कि महाबलिपुरम का चीन से पुराना संबंध है और ये सिल्क रूट का हिस्सा था।