टिकैत की महापंचायत से इंटरनेट की बहाली तक, जानिए किसान आंदोलन की आज की बड़ी बातें
क्या है खबर?
कृषि कानूनों को वापस लेने के मांग को लेकर ढाई महीने से दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन में बुधवार को कई बड़ी बाते सामने आई हैं।
केंद्र सरकार ने जहां दिल्ली के सीमा क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधा को बहाल कर दिया, वहीं जींद में किसानों की महापंचायत में किसान नेता राकेश टिकैत ने सरकार को चुनौती दी। इसी तरह आंदोलन को विदेशी समर्थन भी मिला।
आइए जानते हैं किसान आंदोलन से जुड़ी बड़ी बातें।
इंटरनेट
गृह मंत्रालय ने किया इंटरनेट बंदी को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय
किसान आंदोलन में अफवाहों को फैलने से रोकने के लिए गृह मंत्रालय द्वारा 29 जनवरी से दिल्ली के सीमा क्षेत्रों में इंटरनेट पर लगाई गई पाबंद को आगे नहीं बढ़ाने का निर्णय किया है।
गृह मंत्रालय ने कहा है कि लोगों की असुविधा को देखते हुए अब इंटरनेट बंदी को आगे नहीं बढ़ाया जाएगा।
बता दें कि मंत्रालय ने पहले 31 जनवरी रात 11 बजे तक इंटरनेट पर रोक लगाई थी, लेनिक फिर उसे 2 फरवरी तक बढ़ा दिया था।
चेतावनी
जींद महापंचायत में राकेश टिकैत ने दी सरकार को चेतावनी
कृषि कानूनों को वापस लेने की दिशा में सरकार पर दबाव बनाने के लिए बुधवार को हरियाणा के जींद में किसानों की महापंचायत बुलाई गई थी।
इसमें किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा, "कृषि कानूनों की वापसी बिना किसान नहीं मानेगा। अभी तो किसानों ने सिर्फ कानून वापसी की बात कही है, अगर किसान गद्दी वापसी की बात पर आ गए तो सरकार का क्या होगा? इस बात को सरकार को भलिभांति सोच लेना चाहिए।"
जानकारी
महापंचायत में भाषण के दौरान टूटा मंच
महापंचायत में टिकैत के संबोधन के दौरान मंच भरभराकर गिर पड़ा। उस दौरान गुरनाम सिंह चढूनी भी मौजूद थे। मंच के टूटते ही वहां हड़कंप मच गया, लेकिन कुछ देर बाद टिकैत ने फिर संबोधन शुरू किया और कहा कि मंच भाग्यवानों के टूटते हैं।
समर्थन
किसान आंदोलन को मिला पॉप सिंगर रिहाना सहित अन्य विदेशियों का समर्थन
किसान आंदोलन को पॉप सिंगर रिहाना और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग का भी समर्थन मिला है।
रिहाना ने इंटरनेट बंद होने की खबर को शेयर करते हुए ट्वीट किया, 'हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?'
उन्होंने #FarmersProtest हैशटैग इस्तेमाल किया था।
इसी तरह ग्रेटा थनबर्ग ने इंटनरेट बंद होने वाली खबर शेयर करते हुए लिखा, 'हम भारत में हो रहे किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े हैं।'
अमेरिका उपराष्ट्रपति की भतीजी ने भी टिप्पणी की।
बयान
विदेश मंत्रालय ने टिप्पणियों पर जारी किया बयान
विदेश मंत्रालय ने इन टिप्पणियों पर कहा है, "सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स से लुभाने का तरीका, खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य लोगों द्वारा किया गया हो तो यह न तो सही है और न ही जिम्मेदारीपूर्ण है।"
बॉलीवुड
सरकार के समर्थन में आया बॉलीवुड
रिहाना सहित अन्य अंतरराष्ट्रीय हस्तियों के किसानों के समर्थन में ट्वीट करने के बाद बॉलीवुड ने सरकार का समर्थन किया है।
विदेश मंत्रालय के बयान पर अभिनेता अक्षय कुमार ने री-ट्वीट करते हुए लिखा, 'किसानों के मुद्दों को हल करने के प्रयास जारी हैं। लोगों को बांटने वालों से बचाना चाहिए।'
इसी तरह अभिनेता सुनील शेट्टी, अजय देवगन, निर्माता-निर्देशक करण जौहर और संगीतकार कैलाश खेर ने भी सरकार के समर्थन में ट्वीट कर इसे भारत का आंतरिक मामला बताया।
जानकारी
सुप्रीम कोर्ट ने ट्रैक्टर रैली हिंसा की न्यायिक जांच से किया इनकार
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हुई हिंसा की न्यायिक जांच कराने से इनकार कर दिया। कोर्ट ने कहा कि सरकार मामले की जांच कर रही है। ऐसे में वह फिलहाल इसमें कोई दखल नहीं देगा।
नोटिस
सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने ट्विटर को भेजा नोटिस
किसानों के नरसंहार वाले ट्विटर हैशटैग से जुड़े अकाउंट्स को फिर से बहाल किए जाने को लेकर सूचना प्रोद्योगिकी मंत्रालय ने बुधवार को ट्विटर को नोटिस जारी किया है।
इसमें मंत्रालय ने कहा है कि यदि आदेशों की पालना नहीं की जाती है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
दअसल, टि्वटर ने सरकार के आदेश के बाद भी किसानों के नरसंहार वाले ट्विटर हैशटैग से कंटेंट अपलोड करने वाले 250 अकाउंटों को बहाल कर दिया था।
बयान
किसानों से नहीं की जा रही कोई अनौपचारिक वार्ता- तोमर
किसान आंदोलन को लेकर केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि केंद्र प्रदर्शनकारी किसानों के साथ किसी तरह की अनौपचारिक वार्ता नहीं कर रहा है। बॉर्डर पर इंटरनेट बंदी और बेरिकेडिंग सहित अन्य व्यवस्थाओं को प्रशासन का मुद्दा है।
किसानों द्वारा गिरफ्तार किए गए किसानों की हिराई होने तक सरकार से वार्ता नहीं करने के सवाल पर मंत्री ने कहा कि किसानों को इस मामले में पुलिस आयुक्त से बात करनी चाहिए।
बयान
सरकार का प्रस्ताव आज भी है खुला- तोमर
कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि किसानों को 22 जनवरी को हुई आखिरी बैठक में दिया प्रस्ताव आज भी खुला है। वह प्रस्ताव पर चर्चा करने के बाद सरकार से वार्ता के लिए आ सकते हैं। किसानों के लिए वार्ता के द्वारा हमेशा खुले रहेंगे।