प्रधानमंत्री की गरीमा का सम्मान करेंगे, लेकिन किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा भी जरूरी- टिकैत
क्या है खबर?
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में गणतंत्र दिवस पर किसानों की ट्रैक्टर रैली में हिंसा और उत्पात के बाद दिल्ली की सीमाओं पर घटी किसानों की संख्या किसान नेता राकेश टिकैत की मार्मिक अपील के बाद फिर से बढ़ने लगी है।
किसान फिर से गाजीपुर बॉर्डर और सिंघु बॉर्डर की ओर बढ़ने लगे हैं। इसी बीच भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने कहा कि वह प्रधानमंत्री की गरीमा का सम्मान करेंगे, लेकिन किसानों का आत्म-सम्मान भी जरूरी है।
ऑफर
प्रधानमंत्री ने सर्वदलीय बैठक में किसानों को दिया था ऑफर
बता दें कि शनिवार को हुई सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि सरकार प्रदर्शनकारी किसानों की ओर से उठाए गए मुद्दों का बातचीत के जरिए समाधान निकालने का निरंतर प्रयास कर रही है। यह मुद्दा बातचीत से ही हल होगा।
इतना नहीं उन्होंने यह भी कहा था 22 जनवरी को केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर द्वारा किसानों को दिया ऑफर आज भी खुला है। सरकार किसानों से महज एक फोन कॉल की दूरी पर है।
प्रतिक्रिया
प्रधानमंत्री के साथ खुद के आत्म-सम्मान के लिए भी प्रतिबद्ध है किसान- टिकैत
प्रधानमंत्री के बयान के बाद रविवार को किसान नेता नरेश टिकैत ने गाजीपुर बॉर्डर पर कहा, "हम प्रधानमंत्री की गरिमा का सम्मान करेंगे। किसान नहीं चाहते कि सरकार या संसद उनके आगे झुके। हालांकि, हम यह भी सुनिश्चित करेंगे कि किसानों के आत्म-सम्मान की रक्षा हो।"
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को दोनों के सम्मान के लिए बीच का कोई रास्ता निकालना चाहिए। इसके बाद आगे की वार्ता करनी चाहिए। इससे दोनों पक्षों को संतुष्टि मिल सकेगी।"
चेतावनी
दबाव में नहीं करेंगे कुछ भी स्वीकार- टिकैत
टिकैत ने कहा, "सरकार को गणतंत्र दिवस हिंसा के मामले में गिरफ्तार किए गए हमारे किसान भाइयों को रिहा करते हुए बातचीत के लिए अनुकूल माहौल तैयार करना चाहिए। किसानों का इस हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है और यह किसानों के खिलाफ रचा गया कोई षड्यंत्र है।"
उन्होंने आगे कहा कि कृषि कानूनों के मामले में सरकार को एक सम्मानजनक स्थिति पर पहुंचना चाहिए। देश का किसान दबाव में कुछ भी स्वीकार नहीं करेगा।
जानकारी
तिरंगे के अपमान को नहीं किया जा सकता सहन- टिकैत
टिकैत ने आगे कहा, "तिरंगा हर किसी से ऊपर है और इसका सम्मान सभी के लिए आवश्यक है। हम किसी को इसका अपमान नहीं करने देंगे और इसका अपमान करने वालों को किसी भी सूरत में बरदास्त नहीं किया जा सकता है।"
मांग
बंदूक की नोक पर बातचीत संभव नहीं- राकेश टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के प्रवक्ता राकेश टिकैत ने प्रधानमंत्री के ऑफर पर कहा, "हम प्रधानमंत्री के सम्मान के साथ किसानों के मुद्दों का हल निकालना चाहते हैं। हालांकि, हम बंदूक की नोक पर सरकार से वार्ता नहीं करेंगे।"
उन्होंने आगे कहा, "किसान केंद्र सरकार द्वारा पूर्व में रखी गई शर्तों को हटाने के बाद ही बातचीत के लिए तैयार होंगे।"
उन्होंने कहा कि सभी किसान तिरंगे का सम्मान करते हैं और इसका अपमान करने वालों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए।
मजबूरी
सरकार बताए कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने की मजबूरी- टिकैत
बता दें कि शनिवार को राकेश टिकैत ने कहा था कि सरकार किसानों को बताये कि कृषि कानूनों को वापस नहीं लेने के पीछे क्या मजबूरी है। इसके बाद वह वादा करते हैं कि सरकार का सिर दुनिया के सामने झुकने नहीं देंगे।
उन्होंने कहा था सरकार के साथ उनकी विचारधारा की लड़ाई है और यह लड़ाई लाठी, डंडों और बंदूक से नहीं लड़ी जा सकती और ना ही उसके द्वारा इसे दबाया जा सकता है। किसान पीछे नहीं हटेगा।
जानकारी
भानु गुट ने लगाया राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप
इधर, गत बुधवार को आंदोलन छोड़ने वाले भानु गुट ने राकेश टिकैत पर गंभीर आरोप लगाया है। भानु गुट प्रमुख भानु प्रताप ने कहा राकेश टिकैत दर्ज मुकदमों को हटवाने के लिए धरने पर बैठे हैं। इनके हटते ही वह अपने गांव वापस चले जाएंगे।
धरना
किसान आंदोलन के विरोध में धरने पर बैठे ग्रामीण
इधर, जयपुर-दिल्ली हाईवे पर शाहजहांपुर बॉर्डर पर किसान आंदोलन के सामने ही 42 गांवो के ग्रामीणों ने मोर्चा खोल दिया है। यहां 42 गांव के ग्रामीण भी अब हाईवे पर किसान आंदोलन के सामने आकर बैठ गए हैं।
ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि जब तक किसान हाईवे खाली नहीं करेंगे तब तक 42 गांव के लोग हाईवे से नहीं हटेंगे।
मौके पर टकराव की स्थिति को रोकने के लिए राजस्थान सरकार ने भारी पुलिस बल तैनात किया है।