किसान आंदोलन पर अंतरराष्ट्रीय हस्तियों की टिप्पणियों को विदेश मंत्रालय ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया
क्या है खबर?
बीते दिन किसान आंदोलन के समर्थन में पॉप सिंगर रिहाना और जलवायु परिवर्तन कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग ने टिप्पणी की थी।
उनके बाद कई और अतंरराष्ट्रीय हस्तियों और संस्थाओं ने किसानों का समर्थन करते हुए सोशल मीडिया पर पोस्ट डाली थीं। इनमें से कुछ पोस्ट वायरल हो चुकी हैं और इंटरनेट पर ट्रेंड कर रही हैं।
इसी बीच भारतीय विदेश मंत्रालय ने इस टिप्पणियों के संबंध में अपना बयान जारी किया है।
आइये, जानते हैं कि इसमें क्या कहा गया है।
बयान
निहित स्वार्थी तत्व एजेंडा थोपना चाहते हैं- विदेश मंत्रालय
बयान में कहा गया है कि भारत की संसद ने विचार-विमर्श के बाद सुधारवादी कानून पारित किए हैं। किसानों का एक छोटा समूह इनका विरोध कर रहा है। प्रदर्शनकारी किसानों की भावनाओं को सम्मान करते हुए सरकार ने उनके साथ बातचीत की प्रक्रिया शुरू की थी। सरकार ने इन कानूनों के अमल पर रोक लगाने का भी प्रस्ताव दिया है। यह देखना दुर्भाग्यपूर्ण है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्व एजेंडा थोपकर इन प्रदर्शनों को पटरी से उतारना चाहते हैं।
बयान
ऐसे तत्वों ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाया- मंत्रालय
बयान में आगे कहा गया है कि कुछ निहित स्वार्थी तत्वों ने भारत के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय समर्थन जुटाने की कोशिश की है। ऐसे तत्वों से प्रेरित होकर दुनिया के कई हिस्सों में महात्मा गांधी की मूर्तियों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यह भारत के लिए और हर सभ्य समाज के लिए बेहद परेशान करने वाली बात है।
मंत्रालय ने आगे कहा कि पुलिस ने प्रदर्शनकारियों से निपटने में अत्यंत धैर्य का परिचय दिया।
बयान
'भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों के समर्थन में देखा जाए आंदोलन'
विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी बयान में कहा गया है कि इस प्रदर्शन को भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और नीतियों के संदर्भ में देखा जाना चाहिए। साथ ही सरकार और संबंधित किसान समूहों के इस गतिरोध को समाप्त करने के लिए किये जा रहे प्रयासों को भी देखना चाहिए।
बयान में आगे कहा गया है कि ऐसे मुद्दों पर टिप्पणी करने से करने से पहले इसके तथ्यों को जानना चाहिए और मामले को पूरी तरह समझना चाहिए।
बयान
ऐसे बयान न तो सही और न ही जिम्मेदारीपूर्ण- मंत्रालय
मंत्रालय ने बयान के आखिर में कहा है कि सनसनीखेज सोशल मीडिया हैशटैग और कमेंट्स से लुभाने का तरीका, खासकर जब मशहूर हस्तियों और अन्य लोगों द्वारा किया गया हो तो यह न तो सही है और न ही जिम्मेदारीपूर्ण है।'
ट्विटर पोस्ट
यहां देखिये विदेश मंत्रालय का बयान
#IndiaTogether #IndiaAgainstPropaganda https://t.co/TfdgXfrmNt pic.twitter.com/gRmIaL5Guw
— Anurag Srivastava (@MEAIndia) February 3, 2021
समर्थन
रिहाना और थनबर्ग ने क्या टिप्पणी की थी?
मंगलवार को रिहाना ने दिल्ली के आसपास इंटरनेट बंद होने की खबर को शेयर करते हुए लिखा, 'हम इसके बारे में बात क्यों नहीं कर रहे हैं?' अपने ट्वीट में उन्होंने #FarmersProtest हैशटैग इस्तेमाल किया था।
इसी तरह थनबर्ग ने भी इंटनरेट बंद होने वाली खबर शेयर करते हुए लिखा, 'हम भारत में हो रहे किसान आंदोलन के समर्थन में खड़े हैं।'
अमेरिका की उप राष्ट्रपति कमला हैरिस की भतीजी ने भी टिप्पणी की है।
जानकारी
भारतीय हस्तियों से किसानों का साथ देने की मांग
रिहाना के बाद दूसरी और भी कई अंतरराष्ट्रीय हस्तियों और संस्थाओं के अधिकारियों ने किसान आंदोलन को लेकर ट्वीट किए थे। दूसरी तरफ भारत में भी लोग टैग कर फिल्मी हस्तियों से इस बारे में बोलने की मांग करने लगे।
किसान आंदोलन
किसान आंदोलन में फिलहाल क्या चल रहा है?
सुप्रीम कोर्ट इन तीनों कानूनों के अमल पर अस्थायी रोक लगा चुका है।
दूसरी तरफ सरकार और किसानों के बीच कई दौर की बातचीत के बाद गतिरोध का हल नहीं निकल सका है।
सरकार संशोधन को तैयार है, लेकिन किसान कानून रद्द कराने की मांग पर अड़े हैं। किसानों ने अपनी मांगों को लेकर ट्रैक्टर परेड निकाली थी, जिसमें जमकर हिंसा हुई।
अब किसानों ने 6 फरवरी को तीन घंटे तक देशभर में चक्का जाम का आह्वान किया है।