अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होगा कृषि कानूनों के खिलाफ चल रहा आंदोलन- टिकैत
भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने मंगलवार को कहा कि किसान आंदोलन अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होगा। प्रदर्शनकारी किसानों को संबोधित करते हुए टिकैत ने कहा, "हमारा नारा 'कानून वापसी नहीं तो घर वापसी नहीं' है। यह आंदोलन अक्टूबर से पहले खत्म नहीं होगा। यह जल्द खत्म होने वाला आंदोलन नहीं है।" गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का नेतृत्व कर रहे टिकैत ने कहा कि इस दौरान सरकार से बातचीत चलती रहेगी।
क्यों आंदोलन कर रहे किसान?
मोदी सरकार कृषि सुधार के लिए तीन कानून लाई है। सरकार इन्हें कृषि क्षेत्र में उठाए गए ऐतिहासिक कदम बता रही है तो किसानों का कहना है कि सरकार इनके जरिये सरकार मंडियों और MSP से छुटकारा पाना चाहती है। आंदोलन कर रहे पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और कई राज्यों के किसान तीनों कानून रद्द करने की मांग कर रहे हैं, जबकि सरकार का कहना है कि वो कानूनों में संशोधन कर सकती है, लेकिन इन्हें रद्द नहीं किया जाएगा।
अक्टूबर से आगे की तारीख बाद में देंगे- टिकैत
टिकैत ने कहा है फिलहाल इस आंदोलन के खत्म होने के आसान नहीं है और ये सात-आठ महीने और दिल्ली के बॉर्डर पर चल सकता है। उन्होंने कहा, "हमने सरकार को बता दिया है कि ये आंदोलन अक्टूबर तक चलेगा। अक्टूबर तक के बारे में तो हम अभी कह रहे हैं। अक्टूबर से आगे की तारीख बाद में देंगे। सरकार से बातचीत भी चलती रहेगी लेकिन हमारा नारा वही रहेगा- जब तक कानून वापस नहीं, तब तक घर वापसी नहीं।"
सरकार फोन नंबर दे, हम बात करेंगे- टिकैत
हाल ही में सर्वदलीय बैठक में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि सरकार और किसानों के बीच एक फोन कॉल की दूरी है। किसान जब चाहे फोन कॉल कर सकते हैं। इस मामले का हल बातचीत से ही निकलेगा। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए टिकैत ने कहा, "प्रधानमंत्री ने यह बात कही है तो उनका स्वागत है। सरकार हमें वो नंबर दे, जिस पर बात करने के लिए सरकार एक फोन कॉल दूर है। हम बात करेंगे।"
संजय राउत ने की टिकैत से मुलाकात
शिवसेना नेता संजय राउत और अरविंद सावंत ने आज गाजीपुर बॉर्डर पर आकर राकेश टिकैत से मुलाकात की। टिकैत से मिलने के बाद राउत ने कहा कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यह संदेश देकर उन्हें गाजीपुर बॉर्डर भेजा है कि शिवसेना और महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह किसानों के साथ खड़ी है। खुद ठाकरे टिकैत से फोन पर बात करेंगे। टिकैत ने इस मौके पर कहा कि शिवसेना किसानों के चक्का जाम के आह्वान का भी समर्थन करती है।
सत्यपाल मलिक ने सरकार से की गतिरोध के समाधान की गुजारिश
दूसरी तरफ मेघायल के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने केंद्र सरकार से किसान आंदोलन को दबाने की कोशिश करने की जगह उनकी बात सुनने की अपील की है। मलिक ने कहा कि किसी भी मामले को दबाने से कोई समाधान नहीं होता। इसे दबाने से कुछ समय के लिए यह दब जाएगा, लेकिन बाद में यह और मजबूत होकर सामने आएगा। उन्होंने कहा कि इस मामला का जल्द समाधान निकलना राष्ट्रहित में है इसलिए दोनों पक्षों को बात करनी चाहिए।