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CJI संजीव खन्ना ने मामलों की तत्काल सुनवाई पर कहा- अब मौखिक प्रस्तुति को अनुमति नहीं
CJI संजीव खन्ना ने मामलों की तत्काल सुनवाई को लेकर आदेश दिया

CJI संजीव खन्ना ने मामलों की तत्काल सुनवाई पर कहा- अब मौखिक प्रस्तुति को अनुमति नहीं

लेखन गजेंद्र
Nov 12, 2024
04:13 pm

क्या है खबर?

भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना ने कार्यभार संभालने के बाद मंगलवार को मामलों की तत्काल सुनवाई को लेकर आदेश दिया है। उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट में मामलों की तत्काल लिस्टिंग और सुनवाई के लिए कोई मौखिक प्रस्तुतियां नहीं दी जाएंगी, वकील इसके लिए ईमेल या लिखित पत्र भेजें और तत्काल सुनवाई का कारण बताएं। नवनियुक्त CJI के इस फैसले से तत्काल सुनवाई के लिए लगने वाले मामलों की सुनवाई में फर्क पड़ सकता है।

सुनवाई

न्यायिक सुधार के लिए उठाए कदम

सुप्रीम कोर्ट में आमतौर पर वकील दिन की कार्यवाही की शुरुआत में CJI की अगुवाई वाली पीठ के सामने अपने मामलों का उल्लेख करते हैं ताकि मामलों की बारी से पहले लिस्टिंग और सुनवाई की जा सके। CJI ने अब इसी मौखिक उल्लेख को बंद करने का निर्देश दिया है और इसकी जगह लिखित में उल्लेख देना होगा। इसके अलावा CJI ने न्यायिक सुधारों के लिए नागरिक-केंद्रित एजेंडा की रूपरेखा तैयार की है।

कार्यभार

सोमवार को ग्रहण किया है कार्यभार

न्यायमूर्ति संजीव खन्ना ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में CJI पद की शपथ ग्रहण की है। उनको राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शपथ दिलवाई थी। CJI खन्ना ने पदभार संभालते ही कहा कि नागरिकों को उनकी स्थिति की परवाह किए बिना न्याय तक आसान पहुंच और समान व्यवहार सुनिश्चित करना न्यायपालिका का संवैधानिक कर्तव्य है। उन्होंने कोर्ट की चुनौतियों की पहचान की, जिनमें लंबित मुकदमों को कम करना, मुकदमेबाजी को किफायती बनाना तथा जटिल कानूनी प्रक्रियाओं को सरल बनाना शामिल है।