'नारी शक्ति' से लेकर 'शंखनाद' तक, 70वें गणतंत्र दिवस परेड में ये सब हुआ पहली बार
क्या है खबर?
देश आज 70वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। इसी दिन 1950 में देश में संविधान लागू हुआ था।
हर साल गणतंत्र दिवस के मौके पर राजपथ पर राष्ट्रपति तीनों सेनाओं की सलामी लेते हैं और परेड में पूरी दुनिया भारत और उसकी सेना का दमखम देखती है।
अतिथि दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा की मौजूदगी में इस साल कई चीजें गणतंत्र दिवस समारोह के इतिहास में पहली बार हुईं।
आइए जानते हैं कौन सी हैं ये खास बातें।
नजीर अहमद वानी
अशोक चक्र पाने वाले पहले कश्मीरी बने शहीद नजीर
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने शहीद नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित किया।
उनकी तरफ से यह सम्मान उनकी पत्नी और मां ने ग्रहण किया।
नजीर अशोक चक्र से सम्मानित होने वाले पहले कश्मीरी हैं।
वह पहले आतंक की राह पर निकल गए थे, लेकिन वह यह रास्ता त्यागते हुए सेना में शामिल हो गए।
नजीर पिछले साल नवंबर में कश्मीर के शोपियां में आतंकवादियों से लोहा लेते वक्त शहीद हो गए थे।
लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी
महिला अफसर ने किया पुरुष सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व
देश के इतिहास में पहली बार एक महिला अधिकारी ने पुरुष सैन्य टुकड़ी का नेतृत्व किया।
लेफ्टिनेंट भावना कस्तूरी के नेतृत्व में भारतीय सेना की सबसे पुरानी रेजीमेंट 'आर्मी सर्विस कॉर्प्स' के 144 जवानों ने राजपथ पर मार्च किया।
ढाई साल पहले सेना से जुड़ने वाली लेफ्टिनेंट भावना को इसके लिए कठिन स्क्रीनिंग प्रक्रिया से गुजरना पड़ा।
स्कूल में NCC से जुड़ने वाली लेफ्टिनेंट भावना इसके लिए पिछले 6 महीने से कड़ी मेहनत कर रही थीं।
कैप्टन शिखा सुरभि
पहली बार महिला अफसर ने किए खतरनाक बाइक स्टंट
परेड में होने वाले खतरनाक बाइक स्टंट तो आपने अवश्य देखें होंगे और आपको पसंद भी होंगे।
इन स्टंट को आर्मी डेयरडेविल्स टीम करती है।
परेड के इतिहास में पहली बार एक महिला अफसर डेयरडेविल्स टीम का हिस्सा बनी।
कैप्टन शिखा सुरभि ने अपने पुरुष साथियों के साथ खतरनाक स्टंट करते हुए नारी शक्ति का अद्भुत परिचय दिया।
आर्मी डेयरडेविल्स की टीम के नाम खतरनाक बाइक स्टंट करने के लिए 24 विश्व रिकॉर्ड दर्ज हैं।
मेजर खुशबू तंवर
असम राइफल की महिला सैन्य टुकड़ी
असम राइफल्स की महिलाओं की एक पूरी सैन्य टुकड़ी ने पहली बार राजपथ पर कदमताल किया।
भारत के सबसे पुराने अर्धसैनिक बल असम राइफल्स में साल 2012 में महिलाओं का प्रवेश शुरु हुआ था।
टुकड़ी का नेतृत्व मेजर खुशबू कंवर ने किया। 30 वर्षीय कंवर एक बच्चे की मां भी हैं।
इसके अलावा इस साल गणतंत्र दिवस परेड में हिस्सा लेने वाली महिला सैनिकों की संख्या इतिहास में सबसे ज्यादा थी।
आजाद हिंद फौज
पहली बार शामिल हुए आजाद हिंद फौज के सदस्य
सुभाष चंद्र बोस की आजाद हिंद फौज (INA) के चार सदस्य पहली बार परेड में शामिल हुए।
परमानंद, ललित राम, हीरा सिंह और भगमल परेड में हिस्सा लेने वाले INA के पहले सदस्य बने।
इन सभी की उम्र 95 से 100 साल के बीच में है।
सरकार के इस कदम को आजादी के संघर्ष में नेताजी सुभाष चंद्र बोस और उनकी आजाद हिंद फौज के योगदान को पहचान और सम्मान देने से जोड़कर देखा जा रहा है।
शंखनाद
भारतीय सैन्य धुन 'शंखनाद'
परेड के इतिहास में पहली बार सैन्य धुन 'शंखनाद' को बजाया गया।
भारतीय सेना के लिए बनी यह धुन अंग्रेजों के जमाने से चली आ रही धुन का स्थान लेगी।
महार रेजिमेंट के एक पूर्व सैनिक द्वारा लिखित एक कविता पर आधारित यह धुन भारतीय शास्त्रीय संगीत का शानदार नमूना है।
यही नहीं, परेड के इतिहास में पहली बार वायुसेना के एक जहाज ने पारंपरिक के साथ बायो-फ्यूल का इस्तेमाल करते हुए उड़ान भरी।
सैन्य हथियार
पहली बार दिखाए गए हथियार
परेड में पहली बार दिखाए गए सैन्य हथियारों की बात करें तो रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) ने अपनी सतह से हवा में वार करने में सक्षण मध्यम दूरी की मिसाइल (MRSAM) और अर्जुन बख्तरबंद रिकवरी एवं मरम्मत वाहन (अर्जुन ARRV) को दिखाया।
इसके अलावा K-9 वज्र और M777 होवित्जर ने पहली बार परेड में हिस्सा लिया।
वज्र जहां प्रधानमंत्री मोदी के 'मेक इन इंडिया' की एक झांकी है, वहीं M777 होवित्जर को अमेरिका से खरीदा गया है।