भारत निर्मित लाइट टैंक जोरावर की दिखी झलक, बहुत कम समय में हुआ विकसित
भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) ने रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के साथ मिलकर 24 महीने से भी कम समय में स्वदेशी लाइट टैंक जोरावर का प्रारंभिक आंतरिक परीक्षण पूरा कर लिया है। रक्षा सूत्रों ने कहा कि टैंक ने गुजरात के हजीरा में L&T के प्लांट में ट्रैक टेस्ट पूरा कर लिया है और सुझाए गए कुछ बदलावों के हिसाब से इसे अपडेट किया गया। अब सेना के साथ समन्वय में रेगिस्तान में टेस्ट किया जाएगा।
लद्दाख की पहाड़ियों पर होगी टैंक की टेस्टिंग
दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, रेगिस्तान में टेस्ट पूरा होने के बाद जोरावर को अंत में लद्दाख के ऊंचाई वाले क्षेत्रों में टेस्ट के लिए ले जाया जाएगा। ताकि, ऐसे इलाकों ऊंचाई वाले और अत्यधिक ठंड़ वाले क्षेत्र में इसकी क्षमता परखी जा सके। अगर, सब कुछ ठीक रहा तो टैंकों को 2027 तक भारतीय सेना में शामिल किया जा सकता है। बता दें, सरकार ने मार्च, 2022 में हल्के टैंकों के स्वदेशी डिजाइन और विकास को मंजूरी दी थी।
LAC पर तैनात होगा जोरावर
वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर चीन का मुकाबला करने के उद्देश्य से पूर्वी लद्दाख सेक्टर में भारतीय सेना की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए DRDO द्वारा इस टैंक को विकसित किया जा रहा है। अपने हल्के वजन और उच्च क्षमताओं के कारण यह टैंक भारी वजन वाले T-72 और T-90 टैंकों की तुलना में पहाड़ों में खड़ी चढ़ाई और नदियों और अन्य जल निकायों को अधिक आसानी से पार कर सकता है।