'मिशन शक्ति' पर पूर्व DRDO प्रमुख का दावा, कांग्रेस सरकार ने नहीं दी थी मंजूरी
क्या है खबर?
बुधवार को भारत के एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद इस पर राजनीति का दौर शुरु हो गया है।
पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आरोप लगाया कि अगर कांग्रेस सरकार पहले मंजूरी दे देती तो मिसाइल बहुत पहले बन गई होती।
अब मिसाइल बनाने वाले रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) के पूर्व प्रमुख वीके सारस्वत ने जेटली के विचारों से सहमति जताते हुए कहा है कि कांग्रेस सरकार ने मिसाइल बनाने के लिए मंजूरी नहीं दी थी।
बयान
'सरकार ने ध्यान से सुना, लेकिन मंजूरी नहीं दी'
समाचार एजेंसी ANI के अनुसार, सारस्वत ने बताया कि कांग्रेस राज में जब इस पर विचार किया जा रहा था, तब DRDO तत्कालीन राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) और राष्ट्रीय सुरक्षा समिति के सामने प्रस्तुति दी थी, लेकिन मंजूरी नहीं मिली।
उन्होंने कहा, "हमें ध्यान से सुना गया, लेकिन दुर्भाग्यवश हमें सरकार से सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। इसलिए हम आगे नहीं बढ़े।"
बता दें कि जिस समय यह हुआ, उस समय शिव शंकर मेनन NSA थे।
राजनीतिक इच्छाशक्ति
मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ
सारस्वत ने इस बीच प्रस्ताव को मंजूरी देने के लिए प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ की।
उन्होंने कहा, "जब डॉ. सतीश रेड्डी और NSA अजीत डोभाल ने प्रस्ताव को प्रधानमंत्री मोदी के सामने रखा तो उन्होंने साहस दिखाते हुए मंजूरी दे दी।"
सारस्वत ने कहा कि अगर 2012-13 में ही प्रस्ताव को हरी झंडी मिल गई होती तो परीक्षण 2014-15 में हो चुका होता।
बता दें कि UPA सरकार के समय सारस्वत ही DRDO के प्रमुख थे।
जी माधवन नायर
ISRO के पूर्व चेयरमैन ने भी की मोदी की तारीफ
सारस्वत के अलावा पूर्व ISRO चेयरमैन जी माधवन नायर ने भी कहा है कि भारत के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल बनाने की क्षमता 10 पहले ही थी।
उन्होंने कहा, "लेकिन उस समय की सरकार के पास तकनीक के प्रदर्शन के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति नहीं थी।"
सारस्वत से सहमति जताते हुए माधवन ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के पास एंटी-सैटेलाइट मिसाइल के परीक्षण की मंजूरी देने के लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति और साहस था और हमने आज इसे पूरी दुनिया को दिखा दिया।
राजनीति
जेटली ने लगाया था कांग्रेस पर आरोप
बता दें कि मिसाइल के सफल परीक्षण के बाद बुधवार को अरुण जेटली ने आरोप लगाया था कि वैज्ञानिकों के पास 10 पहले ही इसे बनाने की काबिलियत थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने मंजूरी नहीं दी।
उन्होंने दावा किया कि जब भारत ने अप्रैल 2012 में अग्नि-5 का सफल परीक्षण किया था, तब DRDO प्रमुख वीके सारस्वत ने कहा था कि देश अब एंटी-सैटेलाइट मिसाइल बना सकता है, लेकिन सरकार ने इसकी इजाजत नहीं दी।